Ghatsila Awareness Program: महिलाओं के लिए विधिक जागरूकता अभियान, अधिकारों और कानूनों पर जोर
घाटशिला में DLSA द्वारा महिला विधिक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन। महिलाओं को उनके अधिकारों और कानूनी संरक्षण के बारे में जानकारी दी गई। जानें कार्यक्रम की प्रमुख बातें।
पूर्वी सिंहभूम जिले के घाटशिला ब्लॉक में एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसका उद्देश्य महिलाओं को उनके कानूनी अधिकारों और संरक्षण के बारे में जागरूक करना था। इस महिला विधिक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (DLSA), जमशेदपुर द्वारा किया गया।
कार्यक्रम को राष्ट्रीय महिला आयोग, नई दिल्ली और झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (JHALSA), रांची के सहयोग से आयोजित किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में महिलाओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
कार्यक्रम की मुख्य विशेषताएं
इस जागरूकता कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री राजेंद्र प्रसाद, सचिव, DLSA, जमशेदपुर थे। प्रमुख वक्ताओं में अधिवक्ता और मध्यस्थ सुश्री प्रीति मुर्मू और पैनल अधिवक्ता सुश्री लक्ष्मी बिरूआ शामिल थीं। इसके अतिरिक्त, ब्लॉक विकास पदाधिकारी सुश्री उनिका शर्मा और अंचल अधिकारी सुश्री निशांत एम्बर ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
महिलाओं के लिए विषयों की विस्तृत जानकारी
कार्यक्रम में महिलाओं को उनके कानूनी अधिकारों और संबंधित कानूनों के बारे में विस्तार से बताया गया। इनमें प्रमुख विषय थे:
- घरेलू हिंसा से सुरक्षा: महिलाओं को घरेलू हिंसा अधिनियम, 2005 के तहत मिलने वाले अधिकारों और सुरक्षा उपायों की जानकारी दी गई।
- कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न: कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न से महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने वाले कानूनों पर चर्चा की गई।
- संपत्ति के अधिकार: महिलाओं को संपत्ति में उनके अधिकारों और उत्तराधिकार कानून की जानकारी दी गई।
- विधिक संरक्षण और सहायता: जरूरतमंद महिलाओं के लिए उपलब्ध कानूनी सहायता सेवाओं के बारे में बताया गया।
महिलाओं ने साझा किए अपने अनुभव
कार्यक्रम में उपस्थित महिलाओं ने न केवल जानकारी प्राप्त की, बल्कि अपने अनुभव भी साझा किए। महिलाओं ने बताया कि ऐसे कार्यक्रम उनके लिए कितने उपयोगी हैं, क्योंकि ये न केवल उन्हें सशक्त बनाते हैं, बल्कि उनके आत्मविश्वास को भी बढ़ाते हैं।
एक प्रतिभागी ने कहा, "यह पहली बार है जब हमें अपने अधिकारों के बारे में इतनी गहराई से जानकारी दी गई। अब हम खुद को और अपने परिवार को बेहतर तरीके से सुरक्षित रख पाएंगे।"
इतिहास की झलक: महिलाओं के अधिकारों का सफर
महिलाओं के अधिकारों की बात करें तो यह संघर्ष आज का नहीं है। भारतीय संविधान के तहत महिलाओं को समानता और सुरक्षा प्रदान करने के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं। 1950 के दशक से लेकर आज तक, महिलाओं के लिए कानूनों में कई सुधार और बदलाव हुए हैं। घरेलू हिंसा अधिनियम और यौन उत्पीड़न से जुड़े कानून इस दिशा में मील का पत्थर साबित हुए हैं।
महिला सशक्तिकरण की दिशा में कदम
इस कार्यक्रम के माध्यम से DLSA ने महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने और उन्हें सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल की है। यह न केवल महिलाओं को उनके अधिकारों से अवगत कराता है, बल्कि उन्हें समाज में अपने अधिकारों की रक्षा करने के लिए भी प्रोत्साहित करता है।
भविष्य की योजनाएं
DLSA के सचिव श्री राजेंद्र प्रसाद ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम आने वाले समय में अन्य ब्लॉकों और गांवों में भी आयोजित किए जाएंगे। इसके तहत अधिक से अधिक महिलाओं को उनके अधिकारों और विधिक सहायता के साधनों की जानकारी देने की योजना है।
घाटशिला का यह विधिक जागरूकता कार्यक्रम महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक सार्थक प्रयास है। महिलाओं ने इसे एक नई शुरुआत माना और इसे अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने वाला बताया। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इस पहल से क्षेत्र में कितने बदलाव आते हैं और कितनी महिलाएं अपने अधिकारों का लाभ उठा पाती हैं।
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