Jamshedpur Pollution Alert: वायु प्रदूषण पर MLA सरयू राय ने उठाए सवाल, उपायुक्त को लिखा पत्र
जमशेदपुर में बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर विधायक सरयू राय ने उपायुक्त को लिखा पत्र, कहा- राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पास नहीं हैं सही आंकड़े। जानें पूरी खबर।
जमशेदपुर: झारखंड के पूर्व मंत्री और जमशेदपुर पश्चिमी के विधायक सरयू राय ने शहर में बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर गंभीर चिंता जताई है। उन्होंने इस मुद्दे पर उपायुक्त को पत्र लिखकर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की निष्क्रियता पर सवाल उठाए हैं और मुख्यमंत्री को इस गंभीर स्थिति से अवगत कराने की सलाह दी है।
क्या लिखा है सरयू राय के पत्र में?
सरयू राय ने अपने पत्र में कहा है कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर जिला प्रशासन ने एक टीम गठित कर प्रदूषण नियंत्रण को लेकर बड़े उद्योगों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की थी। लेकिन उन्होंने इस पहल की सफलता पर संदेह जताते हुए कहा कि राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (SPCB) के पास सही और सटीक आंकड़े ही नहीं हैं।
उन्होंने विधानसभा में पूछे गए एक सवाल का हवाला देते हुए कहा कि बोर्ड ने भ्रामक और गलत जानकारी दी थी। उनके अनुसार, जमशेदपुर के उद्योगों में सीएएक्यूएमएस (Continuous Ambient Air Quality Monitoring System) लगाने का निर्देश है, लेकिन यह सभी 12 मानकों के लिए नहीं है।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड पर लापरवाही के आरोप
सरयू राय ने आरोप लगाया कि कुछ फैक्ट्रियां इस सिस्टम के सेंसर से छेड़छाड़ कर रही हैं, और बोर्ड इस पर कोई निगरानी नहीं रख रहा। उन्होंने कहा कि जमशेदपुर में साकची चौक, बर्मामाइंस चौक, डिमना चौक, मानगो चौक और बिष्टुपुर चौक जैसे सार्वजनिक स्थलों पर प्रदूषण मापने के लिए कोई सिस्टम नहीं है।
"जब बोर्ड के पास खुद के आंकड़े नहीं हैं, तो जमशेदपुर के प्रदूषण स्तर की सही जानकारी कहां से मिलेगी?" - सरयू राय
उन्होंने आगे कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार, रेड कैटेगरी इंडस्ट्रीज को ऑनलाइन एमिशन मॉनिटरिंग सिस्टम (OCEMS) से जोड़ना जरूरी है, लेकिन इस पर भी ध्यान नहीं दिया जा रहा।
मुख्यमंत्री को दी सलाह, गलत दिशा में हो रहा काम!
सरयू राय ने मुख्यमंत्री को आगाह करते हुए कहा कि राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की स्थिति बेहद दयनीय है।
- SPCB के सचिव और अध्यक्ष की वर्षों से सही प्रक्रिया से नियुक्ति नहीं हुई है।
- हाईकोर्ट के आदेश की भी अवहेलना की जा रही है।
- जो अधिकारी बोर्ड के अध्यक्ष पद पर हैं, वे तीन अन्य महत्वपूर्ण पदों पर भी नियुक्त हैं।
उन्होंने कहा कि उपायुक्त द्वारा गठित टीम इस समस्या का हल नहीं निकाल सकती। "अगर वाकई सरकार जनता को राहत देना चाहती है, तो उसे प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की कार्यप्रणाली में सुधार करना होगा," उन्होंने पत्र में लिखा।
फैक्ट्रियों के बाहर प्रदूषण स्तर मापने की कोई व्यवस्था नहीं
सरयू राय ने बताया कि जमशेदपुर में 175 जगहों पर वायु प्रदूषण के आंकड़े लिए जाते हैं, लेकिन ये सभी फैक्ट्रियों और खनन कंपनियों के भीतर के हैं।
"फैक्ट्रियों के अंदर प्रदूषण का स्तर मापा जा रहा है, लेकिन शहर के प्रमुख इलाकों में एक भी सेंसर नहीं लगाया गया। फिर आम जनता को कैसे पता चलेगा कि वह कितने प्रदूषित हवा में सांस ले रही है?"
जनता को उठानी होगी आवाज!
सरयू राय ने कहा कि यह सिर्फ एक प्रशासनिक मुद्दा नहीं है, बल्कि जमशेदपुर की जनता के स्वास्थ्य से जुड़ा मामला है। उन्होंने प्रशासन से मांग की कि शहर के प्रमुख इलाकों में प्रदूषण मापने के सेंसर लगाए जाएं, ताकि सही आंकड़े सामने आ सकें।
"अगर सही आंकड़े ही नहीं होंगे, तो समाधान कैसे निकलेगा?"
अब देखना यह होगा कि सरयू राय की इस चिट्ठी पर प्रशासन क्या कदम उठाता है और क्या वाकई जमशेदपुर की जहरीली हवा को साफ करने के लिए ठोस कदम उठाए जाते हैं या फिर यह सिर्फ कागजी कार्रवाई बनकर रह जाती है।
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