Govindpur Tragedy: बेटे के हत्यारों की गिरफ्तारी नहीं हुई तो मां ने लगाई फांसी, गांव में आक्रोश

गोविंदपुर के रंगडीह गांव में बेटे की हत्या के आरोपियों की गिरफ्तारी न होने से क्षुब्ध मां ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। जानिए कैसे प्रशासनिक लापरवाही ने ली एक और जान।

Nov 30, 2024 - 10:15
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Govindpur Tragedy: बेटे के हत्यारों की गिरफ्तारी नहीं हुई तो मां ने लगाई फांसी, गांव में आक्रोश
Govindpur Tragedy: बेटे के हत्यारों की गिरफ्तारी नहीं हुई तो मां ने लगाई फांसी, गांव में आक्रोश

झारखंड के गोविंदपुर थाना क्षेत्र के रंगडीह गांव में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। 26 वर्षीय अमर गोस्वामी की हत्या के आरोपियों की गिरफ्तारी न होने से निराश उनकी मां वीणा देवी ने शुक्रवार को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। गांव में मातम और प्रशासन के प्रति आक्रोश का माहौल है।

कैसे हुआ यह हादसा?

वीणा देवी (50) के इकलौते बेटे अमर गोस्वामी की हत्या 12 अक्टूबर को कथित तौर पर की गई थी। अमर का शव पांच दिन बाद, 17 अक्टूबर को बरवाअड्डा के जंगल में क्षत-विक्षत हालत में मिला था। अमर के परिवार ने हत्या के लिए गांव की एक विधवा महिला, उसके भाई, जीजा और कथित प्रेमी को जिम्मेदार ठहराया था।

वीणा देवी ने कई बार प्रशासन से आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। गुरुवार को उन्होंने पुलिस को चेतावनी दी थी कि अगर चार दिन में गिरफ्तारी नहीं हुई, तो वह आत्महत्या कर लेंगी।

घर के पीछे पेड़ से लटकता मिला शव

शुक्रवार सुबह वीणा देवी ने अपने घर के पीछे एक पेड़ से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। घटना से गांव में हड़कंप मच गया। ग्रामीणों और परिजनों ने आक्रोशित होकर पुलिस को शव उठाने से रोक दिया

ग्रामीणों का छह घंटे का विरोध प्रदर्शन

घटना के बाद पुलिस के खिलाफ ग्रामीणों ने विरोध प्रदर्शन किया। गोविंदपुर इंस्पेक्टर रुस्तम अली और पूर्व मुखिया सुभाष गिरि ने लोगों को समझाने की कोशिश की। पुलिस ने एसएसपी हृदीप पी. जनार्दनन से बात कर ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि मामले में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर भी कार्रवाई होगी।

क्या था अमर गोस्वामी का मामला?

अमर गोस्वामी का शव बरवाअड्डा के जंगल में मिला था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में फांसी लगाने की बात सामने आई थी, लेकिन परिजनों का आरोप है कि अमर की हत्या की गई और उसके शव को फांसी का रूप देने की कोशिश हुई।

अमर का एक विधवा महिला के साथ प्रेम प्रसंग चल रहा था। घटना के दिन वह उसी महिला के साथ दुर्गापूजा का मेला देखने गया था। इसके बाद वह वापस नहीं लौटा।

परिवार का आरोप

परिजनों का आरोप है कि अमर की मौत की जांच में आईओ ने लापरवाही बरती। परिवार ने अमर की कथित प्रेमिका, उसके भाई निमाई, जीजा मनोज और प्रेमिका के कथित प्रेमी दुलाल पर हत्या और सबूत छिपाने का आरोप लगाया था।

राजनीतिक हस्तक्षेप और प्रशासन की प्रतिक्रिया

घटना की गूंज प्रशासनिक गलियारों तक पहुंची। मौके पर भाजपा नेत्री तारा देवी ने डीसी माधवी मिश्रा और एसडीएम से कार्रवाई की मांग की। सांसद ढुलू महतो ने भी दिल्ली से फोन कर एसएसपी को कार्रवाई तेज करने को कहा।

क्या कहती है यह घटना?

  • प्रशासनिक लापरवाही: एक महीने बाद भी आरोपियों की गिरफ्तारी न होना प्रशासन की लापरवाही दर्शाता है।
  • ग्रामीणों का असंतोष: पुलिस पर कार्रवाई का दबाव ग्रामीणों के गुस्से को उजागर करता है।
  • न्याय में देरी: न्याय में देरी से असंतोष बढ़ता है, जिससे परिवार टूट जाते हैं।

समाज के लिए सबक

यह घटना सिर्फ प्रशासनिक लापरवाही की ओर इशारा नहीं करती, बल्कि समाज के मानसिक स्वास्थ्य और न्याय प्रणाली की खामियों को भी उजागर करती है। वीणा देवी के इस दर्दनाक कदम ने न केवल उनके परिवार बल्कि पूरे गांव को झकझोर दिया है।गोविंदपुर की यह घटना न्याय और सुरक्षा के प्रति प्रशासन की जिम्मेदारी पर सवाल खड़े करती है। यह घटना हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि अगर समय पर कार्रवाई होती, तो एक और जान बचाई जा सकती थी।

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