टाटानगर आरपीएफ (रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स) ने हाल ही में एक बड़ी सफलता हासिल की है। आरपीएफ ने रेल परिसंपत्ति चोरी के मामले में मन्नू समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया और भारी मात्रा में चोरी का माल बरामद किया। यह छापेमारी टेल्को क्षेत्र के जेम्को चौक के पास की गई, जहां से कई कर्मचारी और मददगार पकड़े गए। इस छापेमारी से क्षेत्र के अन्य स्क्रैप कारोबारियों में हड़कंप मच गया है।
कैसे हुई छापेमारी?
दक्षिण पूर्व जोन मुख्यालय को टाटानगर में रेल परिसंपत्ति की चोरी की सूचना मिली थी। इसके बाद, आरपीएफ के आईजी ने चक्रधरपुर मंडल के सीनियर कमांडेंट पीएस कुट्टी को तुरंत कार्रवाई करने का आदेश दिया। आरपीएफ की टीम ने योजना बनाकर टेल्को क्षेत्र में छापेमारी की, जिसमें पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया।
कितनी परिसंपत्ति बरामद हुई?
जेम्को टाल से हुई इस छापेमारी में लाखों रुपये की कीमत की पांच टन से भी ज्यादा रेल परिसंपत्ति बरामद हुई है। इस बरामदगी से साफ है कि चोरी का यह धंधा काफी बड़े पैमाने पर चल रहा था।
क्या कहा आरपीएफ ने?
आरपीएफ के सीनियर कमांडेंट पीएस कुट्टी ने कहा, "हम अपने सभी संसाधनों का उपयोग कर रहे हैं ताकि रेलवे संपत्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके और ऐसे अपराधों पर पूरी तरह से रोक लगाई जा सके।"
क्या सामुदायिक भागीदारी की अपील की गई?
आरपीएफ ने स्थानीय समुदाय से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत सूचना दें। उन्होंने कहा कि जनता की सहभागिता से ही ऐसे अपराधों पर पूरी तरह से अंकुश लगाया जा सकता है।
क्या होगा आगे?
इस घटना के बाद टाटानगर और आसपास के क्षेत्रों में आरपीएफ की गश्त बढ़ा दी गई है। नए निगरानी उपकरण लगाए जा रहे हैं और क्षेत्रीय कार्यालयों को सतर्क किया गया है। आरपीएफ की इस सफलता से उम्मीद है कि रेल परिसंपत्ति चोरी की घटनाओं में कमी आएगी और रेलवे परिसंपत्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी।
आरपीएफ की इस बड़ी कार्रवाई से यह संदेश स्पष्ट हो गया है कि रेल परिसंपत्ति की चोरी को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। क्या यह छापेमारी रेल चोरी पर रोक लगाने में सफल होगी? क्या अन्य क्षेत्रों में भी ऐसी ही कार्रवाइयाँ की जाएंगी? ये सवाल भविष्य की कार्यवाही और आरपीएफ की रणनीतियों पर निर्भर करते हैं।