ड्रोन तकनीक से बदल रही है शहरी बुनियादी ढांचे की दुनिया: टाटा स्टील UISL को कांस्य पुरस्कार
टाटा स्टील UISL ने ड्रोन तकनीक के उपयोग से शहरी बुनियादी ढांचे के संचालन और रखरखाव पर किए गए शोध के लिए 66वें राष्ट्रीय सम्मेलन में कांस्य पुरस्कार जीता। यह अध्ययन शहरी विकास को अधिक कुशल और सतत बनाने में मदद करता है।
टाटा स्टील की शत प्रतिशत सब्सिडियरी कंपनी टाटा स्टील यूआइएसएल को 66वें राष्ट्रीय सम्मेलन और 8वें अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में उनके शोध पत्र “ड्रोन फॉर इंफ्रास्ट्रक्चर एंड टाउन ओएंडएम” के लिए कांस्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह कार्यक्रम इंडियन इंस्टीट्यूशन ऑफ इंडस्ट्रियल इंजीनियर्स (आईआईआईई), जमशेदपुर चैप्टर द्वारा आयोजित किया गया। दो दिवसीय यह सम्मेलन जमशेदपुर के पास द वेव इंटरनेशनल में हुआ। इसका मुख्य विषय था "इनोवेशन एंड एआई इनेबल्ड सस्टेनेबल ग्रोथ: इमर्जिंग रोल्स ऑफ इंडस्ट्रियल इंजीनियर्स।" (समाचार तिथि ज्ञात नहीं है)
सपना जायसवाल और कौस्तव बनर्जी ने अपने शोध पत्र के माध्यम से यह बताया कि कैसे ड्रोन तकनीक शहरी बुनियादी ढांचे के संचालन और रखरखाव में क्रांति ला सकती है। उनके शोध ने ड्रोन के उपयोग से बुनियादी ढांचे की कुशल निगरानी और रखरखाव के तरीकों पर प्रकाश डाला। इसके साथ ही पर्यावरणीय प्रभाव को कम करते हुए सतत शहरी विकास को बढ़ावा देने पर भी जोर दिया गया। यह तकनीक शहरी योजनाकारों को बुनियादी ढांचे के प्रबंधन में अधिक दक्षता और सटीकता प्राप्त करने में मदद करेगी।
टाटा स्टील UISL ने सम्मेलन में कई अन्य अभिनव प्रस्तुतियां भी दीं। इनमें एक महत्वपूर्ण प्रस्तुति "सिटीजीआईएस" थी, जो शहरी बुनियादी ढांचे के प्रबंधन के लिए भौगोलिक सूचना प्रणाली (GIS) और डेटा विज़ुअलाइज़ेशन तकनीकों का उपयोग करती है। यह तकनीक शहर के योजनाकारों और इंजीनियरों को शहरी विकास के लिए ठोस और व्यवहारिक समाधान प्रदान करती है।
एक अन्य शोध "औद्योगिक उप-उत्पादों के माध्यम से सतत निर्माण" पर था। इस अध्ययन में निर्माण क्षेत्र में औद्योगिक उप-उत्पादों के पुन: उपयोग की संभावनाओं पर जोर दिया गया, जिससे पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने में मदद मिल सके। इस शोध ने यह दिखाया कि कैसे निर्माण कार्यों में उप-उत्पादों का पुन: उपयोग करके टिकाऊ भवन निर्माण संभव है।
इस सम्मेलन में दुनिया भर से प्रमुख पेशेवर, शोधकर्ता और औद्योगिक इंजीनियर शामिल हुए। इसमें नवीनतम तकनीकी प्रगति और सतत औद्योगिक विकास के लिए समाधान खोजने पर विचार-विमर्श हुआ। ड्रोन, एआई और औद्योगिक स्वचालन पर ध्यान केंद्रित करते हुए, यह स्पष्ट किया गया कि ये अत्याधुनिक तकनीकें भविष्य में हरित और अधिक सतत विकास के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।
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