Bokaro Arrest: पुलिस ने अंतरराज्यीय बदमाशों को हथियारों के साथ पकड़ा, बिश्नोई गैंग के साथ कनेक्शन का शक
बोकारो पुलिस ने अंतरराज्यीय बदमाशों अनूप कुमार महतो और प्रशांत सिंह को हथियारों के साथ गिरफ्तार किया। जानें उनके जुड़ाव और गिरफ्तार करने के पीछे का बड़ा राज।
बोकारो, 12 जनवरी 2025: बोकारो जिले में पुलिस ने शुक्रवार की रात एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया, जिसमें दो कुख्यात अंतरराज्यीय बदमाशों को हथियारों के साथ गिरफ्तार किया गया। यह घटना बोकारो के बंजरिया थाना क्षेत्र के अंबिका नगर नहर के पास स्थित चांटी माई मंदिर के नजदीक श्मशान घाट से हुई। पुलिस ने इन बदमाशों को तब गिरफ्तार किया जब वे किसी बड़ी घटना को अंजाम देने के लिए अपने साथियों के साथ पहुंचे थे। इस कार्रवाई से एक बड़ी घटना टल गई, और पुलिस को बड़ी सफलता मिली।
गिरफ्तार बदमाशों का अपराधी इतिहास
गिरफ्तार किए गए अपराधियों में एक अनूप कुमार महतो है, जो झारखंड के बोकारो जिले के कसमार थाने के पूर्णाडीह का रहने वाला है। दूसरा बदमाश प्रशांत सिंह है, जो लखनऊ के गोमतीनगर का निवासी है, और वर्तमान में दिल्ली के दक्षिणी इलाके के नइब सराय में रहता है। पुलिस ने उनके पास से एक कट्टा और जिंदा कारतूस भी बरामद किया है। इस गिरफ्तार किए गए प्रशांत सिंह के बारे में जानकारी मिली है कि वह दिल्ली में लूट और आर्म्स एक्ट के मामलों में पहले भी संलिप्त रहा है। वह तिहाड़ जेल जा चुका है, जहां उसकी मुलाकात बिश्नोई गैंग से हुई थी।
बिश्नोई गैंग का कनेक्शन और जांच जारी
प्रशांत सिंह का बिश्नोई गैंग से संपर्क स्थापित होने की जानकारी पुलिस को मिली है, और इसकी सत्यता की जांच की जा रही है। थानाध्यक्ष इंद्रजीत पासवान ने बताया कि इस गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में कई महत्वपूर्ण खुलासे हुए हैं, और अब पुलिस अनूप कुमार महतो और फरार अन्य साथियों के बारे में जानकारी जुटाने में लगी है। पुलिस ने इस मामले में काफी तेजी से जांच और कार्रवाई शुरू कर दी है, ताकि अपराधियों के नेटवर्क को पूरी तरह से बेनकाब किया जा सके।
कसमार थाना में अनूप का रिकॉर्ड शून्य, क्या है सच्चाई?
हालांकि, अनूप कुमार महतो के बारे में कुछ रोचक तथ्य सामने आए हैं। कसमार थाना में अनूप का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं पाया गया है, और न ही बोकारो जिले के किसी भी थाना में उस पर कोई मामला दर्ज है। कसमार थाना प्रभारी भजनलाल ने बताया कि इस नाम के किसी युवक पर कोई अपराधी गतिविधि का मामला नहीं है। इसके अलावा, गांव के लोगों का कहना है कि अनूप अपराधिक प्रवृत्ति का व्यक्ति नहीं है और वह खेती-किसानी का काम करता है।
अनूप का कनेक्शन और पुलिस की जांच
हालांकि, अनूप के बारे में सबकुछ साफ नहीं है। कुछ दिनों से वह गांव में नहीं दिखा है, और पुलिस उसकी तलाश में जुटी हुई है। क्या वह किसी अपराधी गिरोह का हिस्सा था, या यह एक भ्रम है? इस सवाल का जवाब जल्द ही सामने आने की संभावना है। बोकारो पुलिस के डीएसपी अनिमेष कुमार गुप्ता ने भी इस मामले की गंभीरता को स्वीकार करते हुए कहा कि अगर अनूप के बारे में कोई और जानकारी मिलती है, तो वह भी जांच में शामिल की जाएगी।
पुलिस की सक्रियता और भविष्य की रणनीतियां
बोकारो पुलिस ने इस गिरफ्तारगी में अपनी सक्रियता और तत्परता को साबित किया है। थानाध्यक्ष इंद्रजीत पासवान के नेतृत्व में पुलिस टीम ने बेहद संजीदगी से इस ऑपरेशन को अंजाम दिया। इसके अलावा, अपर थानाध्यक्ष त्रिभुवन कुमार, दारोगा कामेश्वर सिंह, प्रशिक्षु दारोगा सोनेलाल कुमार और अन्य पुलिस कर्मियों की मदद से इस बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया गया।
बोकारो पुलिस की इस सफलता ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि पुलिस अपराधियों के खिलाफ लगातार सख्त कार्रवाई कर रही है। अब सवाल यह है कि क्या यह सिर्फ एक अपराधी गिरोह की कहानी है, या इसके पीछे कुछ और बड़ा राज छिपा हुआ है? पुलिस की जांच इस बात को और भी स्पष्ट करेगी, और इसके बाद अपराधियों के इस नेटवर्क के खिलाफ और कड़ी कार्रवाई की जा सकती है।
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