Giridih Betrayal: मजदूरी देने के बहाने बुलाया और बाइक-मोबाइल लेकर हुआ फरार!
गिरिडीह में ठेकेदार ने मजदूरी दिलाने के बहाने मजदूर को बुलाया और रास्ते में उसकी बाइक व मोबाइल लेकर फरार हो गया। मजदूर ने गांडेय थाना में शिकायत दर्ज कराई, पुलिस जांच में जुटी।

गिरिडीह: झारखंड के गिरिडीह ज़िले के गांडेय प्रखंड से एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है, जिसने न सिर्फ मजदूर वर्ग को झकझोर कर रख दिया है, बल्कि सवाल खड़े कर दिए हैं ठेकेदारों की ईमानदारी और सिस्टम की नाकामी पर। मंडरडीह गांव के एक ठेकेदार समीर अंसारी पर आरोप है कि उसने न सिर्फ मजदूरी का भुगतान नहीं किया, बल्कि ईद के बाद जब मजदूरी मांगने पहुंचे मजदूर की बाइक और मोबाइल लेकर फरार हो गया।
काम करवाया, पैसा नहीं दिया – ये कैसा न्याय?
पूरा मामला पांडेयडीह निवासी मजदूर सरफराज अंसारी से जुड़ा है, जो अपने साथी मेहबूब अंसारी के साथ गिरिडीह की एक फैक्ट्री में काम करता था। इन्हें वहां काम पर लगाने वाला था मंडरडीह निवासी समीर अंसारी, जो खुद को फैक्ट्री का ठेकेदार बताता था।
ईद के मौके पर, जब हर मजदूर अपनी मेहनत की कमाई से अपने घर को रौशन करने की उम्मीद करता है, समीर अंसारी ने मजदूरी देना तो दूर, किसी भी प्रकार की जवाबदेही से पल्ला झाड़ लिया। कई दिन बीतने के बाद, जब सरफराज को जानकारी मिली कि समीर अपने गांव मंडरडीह लौटा है, तो वह अपनी बाइक (JH11AT 9235) से समीर से मिलने निकल पड़ा।
"चलो फैक्ट्री, दिलवाता हूं पैसा" – और फिर जो हुआ, वो चौंकाने वाला था!
समीर ने सरफराज को भरोसा दिलाया कि फैक्ट्री से मजदूरी नहीं आई है, चलो साथ चलते हैं, वहीं से दिलवा देता हूं। दोनों बाइक पर सवार होकर निकले, लेकिन महेशमरवा नदी के पास पहुंचते ही समीर अंसारी ने बाइक रुकवाई, और फिर सरफराज को वहीं छोड़ बाइक व मोबाइल लेकर फरार हो गया।
सरफराज के मुताबिक, समीर पहले से ही योजना बनाकर आया था। यह न सिर्फ धोखाधड़ी है, बल्कि विश्वास के साथ की गई एक संगीन चोरी भी।
इतिहास गवाह है: मजदूरों का शोषण कोई नई बात नहीं
झारखंड, बिहार और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में अनऑर्गनाइज़्ड लेबर सेक्टर लंबे समय से शोषण का शिकार रहा है। खासकर त्योहारों के समय मजदूरों की उम्मीदें सबसे ज्यादा होती हैं, लेकिन ठेकेदारों द्वारा मजदूरी रोकना आम बात हो गई है।
इतिहास में भी देखा गया है कि ऐसे कई मजदूर, समय पर भुगतान न मिलने की वजह से भूख और कर्ज़ के बोझ में आत्महत्या तक कर चुके हैं। कानून होते हुए भी इन मामलों में कार्रवाई की रफ्तार बेहद धीमी है।
क्या कहती है पुलिस?
गांडेय थाना प्रभारी आनंद प्रकाश सिंह ने बताया कि सरफराज अंसारी द्वारा दिए गए आवेदन को स्वीकार कर लिया गया है। मामले की जांच शुरू कर दी गई है और समीर अंसारी की तलाश की जा रही है।
क्या IPC में है इसके लिए सजा?
इस तरह की धोखाधड़ी भारतीय दंड संहिता की धारा 406 (अमानत में खयानत), 420 (धोखाधड़ी), और 379 (चोरी) के अंतर्गत आती है। यदि आरोपी दोषी पाया जाता है, तो उसे जेल और जुर्माना दोनों की सज़ा हो सकती है।
क्यों जरूरी है मज़दूरों की कानूनी सुरक्षा?
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मजदूरों का पंजीकरण और पहचान पत्र अनिवार्य हो
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हर ठेकेदार का रिकॉर्ड रखें स्थानीय प्रशासन
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मजदूरी देने की अंतिम तिथि तय की जाए
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चोरी और धोखाधड़ी के मामलों में फास्ट ट्रैक कोर्ट की व्यवस्था हो
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