Rangamatiya Visit: रांगामाटिया गांव में स्कूल के बच्चों ने देखा, जनजातीय संस्कृति का यह बड़ा राज खुला
टी.पी.एस डीएवी स्कूल के विद्यार्थियों ने जनजातीय गौरव पखवाड़ा के तहत रांगामाटिया गांव का शैक्षणिक भ्रमण किया। बच्चों ने ग्रामीणों से संवाद स्थापित कर उनकी संस्कृति और पारंपरिक ज्ञान के बारे में नया सीखा। बिरसा मुंडा, टंट्या भील और रानी दुर्गावती को श्रद्धांजलि दी गई। बच्चों द्वारा बनाए गए कलापूर्ण गुलदान गांव वालों को उपहार में दिए गए। जानिए ऐसे कार्यक्रम विद्यार्थियों में सामाजिक समरसता और सांस्कृतिक गर्व की भावना को कैसे प्रोत्साहित करते हैं।
जमशेदपुर, 13 नवंबर 2025 – भारत के इतिहास और संस्कृति का एक अविभाज्य हिस्सा रहे जनजातीय समुदायों के गौरव को याद करने के लिए देशभर में जनजातीय गौरव पखवाड़ा मनाया जा रहा है। इसी कड़ी में, जमशेदपुर स्थित टी.पी.एस डीएवी स्कूल के विद्यार्थियों और शिक्षकों ने गुरुवार को रांगामाटिया गांव का एक विशेष शैक्षणिक भ्रमण किया। यह भ्रमण केवल औपचारिक नहीं था, बल्कि इसका उद्देश्य शहर के बच्चों को भारत के वास्तविक मूल्यों, जनजातीय समाज की अद्वितीय संस्कृति, जीवनशैली और देश के विकास में उनके अमूल्य योगदान से अवगत कराना था। क्या यह भ्रमण बच्चों की किताबों में पढ़ी गई बातों को वास्तविक रूप दे पाया, और बच्चों ने गांव वालों को उपहार में ऐसा क्या दिया जिससे सामाजिक समरसता बढ़ी?
संवाद से समझ: जाना जनजातीय रीति-रिवाज
स्कूल के बच्चों ने रांगामाटिया गांव पहुंचकर सबसे पहले ग्रामीणों से सीधा संवाद स्थापित किया।
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उद्देश्य: कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों को जनजातीय समाज की संस्कृति, परंपराओं, जीवनशैली तथा उनके योगदान से अवगत कराना था।
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सीधा संवाद: भ्रमण के दौरान विद्यार्थियों ने ग्रामीणों से संवाद स्थापित किया और उनके रीति-रिवाज, लोककला और पारंपरिक ज्ञान के बारे में जानकारी प्राप्त की।
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शिक्षण: शिक्षकों ने विद्यार्थियों को यह बताया कि भारत के स्वतंत्रता संग्राम और सामाजिक विकास में जनजातीय समुदायों का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण रहा है।
बच्चों ने गांव की साधारण जीवनशैली और प्राकृतिक संसाधनों के साथ तालमेल बिठाकर रहने की कला को करीब से समझा, जो उनके लिए एक नया अनुभव था।
कलात्मक उपहार: गुलदान और वीरों को श्रद्धांजलि
शैक्षणिक भ्रमण के अंत में विद्यार्थियों ने केवल ज्ञान ही अर्जित नहीं किया, बल्कि प्रेम और सम्मान का प्रतीक भी छोड़ा।
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कलापूर्ण गुलदान: कार्यक्रम के अंत में विद्यार्थियों द्वारा बनाई गई कलापूर्ण गुलदान ग्रामीणों को उपहार स्वरूप प्रदान किए गए, जो उनकी मेहनत और सम्मान को दर्शाता है।
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श्रद्धांजलि: साथ ही जनजातीय नायकों जैसे बिरसा मुंडा, टंट्या भील और रानी दुर्गावती को श्रद्धांजलि अर्पित की गई, जिन्होंने देश के लिए बड़ा योगदान दिया।
इस अवसर पर विद्यालय प्राचार्य ने कहा कि ऐसे कार्यक्रम विद्यार्थियों में सामाजिक समरसता और सांस्कृतिक गर्व की भावना को प्रोत्साहित करते हैं। यह भ्रमण कार्यक्रम न केवल सफलतापूर्वक संपन्न हुआ, बल्कि विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लेकर इसे यादगार बना दिया।
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