Donald Trump Tariff 2025: ट्रंप की टैरिफ नीति से भारत की अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा गहरा असर, भारत कैसे निपटेगा
डोनाल्ड ट्रंप के रेसीप्रोकल टैरिफ प्लान से भारत को झटका लग सकता है। जिससे भारत की अर्थव्यवस्था पर भी असर नजर आयेगा।

डोनाल्ड ट्रंप टैरिफ प्लान न्यूज2025: भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मुलाकात से जहां एक तरफ भारत को फायदा हुआ तो दूसरी तरफ नुकसान भी उठाना पड़ सकता है। क्योंकि ट्रंप की टैरिफ प्लान की नीति सभी के लिए बराबर है। ट्रंप ने साफ कहा है कि जो अमेरिकी आयात पर जितना टैरिफ लगाएगा। उसे अमेरिका वैसी ही टैरिफ भाषा में जवाब देगा। भारत अमेरिकी आयतों पर 9.5 फीसदी आयात शुल्क चार्ज करता है लेकिन अमेरिका सिर्फ 3 फीसदी ही टैरिफ लगाता है। ऐसे में डोनाल्ड ट्रंप ने साफ कर दिया कि वो रेसीप्रोकल टैरिफ लगाएंगे। अगर ऐसा हुआ तो भारत की चुनौतियां और बढ़ेंगी। इसका सीधा असर भारत की अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा। बता दें कि ट्रंप ने रेसीप्रोकल टैरिफ लगाने की घोषणा मोदी के अमेरिका दौरे से पहले की थी।
क्या है भारत -अमेरिकी व्यापार नीति
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसले से वैश्विक व्यापार युद्ध और गहरा होने की उम्मीद जताई जा रही है। वैसे अमेरिका साल 2021 से 2024 के दौरान भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार रहा है। वहीं अप्रैल से नवंबर 2024 - 2025 के दौरान भारत और अमेरिका के बीच व्यापार 82.52 अरब डॉलर था। जिसमे 52.89 अरब डॉलर का निर्यात और 29.63 अरब डॉलर का निर्यात शामिल है। दोनों देशों के व्यापार का अंतर 23.26 अरब डॉलर था। जिसमें भारत का फायदा अधिक था। इसमें माल निर्यात में अमेरिका की 18% हिस्सेदारी थी। अमेरिका भारत पर आयात शुल्क 3% ही चार्ज करता है। तो वहीं भारत अमेरिका के सामानों पर 9.5% शुल्क चार्ज करता है।
क्या है ट्रंप की शुल्क नीति
इंटरनेशनल बिजनेस में माल पर टैरिफ यानी शुल्क लगाए जाते है। जिसमें आयातक को यह शुल्क सरकार को देना होता है। फिर कंपनियां इन शुल्क को उपयोगकर्ताओं तक पहुंचाती है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि अमेरिका को नुकसान उठाना पड़ रहा है। ऐसे में वो रेसीप्रोकल शुल्क लगाने की तैयारी में है। इसका सबसे ज्यादा असर जापान , यूरोपियन देशों और भारत पर पड़ेगा। इसकी शुरुआत अप्रैल से शुरू हो जायेगी। भारत के साथ अमेरिका को 2023 से 24 में वस्तुओ के मामले में 35.31 अरब अमेरिकी डॉलर का घाटा होगा। इसी अंतर को समान बनाने के लिए ट्रंप यह शुल्क लगाएंगे। आपको बता दें कि WTO के मानदंडों के अनुसार सदस्य देशों को अपने शुल्क कार्यक्रम बताने होते है। इसमें सभी उत्पादों की बाध्य दरें शामिल होती है। भारत द्वारा लगाया गया शुल्क WTO के मानदंडों के अनुरूप है।
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