Deoghar Accident: ऑटो-बाइक टक्कर में दो घायल, एक की हालत गंभीर
देवघर-बूढ़ई मुख्य मार्ग पर ऑटो और बाइक की जोरदार टक्कर में दो युवक गंभीर रूप से घायल। जानें कैसे हुआ हादसा और घायलों की स्थिति।
देवघर-बूढ़ई मुख्य मार्ग पर मंगलवार शाम एक दर्दनाक सड़क हादसा हुआ, जिसमें चौधरीडीह के पास एक ऑटो और बाइक की जोरदार टक्कर में दो युवक गंभीर रूप से घायल हो गए। घटना के तुरंत बाद देवीपुर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर घायलों को इलाज के लिए सदर अस्पताल भेजा।
घायलों की पहचान कुंडा निवासी कृष कुमार और स्टेशन रोड निवासी आयुष कुमार के रूप में हुई है। इनमें कृष कुमार की हालत नाजुक बताई जा रही है, जिसे प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर इलाज के लिए हायर सेंटर रेफर कर दिया गया।
कैसे हुआ हादसा?
घायल कृष के परिजनों ने बताया कि कृष अपने दोस्त आयुष के साथ बूढ़ई मेला देखने गया था। मेला देखकर लौटते समय चौधरीडीह के पास एक अनियंत्रित ऑटो चालक ने उनकी बाइक को जोरदार टक्कर मार दी। हादसे में दोनों युवक बुरी तरह घायल हो गए।
स्थानीय लोगों ने तुरंत पुलिस और एंबुलेंस को सूचना दी। पुलिस ने घायलों को अस्पताल पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई।
घटनास्थल पर मची अफरा-तफरी
दुर्घटना के बाद मौके पर अफरा-तफरी का माहौल बन गया। स्थानीय लोगों ने बताया कि सड़क पर वाहनों की अनियंत्रित गति आए दिन हादसों का कारण बनती है। चौधरीडीह के पास यह मार्ग पहले भी कई दुर्घटनाओं का गवाह रह चुका है, लेकिन प्रशासन की ओर से इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
कृष की गंभीर हालत, परिवार चिंतित
घायल कृष कुमार की हालत बेहद नाजुक बताई जा रही है। चिकित्सकों ने उसकी गंभीर चोटों को देखते हुए उसे बेहतर इलाज के लिए हायर सेंटर रेफर कर दिया। वहीं, आयुष कुमार का इलाज सदर अस्पताल में जारी है।
कृष के परिजन इस घटना से सदमे में हैं और प्रशासन से अनियंत्रित वाहनों पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
देवघर में सड़क सुरक्षा पर उठे सवाल
देवघर-बूढ़ई मार्ग पर आए दिन होने वाली सड़क दुर्घटनाएं स्थानीय लोगों के लिए बड़ी चिंता का विषय बन गई हैं। अनियंत्रित वाहनों और सड़क पर खराब सुरक्षा उपायों के कारण हादसों की संख्या बढ़ रही है।
झारखंड के ऐतिहासिक मेलों, जैसे बूढ़ई मेला, में हर साल सैकड़ों लोग शामिल होते हैं। इसके बावजूद इस मार्ग पर यातायात व्यवस्था में लापरवाही देखी जाती है।
इतिहास में झारखंड के मेले और सड़कें
झारखंड का इतिहास मेलों और उत्सवों से भरा पड़ा है। ये मेले राज्य की संस्कृति और परंपरा का प्रतिबिंब हैं। लेकिन पिछले कुछ वर्षों में सड़क दुर्घटनाओं ने इन उत्सवों की खुशियों को गम में बदल दिया है। बूढ़ई मेला भी झारखंड के प्राचीन मेलों में से एक है, लेकिन प्रशासन की ढीली व्यवस्था इसकी चमक फीकी कर रही है।
प्रशासन की चुप्पी, जनता की मांग
स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि इस मार्ग पर वाहनों की रफ्तार पर नियंत्रण और सड़क पर बेहतर सुरक्षा उपाय किए जाएं। हादसे के बाद पुलिस ने जांच शुरू कर दी है, लेकिन ऐसी दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की जरूरत है।
क्या होगा आगे?
देवघर में इस तरह के हादसे यह सवाल खड़ा करते हैं कि सड़क सुरक्षा और प्रशासनिक निगरानी कब तक नजरअंदाज होती रहेगी। कृष कुमार और आयुष कुमार के परिवारों को अब इंसाफ और बेहतर इलाज का इंतजार है।
ऐसे हादसों से बचने के लिए जरूरी है कि प्रशासन सड़कों पर ट्रैफिक नियमों को कड़ाई से लागू करे और लोगों को सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक करे।
What's Your Reaction?