Chinia Chaos: हाथियों ने मचाया गांव में हाहाकार, दो घरों को किया क्षतिग्रस्त
चिनिया के खुरी गांव में शनिवार रात जंगली हाथियों ने मचाया उत्पात। दो घरों को नुकसान पहुंचाया, फसलें बर्बाद कीं। जानिए पूरी कहानी और ग्रामीणों की समस्याएं।
चिनिया, झारखंड : राज्य के जंगलों में रह रहे जंगली हाथियों का आतंक दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। हालिया घटना ने एक बार फिर से इस समस्या को उजागर किया है। शनिवार रात, मझिआंव थाना क्षेत्र के खुरी गांव में एक हाथी के झुंड ने तबाही मचा दी। इस हमले में दो घरों को क्षति पहुंची और कई किसानों की फसलें बर्बाद हो गईं।
घटना की पूरी जानकारी
गांववासियों के अनुसार, शनिवार की रात करीब 1.30 बजे, हाथियों का झुंड अचानक खुरी गांव में घुस आया। इस दौरान उन्होंने गांव में रखे कई घरों को तोड़ा और घरों के अंदर रखे अनाज, बर्तन और कपड़ों को तहस-नहस कर दिया। रामचंद्र गुप्ता और सुभाष भुइयां के मकानों को खासकर बड़ा नुकसान हुआ। इसके अलावा, 15 वर्षीय छोटन गुप्ता हाथी से बचने के दौरान गिरकर घायल हो गया।
इस घटना से ग्रामीणों में भय का माहौल है। पिछले दो वर्षों में जंगली हाथियों ने कई बार गांवों में घुसकर भारी नुकसान किया है। फसलें तबाह हो चुकी हैं, पालतू पशु मारे गए हैं और अब तक आधे दर्जन से अधिक लोग हाथी के हमलों का शिकार हो चुके हैं।
ग्रामीणों की निरंतर संघर्ष और वन विभाग की चुप्पी
ग्रामीणों ने कई बार वन विभाग से जंगली हाथियों को भगाने की मांग की है, लेकिन अब तक कोई ठोस पहल नहीं की गई है। इस वजह से लोग लगातार डर में जी रहे हैं। रात के समय जंगल किनारे के गांवों में रह रहे लोगों को अक्सर जागते रहना पड़ता है, क्योंकि उन्हें डर होता है कि कहीं हाथी उनके घर में घुसकर फिर से नुकसान न कर दें।
सिर्फ फसल ही नहीं, बल्कि हाथी के हमलों ने ग्रामीणों की सुरक्षा को भी खतरे में डाल दिया है। पिछले दो वर्षों में हजारों एकड़ में लगी फसलें बर्बाद हो चुकी हैं, और पालतू पशु भी मारे जा चुके हैं।
वन विभाग की प्रतिक्रिया
वन विभाग के प्रभारी वनपाल ने घटना की जानकारी की पुष्टि की और बताया कि नुकसान का आकलन किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकारी प्रावधान के अनुसार प्रभावितों को मुआवजा दिया जाएगा। हालांकि, ग्रामीणों का कहना है कि वन विभाग की तरफ से समस्या के समाधान के लिए पर्याप्त प्रयास नहीं किए गए हैं।
इतिहास में दर्ज हादसे और भविष्य की चिंताएं
झारखंड के कई हिस्सों में यह समस्या एक पुरानी है। वन्यजीवों का मानव बस्तियों में घुसकर नुकसान पहुंचाना कोई नई बात नहीं है। लेकिन, हाथियों की इस समस्या का स्थायी समाधान नहीं निकला है, जिससे लोगों की सुरक्षा और आजीविका दोनों ही खतरे में हैं।
समाप्ति में, चिनिया के खुरी गांव में हुई इस घटना ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि जंगली हाथियों के साथ सह-अस्तित्व का रास्ता खोजना कितना जरूरी है। वन विभाग को चाहिए कि इस दिशा में ठोस कदम उठाए, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों।
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