क्या मानसिक रोग बढ़ाते हैं एनोरेक्सिया नर्वोसा के मरीजों में जल्दी मौत का खतरा?
क्या मानसिक रोग बढ़ाते हैं एनोरेक्सिया नर्वोसा के मरीजों में जल्दी मौत का खतरा?
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एनोरेक्सिया नर्वोसा, एक गंभीर खाने की बीमारी है, जो न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर डालती है। हाल ही में मेडिकल डायलॉग्स के एक लेख में प्रकाशित एक नई स्टडी बताती है कि इस बीमारी से पीड़ित लोगों में जल्दी मौत का खतरा और भी बढ़ जाता है अगर उन्हें किसी भी प्रकार का मानसिक रोग हो।
यह रिसर्च, जो एक प्रसिद्ध मनोचिकित्सा जर्नल में प्रकाशित हुई है, दिखाती है कि एनोरेक्सिया नर्वोसा से पीड़ित लोगों में यदि उन्हें अवसाद, चिंता या फिर कोई दूसरी मानसिक समस्या हो, तो उनका जल्दी मरने का खतरा और बढ़ जाता है। शोधकर्ताओं का कहना है कि यह जोखिम केवल गंभीर एनोरेक्सिया के कारण नहीं है, बल्कि सहवर्ती मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से भी जुड़ा है।
स्टडी की मुख्य बातें:
- एनोरेक्सिया नर्वोसा से पीड़ित लोगों में जल्दी मौत का खतरा उन लोगों से तीन गुना अधिक है जो इस बीमारी से पीड़ित नहीं हैं।
- जब यह बीमारी किसी मानसिक रोग के साथ होती है, तो यह खतरा और बढ़ जाता है।
- यह निष्कर्ष मानसिक स्वास्थ्य पेशेवरों और देखभाल करने वालों के लिए महत्वपूर्ण हैं, जो इन मरीजों का इलाज और समर्थन करते हैं।
एक प्रसिद्ध मनोचिकित्सक, डॉ. मीना कपूर, जो इस शोध टीम का हिस्सा थीं, ने बताया, "हमने देखा है कि मानसिक रोग जैसे अवसाद और चिंता, एनोरेक्सिया नर्वोसा के मरीजों के लिए अतिरिक्त चुनौतियाँ पैदा करते हैं। इन समस्याओं का समय पर और प्रभावी इलाज इन मरीजों की कुल जीवित रहने की दर को सुधार सकता है।"
डॉ. कपूर ने आगे समझाया, "एनोरेक्सिया नर्वोसा को केवल एक शारीरिक बीमारी समझना गलत होगा। यह एक जटिल स्थिति है जिसमें मनोवैज्ञानिक कारणों का भी महत्वपूर्ण योगदान होता है। इसलिए, समग्र उपचार दृष्टिकोण, जिसमें मनोवैज्ञानिक थेरपी और चिकित्सा उपचार दोनों शामिल हों, आवश्यक है।"
इस स्टडी से एक स्पष्ट संदेश मिलता है कि एनोरेक्सिया नर्वोसा मरीजों के समग्र देखभाल योजना में मानसिक स्वास्थ्य परीक्षण और उपचार को शामिल करना महत्वपूर्ण है। यह रिसर्च स्वास्थ्य पेशेवरों को एक नया दृष्टिकोण देती है और इस बीमारी के प्रबंधन में नई रणनीतियों को लागू करने का रास्ता दिखाती है।
लेखक की पृष्ठभूमि: डॉ. मीना कपूर, एक अनुभवी मनोचिकित्सक हैं, जिन्होंने अपना करियर खाने की बीमारियों और मानसिक समस्याओं के उपचार में समर्पित किया है। उनका काम व्यापक रूप से मान्यता प्राप्त है और उन्होंने मानसिक स्वास्थ्य समुदाय के लिए कई महत्वपूर्ण शोध पत्र और लेख लिखे हैं।
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