Giridih Scandal: मकानों में नंबर प्लेट लगाने के नाम पर अवैध वसूली का मामला, BDO ने लिया एक्शन!
गिरिडीह जिले में मकानों में नंबर प्लेट लगाने के नाम पर 50 रुपये की अवैध वसूली का मामला सामने आया, बीडीओ ने तुरंत लिया एक्शन।

गिरिडीह : एक हैरान करने वाली घटना में गिरिडीह जिले के उदयपुर पंचायत में मकानों में नंबर प्लेट लगाने के नाम पर 50 रुपये की अवैध वसूली की जा रही थी। इस मामले का खुलासा तब हुआ जब अभिव्यक्ति फाउंडेशन के कार्यकर्ताओं ने इसकी शिकायत गांडेय बीडीओ से की। बीडीओ ने तुरंत इस पर रोक लगाने के आदेश दिए, लेकिन इस दौरान संस्था के प्रतिनिधि मौके से चुप्पी साधते नजर आए।
कैसे हुआ था वसूली का खेल? जानकारी के अनुसार, उदयपुर पंचायत में एक संस्था के प्रतिनिधियों ने घरों में नंबर प्लेट लगाने के नाम पर 50 रुपये की वसूली शुरू कर दी थी। यह संस्था उन लोगों से पैसे ले रही थी जिनके घरों में नंबर प्लेट लगवानी थी। हालांकि, यह संस्था इस वसूली को एक सरकारी आदेश के तहत कर रही थी, लेकिन वास्तविकता में इसके पीछे कोई वैध आदेश नहीं था।
अभिव्यक्ति फाउंडेशन के कार्यकर्ता सुरेश कुमार मुर्मू और सीएसपी संचालक राजन टुडू ने इस गड़बड़ी की शिकायत गांडेय बीडीओ निसात अंजुम से की। बीडीओ ने मामले को गंभीरता से लिया और तुरंत कार्रवाई की। उन्होंने एक पत्र जारी कर इस कार्य को तत्काल प्रभाव से रोकने का आदेश दिया।
बीडीओ ने क्या कहा? बीडीओ निसात अंजुम ने बताया कि जिला प्रशासन से इस तरह के किसी भी कार्य को करने का निर्देश प्राप्त नहीं हुआ था। इसके बावजूद, पंचायत में इस अवैध वसूली का मामला सामने आया था, जिसके बाद उन्होंने तत्काल प्रभाव से आदेश जारी कर इस कार्य को रोक दिया। बीडीओ ने यह भी कहा कि अगर किसी संस्था द्वारा इस तरह का कार्य बिना आदेश के किया जा रहा है, तो उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
संस्था के प्रतिनिधियों की चुप्पी जब इस अवैध वसूली को लेकर पत्रकारों ने संस्था के प्रतिनिधियों से पूछताछ की, तो वे बिना कोई जवाब दिए प्रखंड कार्यालय से बाहर निकल गए। यह चुप्पी काफी संदिग्ध थी और इससे यह साफ संकेत मिलता है कि इस मामले में कुछ न कुछ गड़बड़ जरूर थी।
क्या था उद्देश्य? संस्था के इस कार्य के पीछे क्या उद्देश्य था, यह अब तक स्पष्ट नहीं हो पाया है। कुछ लोगों का मानना है कि यह वसूली सरकारी योजनाओं को लागू करने के नाम पर की जा रही थी, जबकि अन्य का कहना है कि संस्था ने अवैध तरीके से पैसे वसूलने के लिए यह तरीका अपनाया। अब यह सवाल उठता है कि अगर इस तरह के कार्यों को सरकारी योजनाओं का हिस्सा मानकर किया जा रहा था, तो इसके लिए कोई आधिकारिक आदेश क्यों नहीं था?
क्या हो सकती है आगे की कार्रवाई? गांडेय बीडीओ ने स्पष्ट रूप से कहा है कि इस मामले की जांच की जाएगी और अगर किसी ने इस वसूली को जायज ठहराने के लिए गलत तरीके से सरकारी योजना का हवाला दिया है, तो उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
गिरिडीह जिले के उदयपुर पंचायत में मकानों में नंबर प्लेट लगाने के नाम पर अवैध वसूली का मामला अब चर्चा का विषय बन चुका है। बीडीओ द्वारा तत्काल कार्रवाई की गई, लेकिन संस्था के प्रतिनिधियों का चुप्प रहना इस मामले को और भी संदिग्ध बना देता है। अब देखने वाली बात यह होगी कि इस मामले में आगे क्या कार्रवाई होती है और इस गड़बड़ी के जिम्मेदार लोग कब तक कानून के शिकंजे में आते हैं।
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