Jamshedpur Educational Tour – सरकारी स्कूलों के 420 बच्चों ने किया शहर का शैक्षणिक भ्रमण, जानिए क्या सीखा!
जमशेदपुर के 14 सरकारी स्कूलों के 420 बच्चों ने जिला उपायुक्त की पहल पर शहर के प्रतिष्ठित संस्थानों और कंपनियों का शैक्षणिक भ्रमण किया। जानिए बच्चों ने क्या सीखा और क्या था इस कार्यक्रम का उद्देश्य।
जमशेदपुर में एक अनोखी पहल के तहत जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त श्री अनन्य मित्तल के मार्गदर्शन में सरकारी स्कूलों के 420 बच्चों ने विभिन्न प्रतिष्ठित संस्थानों और कंपनियों का शैक्षणिक भ्रमण किया। इस कार्यक्रम में बच्चों को कला-संस्कृति, खेल-कूद, तकनीकी प्रशिक्षण और विश्वस्तरीय कंपनियों के कार्यशैली को नजदीक से समझने का अवसर मिला।
क्या था कार्यक्रम का उद्देश्य?
इस शैक्षणिक भ्रमण का मुख्य उद्देश्य सरकारी स्कूलों के छात्रों को वास्तविक जीवन के अनुभवों से जोड़ना और व्यावहारिक शिक्षा प्रदान करना था। 14 स्कूलों के 11वीं कक्षा के 420 बच्चों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया। बच्चों ने शहर की प्रसिद्ध कंपनियों, खेल कॉम्प्लेक्स, कला-संस्कृति केंद्रों और तकनीकी संस्थानों का दौरा किया।
कौन-कौन सी जगहों का किया भ्रमण?
- जेआरडी टाटा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स – जहां बच्चों ने विश्वस्तरीय खेल संरचनाओं और खिलाड़ियों की सफलता की कहानियों को जाना।
- झारखंड राइफल क्लब – शूटिंग रेंज का अनुभव और खेलों में आधुनिक तकनीकों की जानकारी।
- टाटा मोटर्स और टाटा स्टील यूएसआईएल – उद्योगों के कार्यप्रणाली और तकनीकी समझ का अनुभव।
- सीएसआईआर-एनएमएल और एनटीटीएफ – तकनीकी नवाचार और प्रशिक्षण प्रक्रियाओं को करीब से देखा।
- ट्राइबल कल्चर सेंटर – आदिवासी कला और संस्कृति के बारे में सीखा।
शैक्षणिक भ्रमण में किन स्कूलों ने लिया भाग?
इस कार्यक्रम में जिले के 14 सरकारी स्कूलों ने भाग लिया, जिनमें शामिल थे:
- उत्क्रमित प्लस टू हाई स्कूल, ज्वालकाटा
- मनोहरलाल प्लस टू हाई स्कूल, चाकुलिया
- आदिवासी प्लस टू हाई स्कूल, सीतारामडेरा
- बीपीएम प्लस टू हाई स्कूल, बर्मामाइंस
- शिवलाल प्लस टू हाई स्कूल, मुसाबनी
हर स्कूल से 30 छात्रों का चयन आंतरिक प्रतियोगिता के आधार पर किया गया।
बच्चों का अनुभव और प्रतिक्रिया
इस शैक्षणिक भ्रमण के बाद बच्चों ने उपायुक्त श्री मित्तल का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह उनके जीवन का अविस्मरणीय अनुभव रहा। बच्चों ने बताया कि जिन संस्थानों और कंपनियों के बारे में वे अब तक केवल किताबों में पढ़ते थे, उन्हें प्रत्यक्ष रूप से देखना और समझना उनके लिए बेहद प्रेरणादायक रहा।
उपायुक्त का क्या कहना है?
श्री अनन्य मित्तल ने इस कार्यक्रम को लेकर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि इससे बच्चों में ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और राष्ट्रबोध की भावना का विकास होगा। इस एक्सपोजर विजिट का उद्देश्य बच्चों को व्यावहारिक शिक्षा देना और भविष्य में उनके करियर के लिए बेहतर विकल्पों से अवगत कराना है।
आगे क्या है योजना?
इस पहल के अंतर्गत आगामी 16 जनवरी को अष्टकोशी प्लस टू हाई स्कूल, भालुकपातरा, डुमरिया के बच्चों का इंडो डेनिश टूल रूम, आदित्यपुर का शैक्षणिक भ्रमण प्रस्तावित है।
जमशेदपुर के इस शैक्षणिक भ्रमण ने सरकारी स्कूलों के बच्चों को न सिर्फ ज्ञानवर्धक अनुभव दिया बल्कि उनके करियर मार्गदर्शन में भी मदद की। इस पहल से बच्चों में सीखने की नई उत्सुकता जागी है। उम्मीद है कि इस तरह की योजनाएं भविष्य में भी जारी रहेंगी।
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