Gujrat Raid In Jamshedpur : गुजरात पुलिस का जमशेदपुर में छापा, 99 लाख की साइबर ठगी करने वाले दो आरोपी गिरफ्तार!
गुजरात पुलिस ने जमशेदपुर में छापेमारी कर 99 लाख की साइबर ठगी करने वाले दो आरोपियों को गिरफ्तार किया। जानिए, कैसे ठगों ने लोगों से ठगी की और पुलिस ने उन्हें पकड़ने के लिए कौन सा प्लान अपनाया।
जमशेदपुर के मानगो थाना क्षेत्र के जवाहर नगर रोड नंबर 14 में मंगलवार को गुजरात पुलिस ने बड़ी छापेमारी की। इस दौरान 99 लाख रुपये की साइबर ठगी में शामिल दो आरोपियों – मोहम्मद वाहिद और अस्मत को गिरफ्तार किया गया। गुजरात के मोरबी थाना में दोनों के खिलाफ मामला दर्ज था, और पुलिस कई महीनों से इनकी तलाश कर रही थी।
कैसे हुई गिरफ्तारी?
गुजरात पुलिस को साइबर ठगी के इस गिरोह का सुराग मिला, जिसके बाद उन्होंने झारखंड पुलिस से संपर्क किया। मानगो पुलिस की मदद से गुजरात पुलिस ने आरोपियों को उनके घर से धर दबोचा।
- वाहिद की पत्नी भी घर में मौजूद थी, जब पुलिस ने उसके ठिकाने पर छापा मारा।
- पुलिस को वाहिद के आईफोन और बैंक ट्रांजेक्शन के कई अहम सबूत मिले।
- जांच में खुलासा हुआ कि वाहिद ने गुजरात में कई लोगों से ठगी कर करीब 99 लाख रुपये अपने खाते में ट्रांसफर कराए।
- पुलिस ने टावर लोकेशन के आधार पर आरोपियों की पहचान की और उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
जामताड़ा-हजारीबाग मॉड्यूल से जुड़े थे आरोपी
पुलिस की जांच में पता चला कि वाहिद और अस्मत पहले जामताड़ा और हजारीबाग में सक्रिय थे, लेकिन वहां पुलिस के बढ़ते दबाव के चलते वे भागकर जमशेदपुर के मानगो इलाके में छिप गए।
- साइबर ठगी के मामले में जामताड़ा पूरे देश में कुख्यात है।
- गुजरात पुलिस को संदेह था कि आरोपी इसी नेटवर्क का हिस्सा हैं।
- मोबाइल फोन डेटा से कई बैंक ट्रांजेक्शन और अन्य डिजिटल सबूत मिले।
- फर्जी बैंक खातों के जरिए पैसे ट्रांसफर कर ठगी को अंजाम दिया गया।
आगे क्या? पुलिस ने क्या बताया?
गुजरात पुलिस ने कहा कि –
- दोनों आरोपियों को ट्रांजिट रिमांड पर लेकर गुजरात ले जाया जाएगा।
- उनसे ठगी के अन्य मामलों में पूछताछ की जाएगी।
- यह गिरोह एक बड़े साइबर क्राइम नेटवर्क का हिस्सा हो सकता है।
- अन्य आरोपियों की तलाश जारी है।
साइबर ठगी कैसे होती है? जानें ठगों के तरीके
- फोन कॉल के जरिए बैंक अधिकारी बनकर OTP हासिल करना।
- फर्जी लॉटरी और कैशबैक स्कीम के नाम पर लोगों को झांसे में लेना।
- फिशिंग लिंक भेजकर बैंकिंग डिटेल्स चुराना।
- QR कोड स्कैन कराकर पैसे उगाही करना।
- फर्जी कॉल सेंटर से ठगी करना।
साइबर ठगी से कैसे बचें?
- अज्ञात कॉलर्स को बैंकिंग या OTP जानकारी न दें।
- अविश्वसनीय लिंक और ईमेल से सावधान रहें।
- QR कोड स्कैन करने से पहले जांच करें।
- संभावित ठगी की सूचना तुरंत पुलिस को दें।
गुजरात पुलिस की यह कार्रवाई साइबर अपराधियों के खिलाफ एक बड़ी सफलता मानी जा रही है। जमशेदपुर में छिपे ठगों को पकड़ने से यह साफ हो गया कि देशभर में साइबर ठगी करने वाले अपराधी अब पुलिस के निशाने पर हैं। अब देखना होगा कि पूछताछ के बाद इस गिरोह से और कौन-कौन जुड़े हैं और क्या अन्य राज्यों में भी पुलिस इसी तरह साइबर ठगी पर शिकंजा कस पाएगी?
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