Jamshedpur Cyber Crime: सोनारी में स्टेट बैंक खाते से 90 हजार की ठगी, जानें कैसे हुआ अंजाम

जमशेदपुर के सोनारी क्षेत्र में साइबर अपराधियों ने एईपीएस के जरिए बैंक खाते से 90 हजार रुपये उड़ा लिए। जानें इस घटना की पूरी कहानी और साइबर सुरक्षा के उपाय।

Dec 19, 2024 - 09:00
 0
Jamshedpur Cyber Crime: सोनारी में स्टेट बैंक खाते से 90 हजार की ठगी, जानें कैसे हुआ अंजाम
Jamshedpur Cyber Crime: सोनारी में स्टेट बैंक खाते से 90 हजार की ठगी, जानें कैसे हुआ अंजाम

जमशेदपुर: साइबर अपराध का शिकंजा अब छोटे शहरों तक फैल गया है। जमशेदपुर के सोनारी थाना क्षेत्र के आदर्शनगर फेज-11 निवासी अप्पा राव साइबर ठगी के शिकार हो गए। उनके स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) के बचत खाते से एईपीएस के जरिए 9 बार में 90 हजार रुपये की निकासी की गई।

यह घटना 11 अप्रैल से 6 मई के बीच की है, लेकिन अप्पा राव को इसकी जानकारी तब हुई जब उन्होंने बैंक में रुपये निकालने की कोशिश की।

कैसे हुई ठगी?

साइबर अपराधियों ने एईपीएस (आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम) का इस्तेमाल कर अप्पा राव के खाते से रुपये उड़ा लिए।

  • एईपीएस क्या है?
    एईपीएस एक डिजिटल भुगतान प्रणाली है, जो आधार नंबर और बायोमेट्रिक सत्यापन के जरिए काम करती है। हालांकि, अपराधियों ने इसका दुरुपयोग कर खाते से राशि निकाल ली।
  • खाते की जानकारी लीक कैसे हुई?
    संभावना है कि अपराधियों ने फिशिंग, सोशल इंजीनियरिंग या अन्य तरीकों से अप्पा राव की बैंकिंग जानकारी प्राप्त की हो।

घटना की जानकारी कैसे मिली?

अप्पा राव को ठगी का पता तब चला जब वे बैंक में रुपये निकालने पहुंचे। उन्होंने तुरंत बैंक अधिकारियों को सूचना दी और सोनारी पुलिस में लिखित शिकायत दर्ज करवाई।

जांच में जुटी पुलिस

पुलिस ने घटना की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू कर दी है।

  • बैंक अधिकारियों के साथ मिलकर निकासी की पूरी प्रक्रिया की जांच की जा रही है।
  • यह पता लगाने की कोशिश हो रही है कि अपराधी ने कौन सा बायोमेट्रिक डिवाइस और सॉफ्टवेयर इस्तेमाल किया।

जमशेदपुर में बढ़ रहे साइबर अपराध

पिछले कुछ महीनों में जमशेदपुर में साइबर ठगी की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं। पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक, 2023 में साइबर अपराध के मामलों में 35% की वृद्धि हुई है।

  • अधिकतर ठगी में एटीएम क्लोनिंग, एईपीएस फ्रॉड, और फिशिंग कॉल्स शामिल हैं।
  • अपराधी लोगों की बैंकिंग जानकारी और ओटीपी चुराने के लिए नए-नए तरीके अपना रहे हैं।

ऐसे मामलों से बचने के उपाय

  1. अपने बैंक खाते की जानकारी गोपनीय रखें।
    • किसी अज्ञात व्यक्ति के साथ आधार नंबर, खाते का विवरण, और ओटीपी साझा न करें।
  2. फिशिंग कॉल्स से बचें।
    • बैंक का कर्मचारी बनकर आए किसी भी कॉल पर विश्वास न करें।
  3. बायोमेट्रिक डिवाइस पर सतर्कता रखें।
    • अपने आधार का इस्तेमाल केवल अधिकृत केंद्रों पर करें।
  4. खाते पर नियमित निगरानी रखें।
    • बैंक खाते के हर लेन-देन की जानकारी के लिए एसएमएस अलर्ट सेवा का उपयोग करें।
  5. साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूक रहें।
    • साइबर ठगी के तरीकों और उनसे बचने के उपायों के बारे में जानें।

सोनारी पुलिस की अपील

सोनारी पुलिस ने शहरवासियों से सतर्क रहने की अपील की है।

  • बैंकिंग और आधार की गोपनीय जानकारी किसी के साथ साझा न करें।
  • ठगी की किसी भी घटना की तुरंत पुलिस को जानकारी दें।
  • पुलिस ने यह भी कहा कि साइबर अपराधियों से निपटने के लिए जागरूकता सबसे बड़ा हथियार है।

साइबर अपराध का इतिहास

भारत में साइबर अपराध की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं।

  • पहला साइबर फ्रॉड: भारत में 2000 के दशक में ऑनलाइन क्रेडिट कार्ड धोखाधड़ी का पहला मामला सामने आया था।
  • आधार आधारित ठगी: आधार प्रणाली के बाद से, एईपीएस और आधार डेटा का दुरुपयोग बढ़ गया है।
  • मशहूर मामले: 2020 में, झारखंड के जामताड़ा क्षेत्र से जुड़े साइबर अपराधियों ने सैकड़ों लोगों को ठगा।

जमशेदपुर की यह घटना साइबर सुरक्षा को लेकर हमारी लापरवाही का परिणाम है। डिजिटल युग में हर व्यक्ति को सतर्क और जागरूक रहना होगा। प्रशासन को भी साइबर अपराध नियंत्रण के लिए सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है।

जमशेदपुरवासियों, सतर्क रहें, जागरूक रहें। आपकी थोड़ी सी सावधानी आपको बड़ी मुसीबत से बचा सकती है।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow