Bhilai Tender Controversy : भिलाई में सफाई ठेके को लेकर विवाद, महापौर और एमआईसी मेंबरों ने किया विरोध

भिलाई के रिसाली नगर निगम में सफाई ठेके को लेकर विवाद, महापौर शशि सिन्हा और एमआईसी मेंबरों ने पारदर्शिता की कमी पर जताया विरोध।

Jan 8, 2025 - 17:29
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Bhilai Tender Controversy : भिलाई में सफाई ठेके को लेकर विवाद, महापौर और एमआईसी मेंबरों ने किया विरोध
भिलाई में सफाई ठेके को लेकर विवाद, महापौर और एमआईसी मेंबरों ने किया विरोध

भिलाई  रिसाली नगर निगम में सफाई ठेके को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। निगम क्षेत्र के सफाई व्यवस्था के लिए 12 करोड़ 29 लाख रुपये का ठेका मेसर्स एलमेंक टेक्नोक्रेट्स को देने का प्रस्ताव ध्वनिमत से पारित कर दिया गया, जबकि महापौर और एमआईसी मेंबरों ने इसका कड़ा विरोध किया था।

महापौर और एमआईसी का विरोध मंगलवार को हुई पत्रकारवार्ता में महापौर शशि सिन्हा और एमआईसी सदस्यों ने इस प्रस्ताव का विरोध किया था। उन्होंने आरोप लगाया कि निगम के आय से अधिक व्यय का मामला है और इसे पारित करना निगम को आर्थिक संकट में डालने जैसा है। महापौर और एमआईसी का कहना था कि बिना पारदर्शिता के यह ठेका पारित किया गया है।

सफाई ठेका वितरण का विवरण रिसाली नगर निगम ने सफाई व्यवस्था के लिए पूरे क्षेत्र को चार ग्रुप में बांटा। हर ग्रुप के लिए निविदा मंगाई गई, जिसमें कुल चार कंपनियों ने भाग लिया, लेकिन सिर्फ दो कंपनियों - मेसर्स एलमेंक टेक्नोक्रेट्स और भारतीय सिक्योरिटी सर्विस - की निविदा खोली गई।

  • ग्रुप 1: ₹3.15 करोड़ में एलमेंक टेक्नोक्रेट्स को ठेका मिला।
  • ग्रुप 2: ₹3.17 करोड़ में एलमेंक टेक्नोक्रेट्स को ठेका दिया गया।
  • ग्रुप 3: ₹2.80 करोड़ में एलमेंक टेक्नोक्रेट्स को ठेका दिया गया।
  • ग्रुप 4: ₹3.17 करोड़ में एलमेंक टेक्नोक्रेट्स को ठेका दिया गया।

महापौर के आरोप महापौर शशि सिन्हा ने आरोप लगाया कि नगर निगम आयुक्त और सभापति पारदर्शिता को दरकिनार कर जल्दबाजी में ठेका पारित कराने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि जब निगम की सालाना आय 10 करोड़ रुपये है, तो 16 करोड़ रुपये का ठेका कैसे दिया जा सकता है? उन्होंने कहा कि यह नगर निगम को आर्थिक रूप से कमजोर करने की साजिश है।

विरोध के बावजूद प्रस्ताव पारित महापौर और एमआईसी सदस्यों के विरोध के बावजूद विशेष सामान्य सभा में ध्वनिमत से प्रस्ताव पारित कर दिया गया। महापौर का कहना है कि निगम अधिकारियों द्वारा जल्दबाजी में यह निर्णय लिया गया और पारदर्शिता का अभाव रहा। उन्होंने इस पूरे मामले की जांच की मांग की है।

रिसाली नगर निगम में सफाई ठेके को लेकर गहरा विवाद सामने आया है। महापौर और एमआईसी मेंबरों ने इसे निगम की आर्थिक स्थिति को खतरे में डालने वाला कदम बताया है। अब देखना होगा कि प्रशासन इस विवाद का समाधान कैसे करता है।

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