Goilkera Tragedy: पति के फरार होने के बाद बीमार महिला अस्पताल में भर्ती
पश्चिम सिंहभूम के गोइलकेरा प्रखंड में बीमार महिला और डेढ़ माह के बच्चे को छोड़कर पति फरार। झामुमो नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने अस्पताल में भर्ती कराया। पढ़ें पूरी कहानी।
चक्रधरपुर, 21 नवंबर 2024: पश्चिम सिंहभूम के गोइलकेरा प्रखंड के कटकरा गांव में रहने वाली शकुंतला नामक महिला की जिंदगी किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं। प्रेम विवाह, पति का फरार होना, बीमारी और समाज की मदद—यह सब मिलकर एक दर्दभरी दास्तान बनाते हैं।
प्रेम विवाह और संघर्ष की शुरुआत
शकुंतला ने पटना निवासी गंगासागर नामक युवक के साथ प्रेम विवाह किया था। शादी के बाद उनके घर एक बेटे ने जन्म लिया, जो अभी मात्र डेढ़ माह का है। सब कुछ ठीक चल रहा था, लेकिन तीन महीने पहले गंगासागर बिना कुछ बताए उन्हें और उनके बच्चे को छोड़कर फरार हो गया।
गांव वालों के अनुसार, शादी के बाद शकुंतला ने अपनी नई जिंदगी की शुरुआत तो की, लेकिन पति के अचानक गायब हो जाने के बाद उसकी दुनिया उजड़ गई।
बीमारी और मदद की दरकार
पति के जाने के बाद शकुंतला का स्वास्थ्य बिगड़ने लगा। बिना किसी आर्थिक सहारे के, उसने जैसे-तैसे अपनी और अपने बेटे की जिंदगी चलाने की कोशिश की। लेकिन बीमारी ने उसकी हालत और बिगाड़ दी।
इस मुश्किल वक्त में झामुमो नेता दिनेश जेना, रामलाल मुंडा और सामाजिक कार्यकर्ता धीरज महतो ने उसकी मदद के लिए हाथ बढ़ाया। उन्होंने शकुंतला को चक्रधरपुर अनुमंडल अस्पताल में भर्ती कराया, जहां फिलहाल उसका इलाज चल रहा है।
पति से आखिरी संपर्क
शकुंतला ने बताया कि उसका पति तीन माह से फरार है। हालांकि, कभी-कभी वह बीर सिंह बोदरा नामक व्यक्ति के मोबाइल फोन से उससे संपर्क करता है। यह आखिरी धागा है, जो उसे उसके पति से जोड़ता है।
वह इस वक्त न केवल शारीरिक रूप से बीमार है, बल्कि मानसिक रूप से भी बेहद परेशान है। डेढ़ महीने के मासूम बच्चे की देखभाल और अपनी खराब सेहत ने उसे अंदर से तोड़ दिया है।
गांव के लोगों की प्रतिक्रिया
कटकरा गांव के लोग इस घटना से स्तब्ध हैं। उनका कहना है कि यह मामला केवल एक परिवार का नहीं, बल्कि समाज के लिए एक बड़ी सीख है।
स्थानीय निवासी:
"ऐसे हालात में एक महिला और उसके बच्चे को बेसहारा छोड़ना बेहद शर्मनाक है। हम सभी को मिलकर उसकी मदद करनी चाहिए।"
झारखंड के ग्रामीण इलाकों की सामाजिक तस्वीर
झारखंड के ग्रामीण इलाकों में महिलाओं के संघर्ष की यह कहानी अकेली नहीं है। आदिवासी और ग्रामीण इलाकों में महिलाओं को अक्सर सामाजिक और आर्थिक मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।
- आदिवासी समाज: शादी के बाद महिलाओं का संघर्ष बढ़ जाता है।
- आर्थिक चुनौतियां: पति के अभाव में महिलाओं को घर और बच्चों की जिम्मेदारी उठानी पड़ती है।
- स्वास्थ्य सुविधाएं: ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं की कमी एक गंभीर समस्या है।क्या होगा शकुंतला का भविष्य?
शकुंतला फिलहाल अस्पताल में इलाज करा रही है, लेकिन सवाल यह है कि क्या उसे और उसके बच्चे को एक सुरक्षित भविष्य मिल पाएगा?
झामुमो नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने उसे राहत तो पहुंचाई है, लेकिन यह अस्थायी समाधान है। उसके पति की खोज और उसकी स्थिति में सुधार के लिए स्थायी कदम उठाने की जरूरत है।
पुलिस और प्रशासन की जिम्मेदारी
शकुंतला के पति की तलाश और उसकी आर्थिक मदद के लिए प्रशासन को पहल करनी चाहिए।
- सामाजिक संस्थाएं: उन्हें ऐसे मामलों में आगे आकर मदद करनी चाहिए।
- पुलिस: पति की खोज और उसके गायब होने के पीछे के कारणों का पता लगाना चाहिए।
झारखंड की जमीनी हकीकत
यह मामला झारखंड के ग्रामीण समाज की वास्तविकता को उजागर करता है, जहां महिलाओं को पति के बिना कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। समाज और प्रशासन को मिलकर इस समस्या का समाधान करना होगा।
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