मधुमेह के लक्षण, कारण एवम घरेलु उपचार (Diabetes Meaning, symptoms, treatment, home remedies in hindi)
मधुमेह के लक्षण, कारण एवम घरेलु उपचार (Diabetes Meaning, symptoms, treatment, home remedies in hindi)
डायबिटीज क्या है?
डायबिटीज या मधुमेह एक ऐसी बीमारी है जिसकी विशेषता हाई ब्लड शुगर का स्तर है ब्लड में बहुत अधिक अनुकूल होने से स्वास्थ्य समस्याएं होती है और यदि ब्लड ग्लूकोस जिसे ब्लड शुगर के रूप में देखते हैं किसी भी व्यक्ति में बहुत अधिक हो सकता है इसे मधु में आते हैं ब्लड शुगर ऊर्जा का प्रमुख स्रोत होता है जो कि आहार से आता है शरीर में इंसुलिन नामक एक हार्मोन होता है जो ब्लूटूथ को कोशिकाओं में जाने मदद करता है ताकि ऊर्जा का नियंत्रण शरीर में बना रहे |
मधुमेह टाइप वन टाइप टू गर्भावती और पूर्व मधुमेह जैसे विभिन्न प्रकार के मधुमेह होते हैं जब कोई व्यक्ति मधुमेह से पीड़ित होता है तो शरीर इंसुलिन बना नहीं बनाता और इस प्रकार गुरु को शरीर की कोशिकाओं में जाने में विफल रहता है और ब्लड में रहता है यह बड़ा हुआ ब्लड शुगर का स्तर या ग्लूकोज का स्तर शरीर के विभिन्न अंगों को क्षति पहुंचाता है जैसे आप किडनी ह्रदय आदि कई समस्याएं पैदा करता है
मधुमेह के विभिन्न प्रकार क्या हैं?
मधुमेह उन लोगों का एक समूह है जिसमें शरीर पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन नहीं करता है झूठ पारित इंसुलिन का ठीक से उपयोग नहीं कर पाता जब इसमें से कोई भी चीज होती है तो शरीर ब्लड से शुगर की कोशिकाओं मिलने पाने में असमर्थ होता है तथा इस बड़े हुए इस तक गूगल को मधुमेह कहा जाता है
मधुमेह के तीन मुख्य प्रकार होते हैं:
- टाइप 1 डायबिटीज: किसी व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से अग्नाशय में इंसुलिन बनाने वाली बीटा कोशिकाओं पर अटैक करती है और नष्ट कर देती है कुछ लोगों में जिन भी इस बीमारी के कारण से एक भूमिका निभाता है इस बताएं सलीम का उत्पादन नहीं होता और इससे हाइट शुगर होता है
- टाइप 2 डायबिटीज: यह इंसुलिन प्रतिरोध के कारण होता है यह अनुवांशिकी और जीवनशैली कारों का का संयोजन है जैसे अधिक भोजन या मोटापा के कारण की समस्या खतरा बढ़ जाता है पेट में भारी वजन के कारण कोशिकाएं ब्लड शुगर इंसुलिन के प्रभाव के लिए अधिक प्रतिरोधी हो जाती है
- जेस्टेशनल डायबिटीज: गर्भावस्था के दौरान हार्मोन परिवर्तन के कारण जैन स्टेशन डायबिटीज होता है बिहार मूल कोशिकाओं के मुस्लिम के प्रभाव के प्रति कम संवेदनशील बन सकती है यह गर्भावस्था के दौरान हाई ब्लड शुगर का कारण बन जाती है उचित आहार के माध्यम से इस बीमारी को रोका जा सकता है|
मधुमेह के शुरुआती संकेत निम्नलिखित हैं:
- भूख और प्यास में वृद्धि
- बार-बार पेशाब आना और मुंह सूखना
- वजन में कमी और थकान
- सिरदर्द और चिड़चिड़ापन
- धीमे-धीमे घाव ठिक होना और धुंधली दृष्टि
- मतली और त्वचा में संक्रमण जैसे शरीर के क्षेत्रों में त्वचा का काला पड़ना कम हो जाता है (एकैंथोसिस नाइग्रीकन्स)
- सांस की गंध जो कि फ्रूटी, मीठा या एसीटोन गंध
- हाथ या पैर में झुनझुनी या सुन्नता
- रेट्रोग्रेड एजाकुलेशन और कम टेस्टोस्टेरोन (कम-टी)
- कामेच्छा में कमी , यौन रोग , गतिहीन जीवन शैली (व्यायाम की कमी और / या शारीरिक रूप से सक्रिय नहीं होना) और पुरुषों में कम टेस्टोस्टेरोन
- हाई ब्लडबप्रेशर और हाई कोलेस्ट्रॉल
- धूम्रपान और अतिरिक्त शराब का सेवन
- नींद की कमी और हृदय रोग
- किडनी की बीमारी और तंत्रिका क्षति और न्यूरोपैथी (तंत्रिका दर्द)
- रेटिनोपैथी (आंख और या अंधापन में तंत्रिका क्षति) और स्ट्रोक
- पेरिफेरल वैस्कुलर रोग और खमीर संक्रमण
मधुमेह के कारण क्या होता हैं?
मधुमेह के प्रमुख कारण और रोकथाम हैं:
- टाइप 1 मधुमेह के कारण निम्न हैं:
- व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से अग्नाशय में इंसुलिन उत्पादक बीटा कोशिकाओं पर अटैक करती है और नष्ट कर देती है कुछ लोगों में चीन की बीमारी के कारण ही भूमिका निभाते हैं इसका कैंसलिंग उत्पादन नहीं होता है|
- टाइप 2 मधुमेह के कारण हैं:
- इंसुलिन प्रतिरोध के कारण होता है या अनुवांशिकी और जीवन शैली का रो-रोकर संयोजन है जैसे अधिक वजन या मोटापा के कारण किस समस्या का खतरा शरीर में बढ़ जाता है विशेष रूप से अपने पेट के अतिरिक्त वजन लेना क्योंकि वह अतिरिक्त वजन अभी कोशिकाओं को ब्लड शुगर में इंसुलिन के प्रभाव के प्रति अधिक प्रतिरोध ही बनाता है जिस कारण से मधुमेह होता है
- जेस्टेशनल डायबिटीज:
यह समस्या मुख्य रूप से गर्भावस्था के दौरान मंगल परिवर्तन के कारण होता है नाल हार्मोन का उत्पादन करता है और यह हार्मोन कोशिकाओं को इंसुलिन से तो हाउस से प्रति कम संवेदनशील बना सकते हैं या गर्भावस्था के दौरान हाई ब्लड शुगर का कारण बनती है
डायबिटीज का निदान कैसे करें?
कई टेस्ट हैं जो मधुमेह के निदान में डॉक्टर की मदद करते हैं:
- टाइप 1 और टाइप 2 मधुमेह के लिए टेस्ट
- रैंडम ब्लड शुगर टेस्ट: एक यादृच्छिक समय पर ब्लड सैंपल लिया जाता है। जब आप आखिरी बार खाते हैं, तो डिकिलिटर (मिलीग्राम / डीएल) - प्रति लीटर (मिमीोल / एल) - या उच्चतर 200 मिलीग्राम का एक यादृच्छिक हाई शुगर लेवल मधुमेह का सुझाव देता है।
- फास्टिंग ब्लड शुगर टेस्ट: भोजन से पहले और भोजन के बाद रोगी के ग्लूकोज के स्तर का परीक्षण किया जाता है। यदि ग्लूकोज का स्तर सामान्य से 100 मिलीग्राम / डीएल से कम है। बार-बार अलग-अलग परीक्षणों के बाद भी 126 मिलीग्राम / डीएल या अधिक से उपवास ब्लड शुगर का स्तर मधुमेह की पुष्टि करता है।
- ग्लाइकेटेड हीमोग्लोबिन (A1C) टेस्ट: यह टेस्ट दिखाता है कि टस्ट से 2 से 3 महीने पहले व्यक्ति का औसत ब्लड शुगर लेवल क्या था। ब्लड शुगर सैंपल भोजन से पहले या बाद में लिया जा सकता है।
- जेस्टेशनल डायबिटीज के लिए टेस्ट
गर्भावस्था मधुमेह औसत जोखिम में होते हैं संभवत दूसरी तिमाही के दौरान गर्भावधि मधुमेह के लिए एक स्क्रीनिंग टेस्ट होता है आमतौर पर गर्भावस्था में 24 से 28 सप्ताह के बीच यह टेस्ट होता है
- प्रारंभिक ग्लूकोज चैलेंज टेस्ट।
- फॉलो-अप ग्लूकोज टॉलेरेंस टेस्टिंग
मधुमेह के लिए सबसे अच्छा उपचार क्या हैं?
मधुमेह में डॉक्टर की उचित सलाह लेना तथा उनकी दिशा निर्देशों का पालन करना चाहिए इसमें व्यायाम और भोजन की मात्रा अधिक होनी चाहिए और पौष्टिक आहार लेना चाहिए
- टाइप 1 डायबिटीज के लिए उपचार: टाइप 1 डायबिटीज के उपचार में इंसुलिन इंजेक्शन या इन्सुलिन पंप का उपयोग लगातार ब्लड शुगर लेवल की जांच और कार्बोहाइड्रेट की गिनती की जाती है |
- टाइप 2 डायबिटीज के लिए उपचार: टाइप 2 डायबिटीज के उपचार में मुख्य रूप से रोगी को जीवन शैली में बदलाव करने की सलाह तथा डायबिटीज की दवाई दी जाती है इसमें एमपी ज्यादा होने पर इंसुलिन भी दिया जा सकता है
- मेडिकेशन: मेटफॉर्मिन (ग्लूकोफेज, ग्लूमेटा, अन्य) आदि दवाएं आमतौर पर टाइप 2 मधुमेह के लिए दी जाती है उच्च टी प्रत्यारोपण और बेरिएट्रिक सर्जरी के मामलों में भी रोगियों के लिए विकल्प होते हैं |
- गर्भावधि मधुमेह के लिए उपचार: अपने बच्चे को स्वस्थ रखने और प्रसव के दौरान जटिलताओं से बचने के लिए अपने ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करना आवश्यक होता है।
मधुमेह के लिए घरेलू उपचार क्या हैं?
मधुमेह का प्रबंधन करने के लिए कुछ घरेलू उपचार इस प्रकार हैं:
करेला –
करेला में ग्लूकोज की मात्रा नहीं होती है और यह शरीर में इंसुलिन की मात्रा को कंट्रोल करता है करेला सभी तरह के डायबिटीज को नियंत्रित करता है करेला का जूस बनाकर उसमें पानी मिलाकर खाली पेट मरीज को दें बहुत फायदा करेगा
आम के पत्ते –
आम के ताजे पत्ते 10 से 12 लेकर उसे रात में पानी में डालकर छोड़ दे सुबह उठकर मरीज को पिला दे और आम की ताजा पत्तियों को लेकर छांव में सूखने के लिए दें सूखने के बाद इसे पीस लें वहीं भारी कृष्ण के बाद इसे रोगी को प्रत्येक सुबह खाली पेट पीने के लिए दे बहुत फायदा करेगा
तुलसी के पत्ते –
तुलसी का पत्ता बहुत सारे औषधि गुण लेकर हमारे शरीर को प्राकृतिक रूप से स्वस्थ बनाता है तुलसी का पत्ता हमारे स्वरूप शरीर के ब्लड शुगर को कंट्रोल करता है सुबह सुबह खाली पेट दो चम्मच तुलसी का रस पीने से यह आपके शरीर के शुगर को सही मात्रा में रखता है
दालचीनी –
दालचीनी रोजाना हमारे घर में उपयोग होता है तथा या टाइप टू डायबिटीज को नियंत्रण में रखने के लिए बहुत ही उपयोगी होता है गुनगुने पानी में एक चम्मच दालचीनी का पाउडर मिला दे तथा उसे आप रेगुलर बेसिस पर भी है इससे यह आपके शुगर लेवल को कंट्रोल करता है
मैथी –
मेथी का इस्तेमाल भी हम रोजाना करते हैं परंतु क्या आप जानते हैं मेथी में कुछ ऐसे प्राकृतिक औषधि गुण होते हैं जिसके कारण मेथी हमारे शरीर मैं ब्लड शुगर का लेवल को कंट्रोल करता है
आमला –
आमला एक प्रकृति द्वारा वरदान है आमला में विटामिन सी प्रचुर मात्रा में होती है जो कि डायबिटीज को नियंत्रित करने में बहुत ही ज्यादा सहायक होता है 23 आमला लेकर उसका पेस्ट बना लें और इसे तो परेशानी छोड़के इसका जूस निकाल ले खाली पेट दो चम्मच जूस एक कप पानी में मिलाकर ठंड के मौसम में daily अपने आप को बहुत फायदा करेगा
जामुन –
जामुन डायबिटीज नियंत्रण करने के लिए बहुत ही आवश्यक और बहुत ही कारगर उपाय है इसके बीच को आप सुखाए और इसे सुखाने के बाद पीस लें और फिर प्रत्येक दिन इसे गर्म पानी में डालकर उबालें और उसे रोगी को दें और वर्षा के मौसम में जब जामुन प्रचुर मात्रा में मार्केट में मिलने लगे तो इसका सेवन ज्यादातर करें
नीम की पत्ती –
नीम का पत्ता anti-diabetic प्रॉपर्टीज से युक्त होता है अगर आप सुबह खाली पेट 8-10 ताजी पत्तियां चबाकर खाते हैं तो इससे आपका शरीर मजबूत तथा दो-तीन महीने में यह डायबिटीज को नियंत्रित कर लेता है इसे पीने से कोलेस्ट्रॉल की समस्या भी नहीं रहती और शरीर मजबूत तथा स्वस्थ होता है
एलोवेरा –
एलोवेरा हाई ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में बहुत ही कारगर उपाय है 2 से 3 किलो वेरा के पत्ते लें एक बड़ा चम्मच हल्दी ले और सब को पीछे हटने के बाद रात में खाने से पहले थोड़ा जल को खा लें इससे आपको कुछ महीनों में ही ज्यादा आराम मिले
अमरुद –
अमरूद में विटामिन सी की प्रचुर मात्रा होती है और इसमें फाइबर भी होता है प्रतिदिन कोशिश करें एक अमरूद खाने का भी आपके शुगर लेवल को कंट्रोल करता है जिससे आप अपने शरीर में तरोताजा महसूस करते हैं
भिन्डी-
भिंडी जिसे हम पोखरा भी कहते हैं यह ग्लूकोज नियंत्रण करने में बहुत ही कारगर सिद्ध होता है तथा इसका कोई साइड इफेक्ट भी नहीं है एक गिलास पानी में एक भिंडी को काटकर डाल दे तथा रात भर भीगने दे अगले दिन सुबह खाली पेट इस पानी को पिए कुछ हफ्ते तक रोज ऐसा करने से यह भिंडी आपके शरीर को डायबिटीज रहित बनाता है तथा कोशिश करें भिंडी की सब्जी ज्यादा ज्यादा खाए |
ग्रीन टी –
ग्रीन टी रोज सुबह खाली पेट पीने से आपके शरीर को बहुत ही ज्यादा फायदा होता है ग्रीन टी पीने से डायबिटीज में भी राहत मिलती है आर्य कंट्रोल में रहता है
कुछ अन्य बातें –
- दिनचर्या में सुधार लाएं
- फाइबर से भरपूर पौष्टिक आहार खाएं
- ज्यादा ज्यादा पानी पिए
- तनाव ना लें
- अपना ब्लड शुगर रेगुलर चेक करवाएं और डॉक्टर की सलाह अवश्य लें
- योग एवं एक्सरसाइज करें
- अपने शरीर को एक्टिव रखें सुबह 5:00 से 10 मिनट सूर्य की रोशनी में डालें और सूर्य नमस्कार करें
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