Govindpur Attack: CO पर हमला कर बालू तस्करों ने छुड़ाया हाइवा, पुलिस ने दर्ज की प्राथमिकी
गोविंदपुर में अवैध बालू तस्करी के खिलाफ कार्रवाई कर रहे सीओ पर तस्करों ने हमला कर दिया और उनका मोबाइल छीन लिया। जानिए पूरा मामला और पुलिस की कार्रवाई।
Govindpur: गोविंदपुर के बरवाअड्डा क्षेत्र में अवैध बालू और कोयला तस्करी की जांच कर रहे गोविंदपुर सीओ धर्मेंद्र कुमार दुबे पर गुरुवार रात तस्करों ने हमला कर दिया। इस घटना में उनके चालक मितेन कुमार मंडल घायल हो गए, और तस्करों ने सीओ का मोबाइल भी छीन लिया।
कैसे हुआ हमला?
सीओ धर्मेंद्र कुमार दुबे ने बताया कि डीसी और जिला दंडाधिकारी के आदेश पर वह अवैध खनन और परिवहन के खिलाफ कार्रवाई के लिए प्राधिकृत थे। उन्हें सूचना मिली थी कि रात 11 से 12 बजे के बीच बरवाअड्डा क्षेत्र में बड़े पैमाने पर बालू तस्करी हो रही है।
गुरुवार की रात, जब सीओ ने निरंकारी चौक के पास बालू से लदे एक हाइवा को रुकवाया, तो उसका चालक वाहन छोड़कर फरार हो गया। वाहन का नंबर खरोचा हुआ था, जिससे वह पढ़ने में नहीं आया। हाइवा में कोई कागजात नहीं मिले। सीओ ने जब हाइवा को जब्त कर जब्ती सूची तैयार करना शुरू किया, तभी दो काले रंग की स्कॉर्पियो में आठ-दस लोग मौके पर पहुंच गए।
घटना का भयावह पहलू
सीओ ने पुलिस को बताया कि विरोध करने पर तस्करों ने जब्ती सूची छीन ली और उनके साथ धक्का-मुक्की करने लगे। हाइवा लेकर भागने के बाद सीओ ने उनका पीछा किया, लेकिन मेमको मोड़ से गोल बिल्डिंग की ओर जाते समय दोनों स्कॉर्पियो वाहन फिर से वहां पहुंचे। जब सीओ और उनके चालक ने पुलिस को फोन किया, तो तस्करों ने उनका मोबाइल छीन लिया और मारपीट शुरू कर दी।
बरवाअड्डा पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन तब तक तस्कर सीओ का मोबाइल छोड़कर भाग चुके थे।
सीओ की शिकायत और पुलिस कार्रवाई
सीओ ने शुक्रवार को बरवाअड्डा थाना में 8-10 अज्ञात आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई। आरोपियों में कोलाकुसमा मोड़ स्टीलगेट निवासी नीरज सिंह, झरिया टैक्सी स्टैंड निवासी बंटी सिंह, प्रिंस सिंह, हाइवा चालक और मालिक शामिल हैं। सीओ ने इन पर सरकारी काम में बाधा डालने, अवैध हथियार से लैस होकर हमला करने, मारपीट करने, गाली-गलौज करने और मोबाइल छीनने का आरोप लगाया है।
प्रशासन की संवेदनशीलता की परीक्षा
इस घटना से साफ जाहिर होता है कि प्रशासनिक कार्रवाई के दौरान अवैध तस्करों का खौफ किस हद तक बढ़ गया है। पुलिस ने फिलहाल आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी शुरू कर दी है। इस घटना ने सवाल खड़ा किया है कि जब पुलिस और प्रशासन एकजुट होकर काम नहीं करेंगे, तो इन तस्करों के हौसले और बढ़ेंगे।
समाज में चिंता का विषय
यह घटना न केवल कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़ा करती है, बल्कि स्थानीय निवासियों के बीच भय और असुरक्षा का माहौल भी पैदा करती है। गोविंदपुर में बढ़ती अवैध तस्करी और प्रशासनिक लापरवाही पर गंभीरता से विचार करने की जरूरत है।
गोविंदपुर के इस मामले ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि तस्करी के खिलाफ कार्रवाई में प्रशासन को और भी कड़ी और प्रभावी योजना की आवश्यकता है। यह घटना सरकार और पुलिस विभाग के लिए एक चेतावनी है कि तस्करों के खिलाफ कार्रवाई को और तेज किया जाए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हो सकें।
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