Swarnrekha Mahotsav: जमशेदपुर में आयोजित हुआ 20वां स्वर्णरेखा महोत्सव, दोमुहानी और पांडेय घाट पर नदी पूजन, विधायक सरयू राय का योगदान!
स्वर्णरेखा महोत्सव में जमशेदपुर के दोमुहानी और पांडेय घाट पर हुआ खास नदी पूजन। विधायक सरयू राय ने साड़ियां भेंट कीं और आयोजन में श्रद्धालुओं की बढ़ी भीड़। जानिए इस ऐतिहासिक महोत्सव के बारे में सब कुछ।
मकर संक्रांति के खास मौके पर जमशेदपुर में आयोजित हुआ 20वां स्वर्णरेखा महोत्सव, जो एक अद्वितीय धार्मिक और सामाजिक आयोजन बनकर उभरा। स्वर्णरेखा क्षेत्र विकास ट्रस्ट और युगांतर भारती के संयुक्त तत्वावधान में यह महोत्सव न केवल नदी की पूजा का एक अवसर था, बल्कि इसने लोगों में एकता और धार्मिक भावनाओं का संचार भी किया। इस कार्यक्रम का हिस्सा बनने के लिए जमशेदपुर के दोमुहानी और पांडेय घाट पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी, और सभी ने इस ऐतिहासिक पर्व को सच्चे श्रद्धा भाव से मनाया।
मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित विधायक सरयू राय ने इस कार्यक्रम में अपना आशीर्वाद दिया। नदी पूजन के अवसर पर पंडित विनोद पांडेय ने मंत्रोच्चारण के साथ नदी की आरती उतारी और साथ ही नदी के शुद्धिकरण की प्रक्रिया को भी पूरा किया। इस मौके पर भक्तों को तिलकुट और लड्डू बांटे गए, जो इस अवसर का स्वाद और आनंद बढ़ा रहे थे।
इतिहास की एक झलक: नदी पूजा का महत्व
स्वर्णरेखा नदी, जो झारखंड और बंगाल के सीमावर्ती इलाकों में बहती है, ऐतिहासिक दृष्टि से भी बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस नदी को 'गंगा' के समान पूजनीय माना जाता है, और यह क्षेत्र हमेशा से धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियों का केंद्र रहा है। पुराने समय में इस नदी के किनारे विभिन्न धार्मिक आयोजनों का आयोजन किया जाता था, जिनमें नदी पूजा सबसे प्रमुख थी। इसे लेकर स्थानीय लोग आज भी अपनी धार्मिक आस्थाओं को बनाए रखते हैं।
विधायक सरयू राय की पहल: साड़ी वितरण
महोत्सव के दौरान विधायक सरयू राय ने एक अनोखी पहल की। उन्होंने जमशेदपुर की जरूरतमंद महिलाओं को साड़ी भेंट की। यह gesture न केवल उनकी सामाजिक जिम्मेदारी को दर्शाता है, बल्कि इसने उनकी लोकप्रियता को भी और बढ़ाया। स्थानीय लोग इस पहल को सराहते हुए विधायक की निस्वार्थ भावना की तारीफ कर रहे हैं।
आयोजन में शामिल प्रमुख लोग
स्वर्णरेखा महोत्सव के इस विशेष अवसर पर ट्रस्ट के दोनों ट्रस्टी आशुतोष राय और अशोक गोयल के अलावा कई अन्य सम्मानित लोग भी शामिल थे। इनमें मनोज सिंह (सीबीएमडी), सुररंजन राय, ललन द्विवेदी, और कई अन्य समाजसेवी मौजूद थे, जिन्होंने इस आयोजन को सफल बनाने में अपना योगदान दिया। इनके साथ ही अन्य गणमान्य व्यक्ति जैसे कि नीरु सिंह, रीता सिंह, और विजय कुमार भी महोत्सव का हिस्सा बने।
इस अवसर पर चर्चित नदी पूजा कार्यक्रम में खरकई-स्वर्णरेखा संरक्षण समिति ने भी योगदान दिया। सूर्योदय नेशनल सोशल वेलफेयर एंड एजुकेशनल एकेडमी द्वारा आयोजित इस पूजा में भी विधायक सरयू राय शामिल हुए, और पूरे कार्यक्रम को धार्मिक आस्था का प्रतीक माना गया।
समाजिक जागरूकता और सुरक्षा पर जोर
स्वर्णरेखा महोत्सव केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि एक सामाजिक जागरूकता का भी प्रतीक बन चुका है। इस महोत्सव के दौरान कई सामाजिक मुद्दों पर भी चर्चा हुई, और लोगों को पर्यावरण संरक्षण, जलवायु परिवर्तन और नदी के संरक्षण के महत्व के बारे में जागरूक किया गया। इसके साथ ही, नदी के आसपास की सफाई अभियान और जल प्रदूषण के खिलाफ उपायों पर भी जोर दिया गया।
एकता और आस्था का पर्व
स्वर्णरेखा महोत्सव न केवल एक धार्मिक उत्सव था, बल्कि यह समाज में एकता और भाईचारे का संदेश भी देने वाला था। नदी पूजन और समाजसेवी गतिविधियों का यह आयोजन निश्चित रूप से जमशेदपुर और उसके आसपास के क्षेत्र में एक लंबे समय तक याद रखा जाएगा।
What's Your Reaction?