Dhanbad Dogs: ठंड में कुत्तों का आतंक, रोज 90 से ज्यादा लोग हो रहे डॉग बाइट का शिकार

धनबाद में ठंड के कारण कुत्तों के आक्रामक होने से डॉग बाइट की घटनाएं बढ़ गई हैं। एंटी रेबीज वैक्सीन सेंटर पर हर दिन 90 से ज्यादा मरीज पहुंच रहे हैं। जानें इसका कारण और हालात।

Dec 16, 2024 - 10:18
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Dhanbad Dogs: ठंड में कुत्तों का आतंक, रोज 90 से ज्यादा लोग हो रहे डॉग बाइट का शिकार
Dhanbad Dogs: ठंड में कुत्तों का आतंक, रोज 90 से ज्यादा लोग हो रहे डॉग बाइट का शिकार

धनबाद में कड़ाके की ठंड ने सिर्फ इंसानों के लिए मुश्किलें नहीं बढ़ाईं, बल्कि कुत्तों के आक्रामक व्यवहार ने भी संकट खड़ा कर दिया है। हर दिन दर्जनों लोग डॉग बाइट का शिकार हो रहे हैं। धनबाद मेडिकल कॉलेज अस्पताल के एंटी रेबीज वैक्सीन (एआरवी) सेंटर में मरीजों की भीड़ लगातार बढ़ती जा रही है।

जहां पहले औसतन 60-70 लोग हर दिन वैक्सीन लगवाने आते थे, अब यह संख्या 90 से ऊपर पहुंच गई है। शुक्रवार को तो रिकॉर्ड 102 लोग सेंटर पर वैक्सीन लेने पहुंचे, जिनमें 50 नए और 52 पुराने मरीज थे। डॉक्टरों के अनुसार, ठंड का मौसम कुत्तों के प्रजनन का समय होता है, जिससे वे अधिक आक्रामक हो जाते हैं।

क्यों आक्रामक हो रहे हैं कुत्ते?

डॉक्टर बताते हैं कि इस समय कुत्ते अपने नवजात पिल्लों की सुरक्षा को लेकर बेहद सतर्क रहते हैं। अगर कोई व्यक्ति उन्हें या उनके बच्चों को छेड़ता है, तो वे तुरंत हमला कर देते हैं। किसी अजनबी की उपस्थिति से वे हिंसक हो सकते हैं। यही कारण है कि ठंड के मौसम में डॉग बाइट की घटनाओं में तेजी आई है।

शहर से लेकर गांव तक कुत्तों का आतंक देखा जा सकता है। डॉग बाइट के कारण हर क्षेत्र से मरीज एआरवी के लिए धनबाद मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंच रहे हैं। इनमें बच्चों की संख्या भी काफी अधिक है।

डॉग बाइट के बढ़ते आंकड़े

सिर्फ छह दिनों में धनबाद मेडिकल कॉलेज के एआरवी सेंटर पर कुल 468 मरीज वैक्सीन लगवा चुके हैं। औसतन हर दिन करीब 93 लोग डॉग बाइट का इलाज कराने आ रहे हैं। इनमें लगभग आधे मरीज नए होते हैं।

सदर अस्पताल में वैक्सीन नहीं

धनबाद के सदर अस्पताल में एंटी रेबीज वैक्सीन उपलब्ध नहीं है। यहां आने वाले मरीजों को धनबाद मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया जाता है, जिससे लोगों को काफी परेशानी होती है। पहले सदर अस्पताल में हर दिन 25-30 मरीज वैक्सीन के लिए आते थे, लेकिन अब वैक्सीन की अनुपलब्धता से मरीजों का पूरा भार मेडिकल कॉलेज पर आ गया है।

क्या कह रहे हैं विशेषज्ञ?

विशेषज्ञों का कहना है कि इस समस्या का समाधान व्यापक स्तर पर होना चाहिए। कुत्तों की बढ़ती संख्या को नियंत्रित करने के लिए नसबंदी अभियान तेज करना जरूरी है। साथ ही, लोगों को कुत्तों के आसपास सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है।

कुत्तों से बचाव के उपाय

  1. कुत्तों के आसपास सतर्क रहें।
  2. उन्हें या उनके बच्चों को छेड़ने से बचें।
  3. डॉग बाइट होने पर तुरंत मेडिकल सहायता लें।
  4. समय पर एंटी रेबीज वैक्सीन लगवाएं।

धनबाद में ठंड के साथ कुत्तों का बढ़ता आक्रामक व्यवहार लोगों के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है। प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को मिलकर इस समस्या का समाधान निकालना होगा।

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Manish Tamsoy मनीष तामसोय कॉमर्स में मास्टर डिग्री कर रहे हैं और खेलों के प्रति गहरी रुचि रखते हैं। क्रिकेट, फुटबॉल और शतरंज जैसे खेलों में उनकी गहरी समझ और विश्लेषणात्मक क्षमता उन्हें एक कुशल खेल विश्लेषक बनाती है। इसके अलावा, मनीष वीडियो एडिटिंग में भी एक्सपर्ट हैं। उनका क्रिएटिव अप्रोच और टेक्निकल नॉलेज उन्हें खेल विश्लेषण से जुड़े वीडियो कंटेंट को आकर्षक और प्रभावी बनाने में मदद करता है। खेलों की दुनिया में हो रहे नए बदलावों और रोमांचक मुकाबलों पर उनकी गहरी पकड़ उन्हें एक बेहतरीन कंटेंट क्रिएटर और पत्रकार के रूप में स्थापित करती है।