Garhwa Issues: महिलाओं को “मंईयां सम्मान योजना” से वंचित करने वाली खामियां, जानिए पूरी कहानी

झारखंड की मंईयां सम्मान योजना में तकनीकी खामियों और प्रशासनिक त्रुटियों के कारण हजारों महिलाएं लाभ से वंचित। जानें समस्या के कारण और समाधान।

Dec 6, 2024 - 10:30
Dec 6, 2024 - 10:34
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Garhwa Issues: महिलाओं को “मंईयां सम्मान योजना” से वंचित करने वाली खामियां, जानिए पूरी कहानी
Garhwa Issues: महिलाओं को “मंईयां सम्मान योजना” से वंचित करने वाली खामियां, जानिए पूरी कहानी

गढ़वा : झारखंड सरकार द्वारा शुरू की गई मंईयां सम्मान योजना में तकनीकी खामियों के कारण हजारों महिलाएं अब भी इसके लाभ से वंचित हैं। अगस्त 2023 में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस योजना की शुरुआत की थी, जिसका उद्देश्य गरीब और जरूरतमंद महिलाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करना है। हालांकि, पोर्टल में त्रुटियां और प्रशासनिक प्रक्रिया की कमियां इस योजना को पूरी तरह सफल नहीं होने दे रही हैं।

योजना का उद्देश्य और लाभ

मंईयां सम्मान योजना के तहत पात्र महिलाओं को हर महीने 1,000 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। यह राशि दिसंबर 2023 से बढ़ाकर 2,500 रुपये कर दी गई है।

  • इस योजना का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना और उनकी जरूरतों को पूरा करना है।
  • अब तक 2,38,950 महिलाओं को इस योजना का लाभ मिला है, लेकिन कई महिलाएं अभी भी इससे वंचित हैं।

क्या है समस्या?

पोर्टल में खामियों और आवेदन प्रक्रिया में त्रुटियों के कारण बड़ी संख्या में आवेदन रिजेक्ट हो रहे हैं।

  • गढ़वा जिले में अब तक कुल 11,808 आवेदन किए गए, जिनमें से 191 आवेदन त्रुटियों के कारण अस्वीकृत हो गए।
  • मझिआंव नगर पंचायत में 53 आवेदन पहले ही रिजेक्ट हो चुके हैं।

मुख्य कारण:

  1. डाटा एंट्री में गलतियां: लाभार्थी का नाम, पिता/पति का नाम, खाता संख्या और आईएफएससी कोड में त्रुटियां।
  2. सुधार का विकल्प न होना: पोर्टल में सुधार का कोई विकल्प न होने के कारण आवेदन अस्वीकृत हो जाते हैं।
  3. प्रज्ञा केंद्र की लापरवाही: कई जगह पर प्रज्ञा केंद्र के ऑपरेटरों द्वारा गलत एंट्री की जा रही है।

कैसे काम करती है योजना?

योजना के तहत आवेदन प्रक्रिया को सामाजिक सुरक्षा कोषांग द्वारा प्रबंधित किया जाता है।

  1. महिलाएं प्रज्ञा केंद्र या कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन करती हैं।
  2. आवेदन पंचायत सेवक (ग्रामीण क्षेत्रों में) और राजस्व कर्मचारी (शहरी क्षेत्रों में) के पास भेजे जाते हैं।
  3. सत्यापन के बाद आवेदन जिला स्तर पर सामाजिक सुरक्षा कोषांग को फॉरवर्ड किया जाता है।
  4. स्वीकृति मिलने के बाद लाभार्थी को अगले महीने से राशि प्रदान की जाती है।

पात्रता मानदंड

योजना का लाभ लेने के लिए महिलाओं को कुछ शर्तें पूरी करनी होती हैं:

  1. स्थायी निवासी: लाभार्थी झारखंड की निवासी होनी चाहिए।
  2. आयु सीमा: 21 से 50 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
  3. आवश्यक दस्तावेज: आधार लिंक्ड बैंक खाता, आधार कार्ड, राशन कार्ड, और मतदाता पहचान पत्र।
  4. अपवाद: सरकारी कर्मचारी, पेंशनभोगी, सांसद/विधायक के परिवार के सदस्य, और अन्य सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ पाने वाले इस योजना के लिए पात्र नहीं हैं।

महिलाओं की शिकायतें और संघर्ष

मझिआंव की लाभार्थी सुप्रिया कुमारी, रिंकू देवी, और रेखा देवी ने बताया कि उन्होंने कई महीनों पहले आवेदन किया था, लेकिन अब तक उन्हें योजना का लाभ नहीं मिल सका है।
उन्होंने कहा, "हमसे आवेदन में कोई गलती नहीं हुई, फिर भी हमारा नाम सूची में नहीं है।"

प्रशासन क्या कर रहा है?

सामाजिक सुरक्षा के सहायक निदेशक नीरज कुमार का कहना है कि पोर्टल में आने वाली समस्याओं को राज्य निदेशालय को रिपोर्ट किया गया है।
वनपाल धनलाल उरांव ने कहा कि, "पोर्टल में सुधार का विकल्प जल्द उपलब्ध होगा, जिससे लाभार्थियों को परेशान नहीं होना पड़ेगा।"

इतिहास में झारखंड की महिला योजनाएं

झारखंड सरकार ने पहले भी महिलाओं के उत्थान के लिए कई योजनाएं चलाई हैं, जैसे:

  • मुख्यमंत्री कन्यादान योजना
  • सुकन्या योजना
    हालांकि, इन योजनाओं में भी प्रक्रियात्मक खामियां और भ्रष्टाचार जैसी समस्याएं देखने को मिली थीं।

समस्या का समाधान क्या हो सकता है?

  1. पोर्टल का अपग्रेड: पोर्टल में सुधार का विकल्प जोड़ा जाए।
  2. प्रशिक्षण कार्यक्रम: प्रज्ञा केंद्र के ऑपरेटरों को सही डाटा एंट्री के लिए प्रशिक्षित किया जाए।
  3. ऑफलाइन प्रक्रिया: जिन क्षेत्रों में तकनीकी समस्याएं हैं, वहां ऑफलाइन आवेदन की अनुमति दी जाए।

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