Jamshedpur Experience: नेताजी सुभाष यूनिवर्सिटी के छात्रों ने जाना कोर्ट का असली माहौल
नेताजी सुभाष यूनिवर्सिटी के बीबीए एलएलबी छात्रों ने जमशेदपुर जिला न्यायालय का भ्रमण किया। सिविल और अपराधिक मामलों की प्रक्रिया से लेकर साक्ष्य रिकॉर्डिंग तक की जानकारी ली। जानें छात्रों के इस खास अनुभव के बारे में।
जमशेदपुर: नेताजी सुभाष यूनिवर्सिटी के बीबीए एलएलबी विद्यार्थियों ने शुक्रवार को जमशेदपुर जिला न्यायालय का दौरा कर न्यायिक प्रक्रियाओं को नजदीक से समझने का अनुभव प्राप्त किया। प्रोफेसर एडवोकेट एकता प्रियदर्शनी शरण के नेतृत्व में आयोजित इस कोर्ट विजिट ने छात्रों को न्यायिक प्रणाली के व्यावहारिक पहलुओं से अवगत कराया।
कैसा रहा कोर्ट विजिट का अनुभव?
विद्यार्थियों ने अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत में जाकर सिविल और अपराधिक मामलों की सुनवाई देखी। इस दौरान उन्होंने साक्ष्य रिकॉर्डिंग की प्रक्रिया, वकीलों की दलीलें, और न्यायाधीश के निर्णय लेने के तरीकों का गहराई से अध्ययन किया। कोर्ट में चल रही कार्यवाहियों ने छात्रों को भारत की न्याय प्रणाली के हर पहलू को करीब से समझने का मौका दिया।
सीनियर एडवोकेट सुनील कुमार स्वैन ने छात्रों के साथ संवाद करते हुए न्यायालय में साक्ष्य प्रस्तुत करने की विधि और अन्य कानूनी प्रक्रियाओं पर जानकारी साझा की। उन्होंने अदालत में होने वाले व्यवहार और कानून की पेचीदगियों के बारे में विस्तार से बताया।
प्रैक्टिकल ट्रेनिंग का अहम हिस्सा
प्रोफेसर एडवोकेट एकता प्रियदर्शनी शरण ने कहा, "यह कोर्ट विजिट हमारे छात्रों के लिए उनकी प्रैक्टिकल ट्रेनिंग का एक अभिन्न हिस्सा है। इस अनुभव से उन्हें न केवल साक्ष्य प्रस्तुत करने की प्रक्रिया समझने का मौका मिला, बल्कि न्यायिक प्रणाली के व्यावहारिक पहलुओं को भी नजदीक से जानने का अवसर मिला।"
छात्रों की प्रतिक्रियाएं
कोर्ट विजिट के बाद, छात्रों ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि इस दौरे ने उन्हें थ्योरी से परे जाकर वास्तविक कानूनी प्रक्रियाओं को समझने में मदद की। उन्होंने बताया कि किताबों में पढ़ी गई बातें और कोर्ट में देखी गई चीजों के बीच बड़ा अंतर है। इस विजिट ने उनके करियर को एक नई दिशा दी है।
कोर्ट विजिट का महत्व
इतिहास पर नजर डालें तो भारत की न्यायिक प्रणाली का मूल आधार ब्रिटिश काल में पड़ा था। समय के साथ इसमें कई बदलाव हुए, लेकिन कोर्ट में होने वाली कार्यवाहियों का प्रारूप आज भी लगभग वैसा ही है। इस तरह के व्यावहारिक अनुभव न केवल छात्रों को कानूनी ज्ञान प्रदान करते हैं बल्कि उनके आत्मविश्वास को भी बढ़ाते हैं।
नेताजी सुभाष यूनिवर्सिटी के छात्रों का यह कोर्ट विजिट इस बात का प्रमाण है कि व्यावहारिक शिक्षा का महत्व कितनी तेजी से बढ़ रहा है। ऐसे अनुभव कानून के छात्रों को न केवल अपनी पढ़ाई को मजबूत बनाने में मदद करते हैं, बल्कि उन्हें एक बेहतर वकील बनने की दिशा में प्रेरित करते हैं।
इस कोर्ट विजिट ने छात्रों को न्यायिक प्रणाली के मूल सिद्धांतों को समझने का अमूल्य अनुभव दिया। यह पहल विश्वविद्यालय और छात्रों के लिए समान रूप से उपयोगी साबित हुई। ऐसे कार्यक्रम न केवल शिक्षा में सुधार लाते हैं, बल्कि भविष्य के काबिल वकीलों को तैयार करने में भी मददगार हैं।
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