Jamshedpur Accident: बागबेड़ा में नशे में धुत कार सवारों का हंगामा, ट्रक चालक पर बेरहमी से हमला
जमशेदपुर के बागबेड़ा में चावल लदी ट्रक और कार की टक्कर के बाद कार सवारों ने ट्रक चालक की बेरहमी से पिटाई कर दी। जानें क्या है पूरा मामला, कैसे स्थानीय दुकानदारों ने चालक की जान बचाई।
जमशेदपुर के बागबेड़ा इलाके में शुक्रवार रात एक ऐसी घटना घटी जिसने वहां के लोगों को दहला दिया। चाईबासा बस स्टैंड के पास चावल से लदी एक ट्रक और मारुति कार के बीच हुई टक्कर के बाद माहौल तनावपूर्ण हो गया। इस घटना ने यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि सड़कों पर लापरवाही और नशे में गाड़ी चलाने की समस्या कितनी गंभीर हो चुकी है।
कैसे शुरू हुआ विवाद?
यह हादसा रात करीब 10:30 बजे हुआ, जब ट्रक चालक दिनेश पटेल, बर्मामाइंस एफसीआई गोदाम से चावल लेकर चाईबासा जा रहे थे। स्टेशन रोड पर, तेज रफ्तार मारुति कार गलत दिशा से आई और ट्रक से टकरा गई। घटना के बाद कार सवार पांच लोग, जो नशे में धुत थे, ट्रक चालक को जबरदस्ती रोककर उसके साथ बेरहमी से मारपीट करने लगे।
ट्रक चालक की आपबीती
हमले के बाद घायल ट्रक चालक दिनेश पटेल ने बताया कि टक्कर में उनकी कोई गलती नहीं थी। लेकिन इसके बावजूद कार सवारों ने उन्हें ट्रक से बाहर खींचकर मारा-पीटा। इस हमले में उनके सिर और मुंह पर गंभीर चोटें आईं। स्थानीय दुकानदारों की तत्परता और साहस के कारण किसी तरह उनकी जान बचाई जा सकी।
कार सवारों का बर्ताव
बताया जा रहा है कि मारुति कार में सेंट्रल फोर्स के पांच जवान सवार थे। सभी नशे में धुत थे और ट्रक चालक पर हमला करने के बाद भी वे रुकने का नाम नहीं ले रहे थे। मामला और बिगड़ गया जब सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने स्थिति संभालने की कोशिश की।
पुलिस पर भी हमला
पुलिस के हस्तक्षेप के दौरान कार सवारों ने थाना पहुंचकर हंगामा खड़ा कर दिया। बीच-बचाव के प्रयास में एक हवलदार की जैकेट फट गई। पुलिस ने स्थिति को काबू में लाने के लिए ट्रक और कार को जब्त कर सभी को हिरासत में ले लिया।
नशे में गाड़ी चलाने का खतरनाक परिणाम
यह घटना एक बार फिर नशे में वाहन चलाने के खतरों को उजागर करती है। भारत में हर साल सड़क हादसों में हजारों लोग अपनी जान गंवाते हैं। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2022 में 1.55 लाख से अधिक सड़क दुर्घटनाएं दर्ज की गईं, जिनमें नशे में गाड़ी चलाना प्रमुख कारण था।
स्थानीय लोगों की बहादुरी
इस घटना में स्थानीय दुकानदारों की भूमिका सराहनीय रही। उन्होंने न केवल ट्रक चालक को बचाया, बल्कि पुलिस को सूचना देकर मामले को और बिगड़ने से रोका।
सार्वजनिक सुरक्षा पर सवाल
घटना के बाद सवाल उठता है कि सड़कों पर इस तरह के खतरनाक हालात क्यों बनते हैं? क्या यह सख्त ट्रैफिक नियमों की कमी है या फिर जागरूकता का अभाव? ऐसे मामलों में कड़ी कार्रवाई और जनता में सुरक्षा को लेकर गंभीरता की जरूरत है।
आगे की कार्रवाई
पुलिस ने दोनों वाहनों को जब्त कर लिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है। सेंट्रल फोर्स के जवानों के खिलाफ क्या कार्रवाई होगी, यह देखना बाकी है।
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