CGL Exam protest: छात्रों का विरोध तेज, लाठीचार्ज के बाद कैंडल मार्च से गुस्से का इजहार
हजारीबाग में सीजीएल परीक्षा परिणामों के विरोध में छात्रों ने किया कैंडल मार्च, लाठीचार्ज के बाद बढ़ा आक्रोश, छात्र नेता देवेंद्र नाथ महतो ने परीक्षा रद्द करने की मांग की।
झारखंड कर्मचारी चयन आयोग द्वारा आयोजित सीजीएल परीक्षा को लेकर छात्रों का विरोध बढ़ता ही जा रहा है। हाल ही में हजारीबाग में इस परीक्षा को लेकर छात्रों ने सड़कों पर उतरकर अपनी आवाज उठाई, जिसे प्रशासन ने लाठीचार्ज से कुचलने की कोशिश की। मंगलवार को हुए इस लाठीचार्ज में कई छात्र गंभीर रूप से घायल हो गए, जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया। इस घटना ने छात्रों और उनके अभिभावकों के बीच नाराजगी की लहर दौड़ा दी है।
छात्रों का विरोध: सीजीएल परीक्षा परिणाम पर विवाद
परीक्षा परिणामों को लेकर छात्रों में गहरा असंतोष है। झारखंड स्टेट स्टूडेंट्स यूनियन ने भी इस घटना की निंदा की है और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। छात्र नेता देवेंद्र नाथ महतो ने कहा कि इस बार की परीक्षा में पारदर्शिता की कमी रही, जिससे छात्रों का भविष्य दांव पर लग गया है।
कैंडल मार्च से सरकार को चेतावनी
बुधवार को इस मुद्दे पर विरोध को और तेज करते हुए देवेंद्र नाथ महतो ने झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा के सहयोग से कैंडल मार्च का आयोजन किया। यह मार्च जयपाल सिंह स्टेडियम से शुरू होकर अल्बर्ट एक्का चौक तक पहुंचा। इस मार्च में छात्रों, अभिभावकों, और कोचिंग संस्थानों के संचालकों ने बड़ी संख्या में भाग लिया। प्रदर्शनकारी 'सीजीएल परीक्षा परिणाम रद्द करो' जैसे नारे लगा रहे थे।
लाठीचार्ज का विरोध
इस कैंडल मार्च के दौरान महतो ने प्रशासन की कार्रवाई की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि छात्रों का शांतिपूर्ण प्रदर्शन करना उनका अधिकार है, और इसे बल प्रयोग से कुचलने का प्रयास निंदनीय है। उन्होंने सरकार से मांग की कि इस विवादित परीक्षा परिणाम को तुरंत रद्द कर दिया जाए और एक नई परीक्षा का आयोजन पूरी पारदर्शिता के साथ किया जाए।
कैंडल मार्च में शामिल प्रमुख नेता और छात्र
कैंडल मार्च में देवेंद्र नाथ महतो के साथ चंदन रजक, खगेन महतो, हर्षित सिंह, कर्मु मुंडा, लक्ष्मी कुमारी, रवी मंडल, विजय, प्रभु, और विष्णु जैसे छात्र नेता भी शामिल थे। इनके अलावा बड़ी संख्या में छात्र, शिक्षक, और अभिभावक भी इस मार्च का हिस्सा बने।
छात्रों की उम्मीदें और भविष्य
छात्रों का कहना है कि वे अपनी मेहनत का सही मूल्य चाहते हैं और पारदर्शिता की मांग कर रहे हैं। परीक्षा में धांधली और नियमों का उल्लंघन उनके भविष्य के लिए खतरे की घंटी है। वे चाहते हैं कि सरकार उनकी समस्याओं का समाधान करे और उन्हें न्याय मिले।
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