Dhanbad Attack: एडमिट कार्ड सुधारने गए छात्र और परिजनों की स्कूल में पिटाई, प्रबंधन ने ताला लगाकर भागा!
धनबाद में एडमिट कार्ड सुधारने पहुंचे छात्र और उसके परिवार की स्कूल परिसर में पिटाई! पुलिस के आते ही स्कूल ने ताला लगाकर खुद को बचाया। जानिए पूरा मामला!

धनबाद के तोपचांची में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां एडमिट कार्ड सुधारने गए 12वीं के छात्र और उसके परिजनों की स्कूल परिसर में पिटाई कर दी गई। आरोप है कि स्कूल प्रशासन ने पहले पैसे लेकर सुधार का आश्वासन दिया, लेकिन जब परिवार ने गलती सुधारने की मांग की तो उन्हें बेरहमी से पीटा गया।
एडमिट कार्ड में गड़बड़ी, फिर पैसा लिया, अंत में मारपीट!
यह घटना तोपचांची साहोबहियार स्थित संत थॉमस हाई स्कूल की है।
छात्र प्रिंस यादव ने बताया कि उसके एडमिट कार्ड में कई गलतियां थीं, जिन्हें ठीक कराने के लिए वह पिछले कई दिनों से स्कूल का चक्कर लगा रहा था।
सुधार के नाम पर स्कूल प्रशासन ने पैसे भी जमा करवा लिए, लेकिन परीक्षा से ठीक पहले यह बताया गया कि सुधार नहीं हो सकता।
जब प्रिंस और उसके परिवार ने इसका विरोध किया तो स्कूल स्टाफ ने उनकी बेरहमी से पिटाई कर दी।
गंभीर रूप से घायल हुए छात्र और परिवार के सदस्य!
पिटाई के बाद प्रिंस और उसके परिजन बुरी तरह घायल हो गए।
इलाज के लिए सभी को साहोबहियार के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) ले जाया गया।
डॉक्टरों ने उनकी हालत गंभीर देखते हुए सीटी स्कैन कराने की सलाह दी।
घटना के बाद गुस्साए परिजनों ने तोपचांची थाना पहुंचकर पुलिस को पूरी आपबीती सुनाई।
पुलिस पहुंची, तो स्कूल ने ताला लगाकर खुद को बचाया!
पुलिस को मामले की जानकारी मिलते ही तोपचांची थानेदार डोमन रजक ने जांच शुरू कर दी।
लेकिन जैसे ही स्कूल प्रशासन को पुलिस के आने की भनक लगी, उन्होंने स्कूल में ताला लगा दिया और वहां से फरार हो गए!
अब सवाल उठता है कि अगर स्कूल निर्दोष था, तो उन्होंने ताला क्यों लगाया?
क्या यह दर्शाता है कि स्कूल प्रबंधन दोषी है और सच्चाई छुपाने की कोशिश कर रहा है?
क्या कहता है इतिहास? शिक्षा संस्थानों में विवाद और भ्रष्टाचार
भारत में शिक्षा व्यवस्था में भ्रष्टाचार कोई नई बात नहीं है।
एडमिट कार्ड की गलतियों से लेकर परीक्षा फॉर्म में गड़बड़ी और नामांकन घोटाले तक, कई मामले सामने आते रहे हैं।
कई बार छात्रों से फर्जी शुल्क वसूला जाता है और अंतिम समय में उन्हें परेशान किया जाता है।
2018 में बिहार बोर्ड घोटाले में भी परीक्षा से जुड़े दस्तावेजों में गड़बड़ी सामने आई थी।
हाल ही में झारखंड में JAC बोर्ड के पेपर लीक मामले ने भी शिक्षा विभाग की पोल खोल दी थी।
क्या स्कूल प्रबंधन के खिलाफ होगी सख्त कार्रवाई?
घटना के बाद पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
थानेदार ने परिजनों से आवेदन लिया और मामले की छानबीन शुरू कर दी।
स्कूल प्रशासन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की जा रही है।
अगर दोष साबित हुआ तो स्कूल पर कानूनी शिकंजा कसा जाएगा।
दूसरी ओर, साइबर अपराधी भी पुलिस के निशाने पर!
इसी बीच धनबाद के गोविंदपुर में पुलिस ने एक साइबर अपराधी को गिरफ्तार किया।
यह गिरफ्तारी मोबाइल लोकेशन ट्रेस करके की गई।
पकड़ा गया अपराधी कालाडाबर गांव का हाजिम अंसारी है।
पुलिस को देखते ही वह भागने की कोशिश कर रहा था, लेकिन सक्रिय पुलिस टीम ने उसे दबोच लिया।
आगे क्या होगा?
पुलिस स्कूल प्रबंधन से पूछताछ करेगी।
घायल छात्र और उसके परिवार को न्याय दिलाने के लिए कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
दोषियों के खिलाफ FIR दर्ज कर स्कूल की मान्यता रद्द करने की भी मांग उठ सकती है।
झारखंड में शिक्षा व्यवस्था में भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए नए नियम बनाए जा सकते हैं।
क्या ऐसे स्कूलों पर सरकार कोई सख्त कदम उठाएगी? या फिर यह मामला भी फाइलों में दफन हो जाएगा? जुड़े रहें, हर अपडेट के लिए!
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