Dhanbad Trauma Center Scam: 50 Months से कागज पर चल रहा है 10 बेड का सेंटर, जानें पूरी सच्चाई!

धनबाद के शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज में कागजों पर चल रहे ट्रॉमा सेंटर घोटाले का खुलासा हुआ है। 50 महीने से इस सेंटर में एक भी मरीज भर्ती नहीं हुआ। जानें पूरी सच्चाई!

Feb 12, 2025 - 09:34
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Dhanbad Trauma Center Scam: 50 Months से कागज पर चल रहा है 10 बेड का सेंटर, जानें पूरी सच्चाई!
Dhanbad Trauma Center Scam: 50 Months से कागज पर चल रहा है 10 बेड का सेंटर, जानें पूरी सच्चाई!

धनबाद (Dhanbad) में ट्रॉमा सेंटर घोटाला, 50 महीने से कागज पर चल रहा है 10 बेड का सेंटर, गंभीर सवाल!
धनबाद के शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (SNMMCH) में एक बड़ा ट्रॉमा सेंटर घोटाला सामने आया है। साल 2020 से कागजों पर ट्रॉमा सेंटर चलने का मामला उजागर हुआ है, जिसमें न तो कोई मरीज भर्ती हुआ और न ही अस्पताल में इसे लेकर कोई कार्रवाई की गई। जानिए, कैसे ये घोटाला सामने आया और इसके पीछे की सच्चाई।

क्या है ट्रॉमा सेंटर घोटाला?

धनबाद के सरकारी अस्पताल, शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में 2020 में एक 10 बेड का ट्रॉमा सेंटर कागजों पर संचालित होने का खुलासा हुआ है। इस सेंटर को एसआइसीयू (Surgical ICU) में 30 दिसंबर 2020 को शुरू किया गया था, लेकिन अब तक इस सेंटर में एक भी मरीज का इलाज नहीं हुआ है। यहां तक कि इस सेंटर में किसी भी वरीय अधिकारी को भी इसकी जानकारी नहीं थी, और ट्रॉमा सेंटर के नाम पर कागजों पर कुछ चिकित्सकों की नियुक्ति की गई थी।

कागजों पर चलता रहा ट्रॉमा सेंटर, किसी को नहीं था पता

2020 में तत्कालीन अधीक्षक डॉ. ए. के. चौधरी के द्वारा जारी एक पत्र में इस बात का उल्लेख किया गया था कि एसआइसीयू में ट्रॉमा सेंटर स्थापित किया जाएगा। इस सेंटर का संचालन करने के लिए डॉक्टर डी. पी. भूषण को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया था। लेकिन चौंकाने वाली बात ये है कि इस सेंटर में अब तक किसी भी सड़क दुर्घटना के घायल मरीज का इलाज नहीं किया गया, और उन सभी को रिम्स रेफर कर दिया गया।

सरकारी धन का हुआ दुरुपयोग, 82 लाख रुपये का हिसाब नहीं

धनबाद के इस मेडिकल कॉलेज को ट्रॉमा सेंटर के संचालन के लिए केंद्र सरकार द्वारा 2010-11 में 82 लाख रुपये आवंटित किए गए थे। यह राशि ट्रॉमा सेंटर के निर्माण और आवश्यक उपकरणों की खरीदारी के लिए थी। लेकिन इस सेंटर के संचालन में कोई भी कदम नहीं उठाया गया, और यह राशि अभी तक बिना इस्तेमाल के अस्पताल के खाते में पड़ी हुई है। इस राशि का अब तक कोई हिसाब नहीं दिया गया है।

एसआइसीयू में उपचार की कमी, ओटी पर ताला

एसआइसीयू में किसी भी प्रकार की ट्रॉमा उपचार की सुविधा उपलब्ध नहीं है। ऑपरेशन थियेटर (ओटी) पर ताला लटका हुआ है और इस सेंटर के लिए आवश्यक उपकरण भी नहीं हैं। इस कारण गंभीर दुर्घटनाओं में घायल मरीजों को इलाज के लिए रिम्स भेज दिया जाता है। यह स्थिति अस्पताल की गंभीर लापरवाही को दर्शाती है।

क्या होता है एक ट्रॉमा सेंटर का महत्व?

मेडिकल कॉलेजों में ट्रॉमा सेंटर का होना अत्यंत आवश्यक है, क्योंकि यह गंभीर दुर्घटनाओं में घायल मरीजों के लिए त्वरित इलाज की सुविधा प्रदान करता है। ट्रॉमा सेंटर में विशेष रूप से प्रशिक्षित डॉक्टरों की टीम और अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध होती हैं, जो मरीजों की जान बचाने में सहायक होती हैं।

वर्तमान स्थिति और भविष्य में क्या होगा?

इस घोटाले का खुलासा होने के बाद अस्पताल प्रशासन और राज्य स्वास्थ्य विभाग को गंभीर कदम उठाने की आवश्यकता है। अगर एसएनएमएमसीएच में ट्रॉमा सेंटर का संचालन सही तरीके से शुरू किया जाता है, तो यह धनबाद और आसपास के क्षेत्रों के लोगों के लिए एक बड़ी राहत का कारण बनेगा।

ध्यान देने योग्य बातें:

  • ट्रॉमा सेंटर के नाम पर केंद्र से आवंटित 82 लाख रुपये का दुरुपयोग।
  • अस्पताल में ट्रॉमा सेंटर की सुविधा न होने के कारण मरीजों को रिम्स रेफर किया जा रहा है।
  • घोटाले के खिलाफ जांच की मांग की जा रही है।

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Manish Tamsoy मनीष तामसोय कॉमर्स में मास्टर डिग्री कर रहे हैं और खेलों के प्रति गहरी रुचि रखते हैं। क्रिकेट, फुटबॉल और शतरंज जैसे खेलों में उनकी गहरी समझ और विश्लेषणात्मक क्षमता उन्हें एक कुशल खेल विश्लेषक बनाती है। इसके अलावा, मनीष वीडियो एडिटिंग में भी एक्सपर्ट हैं। उनका क्रिएटिव अप्रोच और टेक्निकल नॉलेज उन्हें खेल विश्लेषण से जुड़े वीडियो कंटेंट को आकर्षक और प्रभावी बनाने में मदद करता है। खेलों की दुनिया में हो रहे नए बदलावों और रोमांचक मुकाबलों पर उनकी गहरी पकड़ उन्हें एक बेहतरीन कंटेंट क्रिएटर और पत्रकार के रूप में स्थापित करती है।