Delhi Meeting: सुवर्ण वणिक समाज को ओबीसी सूची में शामिल करने की मांग तेज

सांसद बिद्युत बरण महतो ने दिल्ली में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के चेयरमैन से मुलाकात कर सुवर्ण वणिक जाति को केंद्रीय ओबीसी सूची में शामिल करने की मांग की। जानिए इस ऐतिहासिक कदम का क्या असर होगा।

Dec 4, 2024 - 18:38
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Delhi Meeting: सुवर्ण वणिक समाज को ओबीसी सूची में शामिल करने की मांग तेज
Delhi Meeting: सुवर्ण वणिक समाज को ओबीसी सूची में शामिल करने की मांग तेज

04 दिसम्बर, 2024: झारखंड के सुवर्ण वणिक समाज को जल्द ही केंद्रीय ओबीसी सूची में स्थान मिलने की संभावना बढ़ गई है। इस महत्वपूर्ण विषय को लेकर झारखंड के सांसद बिद्युत बरण महतो ने राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (एनसीबीसी) के चेयरमैन हंसराज अहीर से दिल्ली में मुलाकात की। इस मुलाकात में सांसद महतो ने एक ज्ञापन सौंपते हुए 36 पिछड़ी जातियों को केंद्रीय सूची में शामिल करने की मांग दोहराई।

मांग का ऐतिहासिक महत्व

झारखंड की पिछड़ी जातियां, विशेष रूप से सुवर्ण वणिक समाज, लंबे समय से सामाजिक और आर्थिक लाभों से वंचित रही हैं। राज्य सरकार ने पहले ही इन जातियों को केंद्रीय ओबीसी सूची में शामिल करने की अनुशंसा की है, लेकिन अब इसे केंद्र स्तर पर मंजूरी दिलाने की प्रक्रिया तेज हो गई है।

सांसद महतो ने चेयरमैन को बताया कि इन जातियों को उचित प्रतिनिधित्व और सरकारी योजनाओं के लाभ देने के लिए यह कदम अत्यंत आवश्यक है।

राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की भूमिका

राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग, जिसकी स्थापना 1993 में हुई थी, का उद्देश्य सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों के अधिकारों की रक्षा करना है। आयोग के चेयरमैन हंसराज अहीर ने इस मुद्दे पर गंभीरता दिखाते हुए सांसद महतो को आश्वासन दिया कि यह मामला जल्द ही हल किया जाएगा।

उन्होंने यह भी बताया कि वे जल्द ही झारखंड दौरे पर जाएंगे और इस दौरान स्थानीय समुदायों से मुलाकात करेंगे।

सांसद बिद्युत बरण महतो की पहल

सांसद महतो ने न केवल ज्ञापन सौंपा बल्कि चेयरमैन को झारखंड सरकार द्वारा की गई अनुशंसा की विस्तृत जानकारी भी दी। उन्होंने कहा कि सुवर्ण वणिक समाज सहित अन्य पिछड़ी जातियों को केंद्रीय सूची में शामिल करना उनकी सामाजिक स्थिति को सुधारने का एक बड़ा कदम होगा।

महतो ने कहा कि यह केवल एक जाति का मुद्दा नहीं है, बल्कि झारखंड की कई पिछड़ी जातियों की दशा सुधारने का अवसर है।

झारखंड सरकार का योगदान

झारखंड सरकार ने पहले ही 36 पिछड़ी जातियों को केंद्रीय सूची में शामिल करने की सिफारिश की है। इस पहल में सुवर्ण वणिक समाज प्रमुख है, जो आर्थिक और शैक्षणिक दृष्टि से पिछड़ा माना जाता है।

केंद्रीय सूची में शामिल होने से इन जातियों को सरकारी योजनाओं, शिक्षा, और रोजगार में आरक्षण का लाभ मिलेगा।

सुवर्ण वणिक समाज: ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

सुवर्ण वणिक समाज झारखंड के पारंपरिक व्यापारिक समुदायों में से एक है। हालांकि, आधुनिक समय में यह समुदाय आर्थिक पिछड़ेपन का सामना कर रहा है। इस समुदाय के कई सदस्य अब मुख्यधारा से दूर हैं और उन्हें आरक्षण जैसे लाभों की जरूरत है।

आगे की योजना

राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के चेयरमैन हंसराज अहीर ने सांसद महतो को भरोसा दिलाया कि वे इस दिशा में शीघ्र कदम उठाएंगे। उन्होंने अपने आगामी झारखंड दौरे में सांसद महतो को साथ रहने का भी आग्रह किया।

यह दौरा राज्य के पिछड़े वर्गों की स्थिति को समझने और उनकी समस्याओं को हल करने में अहम साबित होगा।

क्या बदल सकता है?

सुवर्ण वणिक समाज और अन्य पिछड़ी जातियों को केंद्रीय ओबीसी सूची में शामिल करना झारखंड में सामाजिक न्याय की दिशा में एक बड़ा कदम होगा। इससे न केवल आरक्षण का लाभ मिलेगा, बल्कि इन्हें विकास की मुख्यधारा में आने का मौका भी मिलेगा।

सरकार और आयोग के बीच इस मुद्दे पर तेजी से हो रही कार्रवाई राज्य के लिए उम्मीद की एक नई किरण है।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।