Dalma Tracking: पूर्व सैनिकों की टीम का साहसिक कदम, 75 प्रतिभागियों ने दिखाया जज्बा

दलमा पहाड़ियों पर सुबह 6 बजे शुरू हुई ट्रैकिंग में पूर्व सैनिक सेवा परिषद और जय हो टीम के 75 सदस्यों ने भाग लिया। पर्यावरण सुरक्षा और फिटनेस पर जोर देते हुए, यह अभियान प्रेरणा से भरपूर रहा।

Nov 25, 2024 - 10:16
 0
Dalma Tracking: पूर्व सैनिकों की टीम का साहसिक कदम, 75 प्रतिभागियों ने दिखाया जज्बा
Dalma Tracking: पूर्व सैनिकों की टीम का साहसिक कदम, 75 प्रतिभागियों ने दिखाया जज्बा

झारखंड की प्रसिद्ध दलमा पहाड़ियों पर आज का सुबह का नजारा कुछ खास था। पूर्व सैनिक सेवा परिषद, पूर्वी सिंहभूम की फिटनेस टीम 'जय हो' ने एक प्रेरणादायक ट्रैकिंग अभियान का आयोजन किया। सुबह 6:00 बजे शुरू हुए इस कार्यक्रम में कुल 75 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया, जिनमें महिलाओं और युवाओं की भागीदारी विशेष रूप से उत्साहजनक रही।

नेतृत्व और कार्यक्रम की शुरुआत

इस रोमांचक यात्रा की अगुवाई टीम 'जय हो' के संयोजक हरेंदु शर्मा और डॉ. कमल शुक्ला ने की। कार्यक्रम को हरी झंडी दिखाने वाले पूर्व प्रदेश महामंत्री सुशील कुमार सिंह और जय नारायण पाठक ने इसे प्रेरक और अनुकरणीय पहल बताया।

ट्रैकिंग का उद्देश्य:

  • फिटनेस और शारीरिक क्षमता को समझना।
  • पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता के प्रति जागरूकता।

प्रमुख प्रतिभागियों की झलक

कार्यक्रम में कई प्रमुख चेहरे शामिल हुए:

  • हंसराज सिंह, दिलीप सिंह और सुरेंद्र प्रसाद मौर्य।
  • रजत डे, महेश जोशी और अर्जुन ठाकुर।
  • युवा प्रतिभागियों में आईटीआई डायरेक्टर डॉ. ताहिर हुसैन और बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स ने हिस्सा लिया।

ट्रैकिंग: फिटनेस और पर्यावरण का महत्व

दलमा ट्रैकिंग न केवल एक रोमांचक गतिविधि थी, बल्कि इसमें कई गहरे संदेश भी छिपे थे।

  • शारीरिक क्षमता का परीक्षण: प्रतिभागियों ने जाना कि शरीर को सही डाइट और नियमित अभ्यास की कितनी आवश्यकता है।
  • पर्यावरण सुरक्षा: ट्रैकिंग के दौरान स्वच्छता और प्राकृतिक संतुलन को बनाए रखने पर विशेष ध्यान दिया गया।

इतिहास का संदर्भ:
दलमा पहाड़ियां, झारखंड की प्राकृतिक धरोहर, हमेशा से साहसिक गतिविधियों के केंद्र में रही हैं। यहां की ट्रैकिंग न केवल शारीरिक फिटनेस बल्कि प्रकृति के साथ जुड़ने का भी माध्यम है।

जय हो टीम की प्रेरणा

टीम 'जय हो' का उद्देश्य केवल फिटनेस तक सीमित नहीं है। संयोजक हरेंदु शर्मा और डॉ. कमल शुक्ला ने कहा:
"हमारा लक्ष्य युवाओं को फिटनेस के प्रति जागरूक करना और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जिम्मेदारी का भाव जगाना है।"

भाग लेने वाले युवाओं ने क्या कहा?

  • "यह अनुभव न केवल फिटनेस बढ़ाने का था, बल्कि आत्मविश्वास और साहस को भी मजबूत करता है।"
  • "पर्यावरण को स्वच्छ रखना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है। ट्रैकिंग के दौरान हमने इसे बखूबी निभाया।"

फिटनेस और पर्यावरण के लिए प्रेरणा

यह ट्रैकिंग अभियान हर प्रतिभागी के लिए एक यादगार अनुभव था। जय हो टीम और पूर्व सैनिक सेवा परिषद की यह पहल युवाओं और समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी।

आप भी फिटनेस और पर्यावरण के लिए आगे आएं। अपने अनुभव कमेंट में साझा करें।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow