CSR Meeting: जिला मुख्यालय में CSR बैठक, फंड खर्च पर कसा शिकंजा, कंपनियों को मिली सख्त हिदायत!

CSR फंड से जिले में शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार को मिलेगा बढ़ावा! जानिए उपायुक्त ने बैठक में किन योजनाओं पर दिया जोर और कैसे बदलेगी तस्वीर।

Feb 6, 2025 - 20:52
 0
CSR Meeting: जिला मुख्यालय में CSR बैठक, फंड खर्च पर कसा शिकंजा, कंपनियों को मिली सख्त हिदायत!
CSR Meeting: जिला मुख्यालय में CSR बैठक, फंड खर्च पर कसा शिकंजा, कंपनियों को मिली सख्त हिदायत!

गुरुवार को जिला मुख्यालय सभागार में कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (CSR) समिति की बैठक आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता उपायुक्त रविशंकर शुक्ला ने की। इस बैठक में जिले के विभिन्न औद्योगिक संस्थानों के प्रतिनिधि शामिल हुए, जहां सीएसआर फंड के सही उपयोग और आगामी योजनाओं को लेकर गहन चर्चा हुई।

क्या है CSR फंड?
सीएसआर यानी कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी के तहत कंपनियों को अपने लाभ का 2% सामाजिक कार्यों पर खर्च करना होता है। इसका उद्देश्य शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और अन्य सामाजिक योजनाओं को मजबूती देना है।

सीएसआर फंड से क्या-क्या होगा?

बैठक में उपायुक्त ने यह स्पष्ट किया कि सीएसआर मद का उपयोग प्राथमिक रूप से शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार सृजन के लिए किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह फंड जिले के युवाओं के लिए नए अवसरों का द्वार खोल सकता है।

सीएसआर के तहत किन क्षेत्रों पर रहेगा फोकस?

शिक्षा: सरकारी स्कूलों में डिजिटल लर्निंग सुविधाएं, स्मार्ट क्लासरूम और छात्रवृत्ति योजनाएं।
स्वास्थ्य: जिला अस्पतालों में आधुनिक सुविधाएं, स्वास्थ्य शिविर और दवाओं की उपलब्धता।
रोजगार सृजन: युवाओं को ट्रेनिंग देकर उन्हें स्टार्टअप और रोजगार के अवसर देना।
खेल और संस्कृति: प्रतिभाशाली खिलाड़ियों के लिए जरूरी सुविधाएं और प्रोत्साहन।

उपायुक्त ने सभी कंपनियों को निर्देश दिया कि वे अपने CSR प्रोजेक्ट्स में पारदर्शिता बनाए रखें और जिला प्रशासन के साथ समन्वय करके काम करें।

क्या बोले अधिकारी?

बैठक में कई अधिकारियों ने अपनी राय रखी:
उपायुक्त रविशंकर शुक्ला: "CSR फंड सिर्फ एक अनिवार्यता नहीं, बल्कि जिले के विकास का सुनहरा अवसर है। यदि इसे सही ढंग से लागू किया जाए, तो यह कई लोगों के जीवन को बदल सकता है।"

उप विकास आयुक्त आशीष अग्रवाल: "युवाओं में अपार संभावनाएं हैं, बस उन्हें सही मार्गदर्शन और प्लेटफॉर्म देने की जरूरत है। CSR फंड से उन्हें आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है।"

डीआरडीए निदेशक डॉ. अजय तिर्की: "स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्रों में CSR फंड का उपयोग समाज के वंचित वर्गों के लिए नई राहें खोल सकता है।"

सीएसआर योजनाओं की होगी कड़ी निगरानी!

बैठक में यह भी तय किया गया कि अगली बैठक में कंपनियों को अपने सीएसआर प्रोजेक्ट्स की अपडेटेड रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी।
उपायुक्त ने साफ कहा कि CSR फंड का दुरुपयोग रोकने के लिए एक निगरानी समिति भी बनाई जाएगी।

CSR से जिले को कैसे मिलेगा फायदा?

सरकारी स्कूलों में स्मार्ट क्लासेस से पढ़ाई आसान होगी।
गांवों में मेडिकल कैंप लगेंगे, जिससे लोगों को मुफ्त इलाज मिलेगा।
युवाओं को स्किल ट्रेनिंग देकर उन्हें रोजगार से जोड़ा जाएगा।

क्या कंपनियां निभा रही हैं सामाजिक जिम्मेदारी?

CSR कानून के अनुसार, सभी कंपनियों को अपने लाभ का 2% सामाजिक कार्यों पर खर्च करना जरूरी है। लेकिन कई कंपनियां CSR फंड का उपयोग सही तरीके से नहीं कर रही हैं। इसी वजह से उपायुक्त ने सीएसआर मद के प्रभावी और पारदर्शी इस्तेमाल पर जोर दिया।

आगे क्या?

 अगली बैठक में कंपनियों को अपनी योजनाओं की पूरी रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी।
शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार से जुड़ी परियोजनाओं को प्राथमिकता दी जाएगी।
CSR कमेटी नियमित रूप से इन कार्यों की समीक्षा करेगी।

क्या CSR सही मायनों में बदलाव ला पाएगा?

CSR सिर्फ एक औपचारिकता नहीं, बल्कि जिले के विकास के लिए एक बड़ा अवसर है। अगर इसे ईमानदारी और पारदर्शिता से लागू किया जाए, तो यह शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के क्षेत्र में क्रांति ला सकता है।

अब देखना यह है कि क्या कंपनियां CSR के जरिए समाज को आगे बढ़ाने में अपनी भूमिका निभाएंगी, या यह केवल कागज़ी योजनाओं तक ही सीमित रहेगा?

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।