Jamshedpur Raid : जुगसलाई के व्यापारियों के 250 करोड़ के निवेश का खुलासा, काला धन सफेद करने की साजिश बेनकाब

जमशेदपुर के जुगसलाई के जैसूका बंधुओं पर DGCI की छापेमारी में 250 करोड़ के निवेश और काले धन को सफेद करने के दस्तावेज़ मिले। जानिए इस मामले से जुड़े चौंकाने वाले खुलासे।

Jan 26, 2025 - 14:37
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Jamshedpur Raid : जुगसलाई के व्यापारियों के 250 करोड़ के निवेश का खुलासा, काला धन सफेद करने की साजिश बेनकाब
Jamshedpur Raid : जुगसलाई के व्यापारियों के 250 करोड़ के निवेश का खुलासा, काला धन सफेद करने की साजिश बेनकाब

जमशेदपुर: जुगसलाई के मशहूर कारोबारी जैसूका बंधुओं के 250 करोड़ रुपये के निवेश का खुलासा होने से पूरे क्षेत्र में हलचल मच गई है। शुक्रवार को डायरेक्टरेट जनरल ऑफ गुड्स एंड सर्विसेज इंटेलिजेंस (DGCI) की टीम ने इनके ठिकानों पर छापेमारी की, जिसमें कई चौंकाने वाले दस्तावेज़ सामने आए।

इस छापेमारी में राजेश जैसूका, उनके भाई विकास जैसूका और गोलू जैसूका के नाम प्रमुखता से सामने आए हैं। DGCI की टीम को इन कारोबारियों द्वारा काले धन को सफेद करने की साजिश का पर्दाफाश करने वाले दस्तावेज़ भी मिले हैं। टीम को पता चला है कि ये व्यापारी खड़कपुर के एक अन्य व्यापारी के साथ मिलकर एनएच स्थित रिवाह रिसॉर्ट में भी भारी निवेश कर चुके हैं।

250 करोड़ की संपत्ति और बेनामी निवेश का रहस्य

DGCI की टीम ने छापेमारी के दौरान लगभग 250 करोड़ रुपये की संपत्ति के दस्तावेज़ों का पता लगाया। इसके अलावा, कई बेनामी संपत्तियों में भी निवेश की जानकारी मिली है। इन संपत्तियों के स्वामित्व की जांच की जा रही है। विभाग के अधिकारियों ने सभी डिजिटल अकाउंट्स और दस्तावेज़ों को ज़ब्त कर लिया है।

इतना ही नहीं, यह भी सामने आया है कि जैसूका बंधुओं ने अपने काले धन को सफेद करने के लिए कई संदिग्ध तरीकों का सहारा लिया। इन तरीकों की बारीकी से जांच की जा रही है।

इतिहास से सीख: काले धन पर सख्ती की परंपरा

भारत में काले धन के खिलाफ कार्रवाई का इतिहास पुराना है। 1946 में इनकम टैक्स इन्वेस्टिगेशन कमीशन का गठन किया गया था, जिसका मकसद काले धन को रोकना था। इसके बाद 1980 और 1990 के दशकों में भी बड़ी छापेमारियां हुईं, जिन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ देशव्यापी जागरूकता फैलाई। आज, DGCI जैसे संगठनों की सख्त कार्रवाई इस दिशा में बड़े कदम हैं।

कारोबारी अभी फरार, जांच जारी

DGCI ने जानकारी दी कि तीनों आरोपी फिलहाल विभाग की गिरफ्त में नहीं आए हैं। अधिकारी लगातार उनकी तलाश कर रहे हैं। अधिकारियों का मानना है कि उनके सामने आने के बाद और भी चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं।

छापेमारी से क्यों बढ़ा उत्सुकता का माहौल?

  • 250 करोड़ रुपये के निवेश का खुलासा
  • एनएच स्थित रिसॉर्ट में निवेश की जानकारी
  • काले धन को सफेद करने की साजिश के दस्तावेज

क्या कहते हैं विशेषज्ञ?

आर्थिक मामलों के विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी कार्रवाई से काले धन पर लगाम लगाने में मदद मिलती है। इस प्रकार की छापेमारी न केवल भ्रष्टाचार को उजागर करती है, बल्कि समाज में जागरूकता भी बढ़ाती है।

आगे की राह

DGCI की टीम अब इस मामले में जुटाए गए दस्तावेज़ों और डिजिटल अकाउंट्स का गहराई से विश्लेषण कर रही है। जैसूका बंधुओं की वापसी के बाद ही मामले में और साफ़ तस्वीर सामने आ पाएगी।

यह खबर न केवल आर्थिक भ्रष्टाचार पर सवाल खड़े करती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि देश में काले धन के खिलाफ कितनी सख्ती से कार्रवाई की जा रही है। इस खबर पर आपकी क्या राय है? नीचे कमेंट में बताएं।

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