Jamshedpur Celebration: क्षत्रिय महिला संघ का भव्य होली मिलन, रंग-गुलाल संग गूंजे फगुआ गीत!
झारखंड क्षत्रिय महिला संघ, सिदगोड़ा इकाई द्वारा जमशेदपुर के बारीडीह में भव्य होली मिलन समारोह का आयोजन किया गया। रंग-गुलाल और फगुआ गीतों के बीच महिलाओं ने उत्सव का भरपूर आनंद लिया।

जमशेदपुर: फागुन का महीना हो और होली की उमंग न हो, ऐसा कैसे हो सकता है? झारखंड क्षत्रिय महिला संघ, सिदगोड़ा इकाई द्वारा आयोजित भव्य होली मिलन समारोह में रंगों की ऐसी बरसात हुई कि पूरा माहौल फगुआ के रंग में रंग गया।
बारीडीह स्थित सेलिब्रेशन हॉल में आयोजित इस कार्यक्रम में सैकड़ों महिलाओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। संघ की प्रमुख पदाधिकारियों के साथ 12 इकाइयों की अध्यक्ष व महासचिव भी इस अवसर पर उपस्थित रहीं। सभी ने एक-दूसरे को रंग-गुलाल लगाया और फगुआ गीतों के सुरों में खो गए।
संघ की प्रमुख पदाधिकारियों की रही खास मौजूदगी
कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि संघ की संरक्षिका सुमित्रा देवी, अध्यक्ष डॉ. कविता परमार, महासचिव मंजू सिंह समेत अन्य पदाधिकारी शामिल हुए। संघ की 12 इकाइयों की अध्यक्ष और महासचिवों को विशेष रूप से सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम का संचालन प्रीति चौहान ने किया, जबकि इकाई अध्यक्ष मनोरमा सिंह और उनकी पूरी टीम ने आयोजन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
रंगों और परंपराओं का अनूठा संगम
कार्यक्रम में न केवल रंग-गुलाल उड़ाए गए, बल्कि महिलाओं ने पारंपरिक चैता गीतों की शानदार प्रस्तुति देकर माहौल को और भी जीवंत बना दिया।
"होली का असली आनंद तो पारंपरिक गीतों और रंगों के मेल से ही आता है," – एक महिला सदस्य
संघ के इस आयोजन ने यह दिखा दिया कि आधुनिकता के बीच भी संस्कृति और परंपरा को संजोकर रखना कितना जरूरी है।
होली मिलन समारोहों का ऐतिहासिक महत्व
भारत में होली मिलन समारोहों की परंपरा सदियों पुरानी है।
- राजा-महाराजाओं के दौर में होली को खास अंदाज में मनाया जाता था, जहां दरबारों में फाग गाए जाते थे।
- ब्रज और बनारस में आज भी होली मिलन का महत्व इतना अधिक है कि इसमें दूर-दूर से लोग शामिल होते हैं।
- राजपूत क्षत्रिय समाज में इस उत्सव का विशेष महत्व रहा है, जहां वीरता और भाईचारे का प्रतीक होली मिलन लंबे समय से मनाया जाता रहा है।
संघ के प्रयास और महिला सशक्तिकरण
झारखंड क्षत्रिय महिला संघ न केवल सांस्कृतिक आयोजनों में सक्रिय है, बल्कि महिला सशक्तिकरण, शिक्षा और सामाजिक कार्यों में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेता है।
"हमारा उद्देश्य महिलाओं को एक मंच देना है, जहां वे अपनी परंपराओं से जुड़ें और समाज के विकास में योगदान दें," – संघ अध्यक्ष डॉ. कविता परमार
संघ द्वारा आयोजित यह होली मिलन समारोह सिर्फ रंगों का त्योहार नहीं था, बल्कि यह आपसी भाईचारे, महिला सशक्तिकरण और परंपराओं को संजोने का एक अनूठा प्रयास था।
आने वाले वर्षों में यह आयोजन और भव्य होगा, जहां संस्कृति और परंपरा का अनूठा संगम देखने को मिलेगा।
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