Modi Government का ऐतिहासिक फैसला: राजघाट में बनेगी पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की स्मारक समाधि!
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजघाट में दिवंगत पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की समाधि बनाने का बड़ा ऐतिहासिक फैसला लिया। जानिए इस महत्वपूर्ण फैसले के बारे में और कैसे शर्मिष्ठा मुखर्जी ने इस पर प्रतिक्रिया दी।
केंद्र सरकार ने एक बड़ा और ऐतिहासिक निर्णय लिया है। दिवंगत पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की स्मृति में दिल्ली के राजघाट परिसर में एक विशेष स्थल चिन्हित कर उनकी समाधि बनाने का रास्ता साफ किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लिया गया यह निर्णय देश के लोकतांत्रिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण और भावुक कदम माना जा रहा है। इस फैसले के बाद, प्रणब मुखर्जी की बेटी और लेखिका शर्मिष्ठा मुखर्जी ने सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री मोदी का आभार व्यक्त किया और इसे अपने परिवार के लिए एक दिल छूने वाला कदम बताया।
शर्मिष्ठा मुखर्जी का धन्यवाद और आभार
शर्मिष्ठा मुखर्जी ने ट्विटर पर इस अहम फैसले की जानकारी साझा करते हुए प्रधानमंत्री मोदी का दिल से आभार व्यक्त किया। उन्होंने लिखा कि, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी से मुलाकात की और बाबा के लिए एक स्मारक बनाने के उनके सरकार के फैसले के लिए दिल से आभार और कृतज्ञता व्यक्त करती हूं। यह और भी अधिक सराहनीय है, क्योंकि हमने इसके लिए नहीं कहा था। पीएम मोदी का यह अप्रत्याशित दयाभाव और कृतज्ञता मेरे लिए बहुत प्रभावशाली है।” शर्मिष्ठा ने अपनी मुलाकात और केंद्रीय शहरी एवं आवास मंत्रालय द्वारा भेजे गए पत्र को भी सोशल मीडिया पर साझा किया।
राजघाट में प्रणब मुखर्जी की समाधि का महत्व
राजघाट, जो कि महात्मा गांधी के समाधि स्थल के रूप में प्रसिद्ध है, अब एक और राष्ट्रव्यापी प्रतीक बन जाएगा – पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की समाधि। प्रणब दा, जिनका योगदान भारतीय राजनीति में अभूतपूर्व था, उनके योगदान को सम्मानित करने के लिए यह कदम उठाया गया है। प्रणब मुखर्जी भारतीय राजनीति के एक दिग्गज और अनुभवी नेता थे जिन्होंने देश के विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया। उनका जीवन एक प्रेरणा है और उनकी समाधि को राजघाट में स्थापित करने का निर्णय उनकी असाधारण सेवा और योगदान के प्रति सम्मान की भावना से प्रेरित है।
प्रधानमंत्री मोदी का अपार सम्मान
प्रणब मुखर्जी के जीवन और कार्यों के प्रति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह आदर और सम्मान स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि राजनीति के पार भी, मोदी सरकार अपने नेताओं और राष्ट्रनिर्माताओं को पूरा सम्मान देने का इरादा रखती है। प्रणब मुखर्जी का कहना था कि राजकीय सम्मान के लिए कभी कोई आग्रह नहीं करना चाहिए, बल्कि वह स्वाभाविक रूप से दिया जाना चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी ने इस पर खरा उतरते हुए इस निर्णय से न केवल प्रणब मुखर्जी के परिवार को बल्कि पूरे देश को गर्व का अनुभव कराया है।
केंद्र सरकार का यह कदम एक मिसाल बनेगा
प्रधानमंत्री मोदी ने यह सुनिश्चित किया कि प्रणब मुखर्जी के योगदान को उचित सम्मान मिले और उनके नाम को हमेशा याद रखा जाए। यह कदम भारतीय राजनीति में आदर्श प्रस्तुत करता है कि एक राष्ट्रनिर्माता का योगदान केवल शब्दों से नहीं, बल्कि ठोस कार्यों से सम्मानित किया जाता है। राजघाट में उनकी समाधि का निर्माण आने वाली पीढ़ियों को यह याद दिलाएगा कि प्रणब मुखर्जी का भारत की राजनीति में कितना महत्वपूर्ण स्थान था।
भावुक परिवार और समर्पित राष्ट्र
प्रणब मुखर्जी के परिवार के लिए यह निर्णय एक भावुक पल है, और उनके लिए यह उनकी दी हुई सेवाओं और कड़ी मेहनत के प्रति सम्मान का प्रतीक है। उनकी बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने इस फैसले को लेकर सरकार और प्रधानमंत्री मोदी के प्रति आभार व्यक्त किया है। यह परिवार और देश के लिए गर्व का अवसर है।
प्रधानमंत्री मोदी का यह कदम भारतीय राजनीति में ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण है। राजघाट में प्रणब मुखर्जी की समाधि निर्माण न केवल एक श्रद्धांजलि होगी, बल्कि यह उनके द्वारा की गई सेवाओं और संघर्षों का जश्न भी होगा। इस फैसले से यह साफ है कि मोदी सरकार राष्ट्रनिर्माताओं और उनके योगदान को हमेशा सम्मान देती है, और यह कदम इस दिशा में एक और महत्वपूर्ण पहल है।
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