Giridih Action: गिरिडीह पुलिस ने 2 अभियुक्तों को धर दबोचा, धमकी देकर मांग रहे थे पैसे

गिरिडीह पुलिस ने धमकी देकर पैसे मांगने के मामले में 2 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया। जानिए पूरा मामला, कैसे पकड़े गए आरोपी और पुलिस ने क्या बयान दिया।

Jan 14, 2025 - 09:48
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Giridih Action: गिरिडीह पुलिस ने 2 अभियुक्तों को धर दबोचा, धमकी देकर मांग रहे थे पैसे
Giridih Action: गिरिडीह पुलिस ने 2 अभियुक्तों को धर दबोचा, धमकी देकर मांग रहे थे पैसे

गिरिडीह: गिरिडीह पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए मुखिया पति सफदर अली अहमद को धमकी देकर पैसे मांगने वाले दो अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया है। यह मामला दिसंबर 2024 में शुरू हुआ था, जब सफदर अली अहमद को नक्सली पर्चा मिला था। इसके बाद जनवरी 2025 में फोन पर धमकी दी गई और फिरौती की मांग की गई।

घटना के बाद से सफदर अली अहमद और उनका परिवार डर और तनाव में था, लेकिन गिरिडीह पुलिस की त्वरित कार्रवाई ने मामले का खुलासा कर दिया।

कैसे हुआ मामले का खुलासा?

12 दिसंबर 2024 को गिरिडीह के गुनियाथर के उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय, हड़मातरी में सफदर अली अहमद को एक नक्सली धमकी पत्र मिला। इसके बाद 5 जनवरी 2025 को उन्हें फोन पर धमकी दी गई और फिरौती मांगी गई।

घटना की गंभीरता को देखते हुए 18 दिसंबर 2024 को गुनियाथर ओपी में कांड संख्या 30/2024 के तहत मामला दर्ज किया गया।

पुलिस ने बनाई विशेष टीम, ऐसे पकड़े गए आरोपी

गिरिडीह पुलिस अधीक्षक ने मामले की जांच के लिए अपर पुलिस अधीक्षक अभियान सुरजीत कुमार के नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन किया।

टीम ने झारखंड और बिहार के विभिन्न स्थानों पर छापेमारी की। 12 जनवरी 2025 को दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया।

गिरफ्तार आरोपियों की पहचान – कौन हैं ये अपराधी?

पुलिस ने जिन दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है, उनकी पहचान बुधन मुर्मू और अनवर अंसारी के रूप में हुई है।

  • बुधन मुर्मू: उम्र 36 वर्ष, निवासी लखनपुर, गिरिडीह।
  • अनवर अंसारी: उम्र 58 वर्ष, निवासी बुढियालापर, जमुई, बिहार।

दोनों आरोपी पहले भी आपराधिक गतिविधियों में लिप्त रहे हैं। पुलिस ने इनके पास से वह मोबाइल फोन बरामद किया है, जिससे धमकी दी गई थी।

पुलिस की कार्रवाई – क्यों है ये मामला अहम?

गिरिडीह पुलिस की इस कार्रवाई ने एक बार फिर संघठित अपराध पर कड़ा प्रहार किया है।

  • तेज कार्रवाई: 18 दिसंबर को FIR दर्ज होने के बाद, मात्र 25 दिनों के भीतर पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
  • तकनीकी सहायता: मामले की जांच में पुलिस टेक्निकल सेल की मदद ली गई।
  • बिना हिंसा गिरफ्तारी: गिरिडीह पुलिस ने बिना किसी झड़प के अभियुक्तों को हिरासत में लिया।

इतिहास से सबक: गिरिडीह में क्यों बढ़ी ऐसी घटनाएं?

गिरिडीह झारखंड का एक ऐसा क्षेत्र रहा है, जहां नक्सली गतिविधियों का प्रभाव लंबे समय तक रहा है।

  • 2000 के दशक: झारखंड में माओवादी संगठनों ने कई क्षेत्रों में प्रभाव बढ़ाया।
  • हाल के वर्ष: पुलिस की सख्त नीति और लगातार कार्रवाई के कारण नक्सली घटनाओं में गिरावट आई है।

हालांकि, हाल ही की घटनाएं यह दर्शाती हैं कि अपराधी अभी भी फिरौती जैसे तरीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं।

पुलिस का बयान – जल्द होगा केस क्लोज

गिरिडीह पुलिस अधीक्षक ने कहा:

"हमने त्वरित कार्रवाई करते हुए अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है। न्याय की प्रक्रिया के तहत आगे की कानूनी कार्रवाई जारी है।"

जनता को क्या संदेश?

गिरिडीह पुलिस की इस कार्रवाई ने जनता में एक सकारात्मक संदेश दिया है कि अपराधियों के लिए कानून का शिकंजा मजबूत है।

  • संवेदनशीलता: पुलिस ने तेजी से कार्रवाई करते हुए आरोपियों को पकड़ा।
  • सुरक्षा: जनता को आश्वस्त किया गया है कि सुरक्षा में कोई कमी नहीं होगी।

गिरिडीह पुलिस की यह कार्रवाई न्याय और सुरक्षा की दिशा में एक बड़ा कदम है। सफदर अली अहमद और उनका परिवार अब सुरक्षित है। पुलिस ने न केवल अपराधियों को पकड़ा, बल्कि यह संदेश दिया कि अपराध करने वालों को छोड़ा नहीं जाएगा।

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