Mahakumbh 2025:  सनातन के प्रति बढ़ रही है विदेशी महिलाओं की आस्था, स्टीव जॉब्स की पत्नी भी शामिल

महाकुंभ में ना सिर्फ विदेशियों का जमावड़ा लग रहा है बल्कि विदेशी महिलाएं भी सनातन धर्म में लिप्त हो चुकी है। 

Jan 22, 2025 - 17:03
Jan 22, 2025 - 17:40
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Mahakumbh 2025:  सनातन के प्रति बढ़ रही है विदेशी महिलाओं की आस्था, स्टीव जॉब्स की पत्नी भी शामिल
Mahakumbh 2025:  सनातन के प्रति बढ़ रही है विदेशी महिलाओं की आस्था, स्टीव जॉब्स की पत्नी भी शामिल

Foreign Women Accepted Indian Religion at Mahakumbh 2025:  उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चल रहे महाकुम्भ में जहां एक तरफ देश के कोने कोने से हिंदू समाज के श्रद्धालु और नागा साधु पहुंच रहें है। तो वहीं अलग अलग विदेशी सरजमीं से आए मेहमान भी सनातन के रंग में रंगे हुए है। महाकुंभ की भव्यता और अलौकिक सौंदर्य की ऐसी छाप पड़ी कि खुद को सनातन धर्म की आस्था में विलीन हो गई। यही वजह है कि गंगा , यमुना, और सरस्वती के मिलन स्थल संगम के तट पर विदेशी महिलाओं ने अपनी भागीदारी से सनातन संस्कृति को विश्व पटल पर मजबूत किया है। अमेरिका, इटली, साउथ अफ्रीका, रूस, ब्रिटेन और जापान से आई महिलाएं महाकुंभ में होने वाले आयोजनों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। आखाडो से लेकर धार्मिक कार्यक्रमों में इन महिलाओं ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। 


ये विदेशी महिलाएं सुर्खियों में :

जापान से आई योगमाता केको आई कावा सनातन के रंग में रंग चुकी है। ब्रम्हलीन पायलट बाबा की गुरु बहन योगमाता महामंडलेश्वर के रूप में प्रतिष्ठित हुई है। वह योग और ध्यान के माध्यम से भारतीय संस्कृति का वैश्विक प्रचार प्रसार भी कर रही। पायलट बाबा ने पूरी जिम्मेदारी योगमाता को दी है। 


चिदानंद मुनि के आश्रम की पूरी जिम्मेदारी साध्वी भगवती के कंधो पर है। अमेरिका की ये महिला संत सनातन धर्म को अपना मान चुकी है। शुद्ध शाकाहारी भोजन और पूरे दिन भक्ति में विलीन रहना साध्वी भगवती को खूब भा रहा है।  आपको बता दें कि साध्वी भगवती ने सिर्फ 30 साल की उम्र में घर, परिवार छोड़कर सन्यास ले लिया। उन्होंने उत्तराखंड के  ऋषिकेश में गंगा किनारे मौजूद परमार्थ निकेतन आश्रम को अपना घर बना लिया है। 


लॉरेन पॉवेल से कमला बनी एप्पल के सह संस्थापक स्टीव जॉब्स की पत्नी महाकुंभ में सबसे चर्चित चेहरा बन गया है। वो पहले सनातन धर्म की ओर आकर्षित हुई। फिर उन्होंने भारतीय संस्कृति के प्रति अपना प्रेम दर्शाया। लॉरेन पॉवेल ने अपना गुरु स्वामी कैलाशानंद गिरी को माना और गुरु ने ही उन्हें अपना गोत्र दिया। 

भारतीय मूल की आशा पटेल लंदन की रहने वाली हैं। और वो महाकुंभ की नगरी सेक्टर चार में निस्वार्थ सेवा भाव कर रही है। आशा पटेल भोजन के साथ कंबल वितरण कर रही है। खीर , पूड़ी, गुजराती पोहा, पुलाव, समोसा चटनी, आदि आने वाले श्रद्धालुओं को परोस रही है। आशा पटेल का भंडारा दो जनवरी से लेकर 12 फरवरी तक चलेगा। आशा रोजाना 10 हजार लोगों का भोजन खिला रही है।

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Brajesh Saini ब्रजेश सैनी इंडिया इंडियन न्यूज में बतौर न्यूज राइटर और रिपोर्टर मैनेजर के रूप में काम कर रहे है। उन्होंने अपनी पत्रकारिता की पढ़ाई JIMMC कानपुर से पूरी की है। लगभग 6 वर्षो से मीडिया इंडस्ट्री में कार्यरत है। पॉलिटिकल , स्पोर्ट्स और इंटरनेशनल खबरों में अच्छी पकड़ है। इससे पहले वो कई संस्थान में अपनी सेवाएं दे चुके हैं।