Saraikela Sacrifice: मां की ममता! बेटे को बचाने के लिए छलांग, फिर जो हुआ वो चौंकाने वाला था

सरायकेला-खरसावां के चांडिल में दिल दहला देने वाली घटना! बेटे को डूबने से बचाने के लिए मां ने लगाई कैनाल में छलांग, लेकिन फिर जो हुआ, उसने सबको स्तब्ध कर दिया। पढ़ें पूरी खबर!

Mar 3, 2025 - 10:17
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Saraikela Sacrifice: मां की ममता! बेटे को बचाने के लिए छलांग, फिर जो हुआ वो चौंकाने वाला था
Saraikela Sacrifice: मां की ममता! बेटे को बचाने के लिए छलांग, फिर जो हुआ वो चौंकाने वाला था

झारखंड के सरायकेला-खरसावां जिले में एक ऐसी घटना सामने आई है, जिसने हर किसी को झकझोर कर रख दिया है। एक मां ने अपनी ममता की मिसाल पेश करते हुए बेटे की जान बचाने के लिए सुवर्णरेखा कैनाल में छलांग लगा दी, लेकिन इस कोशिश में उसकी खुद की जान चली गई। यह दिल दहला देने वाली घटना रविवार सुबह चांडिल थाना क्षेत्र के दालग्राम के पास की है।

कैसे घटी यह दर्दनाक घटना?

मृतका सची प्रमाणिक (25) चांडिल बाइपास रोड मठिया के समीप की रहने वाली थी। रविवार सुबह वह अपने छोटे बेटे के साथ सुवर्णरेखा कैनाल में नहाने के लिए गई थी। नहाते समय अचानक उसका बेटा तेज बहाव में बहने लगा और बचाने के लिए वह पानी में कूद गई। दुर्भाग्य से, गहरे पानी में जाने के कारण सची खुद डूबने लगी

संयोग से, कुछ दूरी पर नहा रहा एक अन्य व्यक्ति इस स्थिति को देखकर तुरंत हरकत में आया और बच्चे को बचाने में सफल रहा, लेकिन सची को बचाया नहीं जा सका। सूचना मिलते ही परिजन मौके पर पहुंचे और उसे चांडिल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

इतिहास में भी दर्ज हैं ऐसी कहानियां!

भारत में ऐसी घटनाएं पहले भी सामने आती रही हैं, जहां माता-पिता अपनी संतान को बचाने के लिए खुद की जान दांव पर लगा चुके हैं। 2019 में उत्तर प्रदेश में एक पिता ने अपनी बेटी को बचाने के लिए नदी में छलांग लगाई थी, लेकिन वह खुद बाहर नहीं निकल सका। 2021 में ओडिशा के ब्रह्माणी नदी में एक मां ने अपने बेटे को बचाने के लिए कूद गई थी, जिसमें बेटे की जान तो बच गई, लेकिन मां नहीं बच सकी।

सची प्रमाणिक की यह कुर्बानी भी इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गई है, जो यह दर्शाती है कि एक मां के लिए उसका बच्चा सबसे ज्यादा प्रिय होता है, चाहे इसके लिए उसे अपनी जान ही क्यों न गंवानी पड़े।

चांडिल में हादसों का सिलसिला जारी!

सिर्फ यह घटना ही नहीं, बल्कि उसी दिन देर रात एक और हादसा तिरुलडीह थाना क्षेत्र के कुकड़ू ब्लॉक के पास हो गया, जब बाइक सवार दो युवक सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो गए।

जानकारी के अनुसार, सिरुम गांव निवासी अजंबर कुम्हार और नीलकंठ कुम्हार रात के अंधेरे में बाइक से सफर कर रहे थे, जब उनकी बाइक अनियंत्रित होकर गिर गई। घटना की सूचना मिलते ही तिरुलडीह थाना प्रभारी अविनाश कुमार अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे और घायलों को तिरुलडीह उप स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया। प्राथमिक उपचार के बाद दोनों को एमजीएम अस्पताल जमशेदपुर रेफर कर दिया गया।

क्या कैनाल हादसे से लिया जाएगा कोई सबक?

झारखंड में सुवर्णरेखा कैनाल और अन्य जलाशयों में डूबने की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। कई इलाकों में जलस्रोतों के किनारे सुरक्षा के लिए कोई पुख्ता व्यवस्था नहीं की गई है। स्थानीय प्रशासन को चाहिए कि वे इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सुरक्षा उपाय करें, चेतावनी बोर्ड लगाएं और गहरे पानी वाले क्षेत्रों की निगरानी बढ़ाएं।

यह घटना सिर्फ एक हादसा नहीं, बल्कि हमारे समाज के लिए एक चेतावनी है कि हमें सुरक्षा नियमों को गंभीरता से लेना होगा। सरकार और प्रशासन को भी ऐसे संवेदनशील इलाकों में पुख्ता इंतजाम करने चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसी दर्दनाक घटनाएं दोबारा न हों।

सची प्रमाणिक की यह ममता भरी कुर्बानी हर मां के लिए एक मिसाल है। उसकी यह बहादुरी और प्यार हमेशा याद रखा जाएगा। वहीं, सरकार और प्रशासन को भी अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी, ताकि इस तरह के हादसे रोके जा सकें।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।