Dorakasai Celebration: जेवियर पब्लिक स्कूल में बच्चों ने क्रिसमस पर्व पर दिखाई खास झलकियां
जेवियर पब्लिक स्कूल डोरकासाई में क्रिसमस पर्व मनाते बच्चों की मनमोहक प्रस्तुतियां। सांता और एंजल्स के रूप में बच्चों ने बिखेरी खुशियां। पढ़ें पूरी खबर।
डोरकासाई स्थित जेवियर पब्लिक स्कूल में क्रिसमस का पर्व धूमधाम से मनाया गया। यह उत्सव बच्चों के चेहरों पर मुस्कान और उनके मनमोहक प्रस्तुतियों से भरपूर रहा। स्कूल प्रांगण में सांता क्लॉज और एंजल्स बने बच्चों ने अपनी खास वेशभूषा और शानदार प्रदर्शनों से सबका मन मोह लिया।
क्रिसमस का इतिहास और संदेश
क्रिसमस का पर्व हर साल 25 दिसंबर को प्रभु यीशु मसीह के जन्म की याद में मनाया जाता है। इसे प्यार, दया, और मानवता का प्रतीक माना जाता है। स्कूल के प्रधानाचार्य राजीव रंजन ने बच्चों को क्रिसमस की बधाई देते हुए इसके महत्व पर प्रकाश डाला।
बच्चों की प्रस्तुतियां बनीं आकर्षण का केंद्र
कार्यक्रम में बच्चों ने सांता क्लॉज और एंजल्स की वेशभूषा पहनकर रंगारंग प्रस्तुतियां दीं। गीत और नृत्य के माध्यम से उन्होंने प्रभु यीशु मसीह के जन्म और उनके संदेश को जीवंत किया। स्कूल के शिक्षकों ने बच्चों को यीशु मसीह की कहानी और उनके द्वारा दिए गए मानवता के संदेश के बारे में बताया।
गीतों और कहानियों ने बढ़ाया उत्साह
शिक्षकों ने क्रिसमस से जुड़े गीत गाकर बच्चों का उत्साहवर्धन किया। बच्चों ने भी इन गीतों पर पूरे जोश के साथ भाग लिया। स्कूल का पूरा वातावरण उत्सवमय हो गया और हर कोई इस पर्व का आनंद उठा रहा था।
नया साल और भविष्य की शुभकामनाएं
प्रधानाचार्य राजीव रंजन ने बच्चों को नए साल की शुभकामनाएं देते हुए यह संदेश दिया कि हमें प्रभु यीशु मसीह के संदेशों को अपने जीवन में आत्मसात करना चाहिए। उन्होंने बच्चों को मानवता, दया और प्रेम के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया।
पर्व का प्रभाव और प्रेरणा
इस तरह के आयोजन बच्चों को सांस्कृतिक और नैतिक शिक्षा देने का माध्यम होते हैं। क्रिसमस पर्व ने बच्चों को दया, क्षमा, और साझा करने का महत्व सिखाया। यह पर्व न केवल एक धार्मिक उत्सव है, बल्कि यह बच्चों को सकारात्मकता और आनंद से भर देता है।
डोरकासाई के जेवियर पब्लिक स्कूल में मनाया गया यह क्रिसमस पर्व केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि बच्चों को सिखाने और उनके भीतर अच्छाई के बीज बोने का अवसर भी था। ऐसे आयोजन बच्चों को न केवल सांस्कृतिक रूप से जोड़ते हैं, बल्कि उन्हें सामाजिक और नैतिक मूल्यों से भी अवगत कराते हैं।
यह रंगारंग आयोजन न केवल बच्चों के लिए बल्कि उनके अभिभावकों और शिक्षकों के लिए भी अविस्मरणीय रहा। क्रिसमस का यह संदेश सबके दिलों में लंबे समय तक गूंजता रहेगा।
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