Bokaro Theft: ऑनलाइन गेम में डूबा युवक, पड़ोसी की दुकान में लगा दी सेंध, 22 लाख के गहने चुराकर छुपाए!

बोकारो में एक युवक ने ऑनलाइन गेमिंग में 9 लाख रुपये गवां दिए, तो पड़ोसी की दुकान में सेंधमारी कर 22 लाख के गहने चुरा लिए। पुलिस ने तेज कार्रवाई कर चोरी का खुलासा किया। जानें पूरा मामला!

Mar 7, 2025 - 18:15
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Bokaro Theft: ऑनलाइन गेम में डूबा युवक, पड़ोसी की दुकान में लगा दी सेंध, 22 लाख के गहने चुराकर छुपाए!
Bokaro Theft: ऑनलाइन गेम में डूबा युवक, पड़ोसी की दुकान में लगा दी सेंध, 22 लाख के गहने चुराकर छुपाए!

झारखंड के बोकारो में डिजिटल गेमिंग की लत एक युवक को इतनी महंगी पड़ी कि उसने अपने पड़ोसी की ज्वेलरी दुकान ही साफ कर दी। सिर्फ 9 लाख रुपये की भरपाई के लिए उसने 22 लाख के गहने चुरा लिए, लेकिन पुलिस की जांच में पूरा मामला खुलकर सामने आ गया।

पुलिस ने इस सनसनीखेज मामले का खुलासा कर दिया है, जिसमें आरोपी ने अपने पिता के बैंक अकाउंट से ऑनलाइन गेम खेलकर 9 लाख रुपये गंवा दिए थे। इस नुकसान की भरपाई के लिए उसने अपने पड़ोसी की राम मंदिर स्थित जगदंबा ज्वेलर्स की दुकान में सेंधमारी की और लाखों के गहने चुरा लिए।

अब सवाल ये उठता है कि आखिर डिजिटल गेम की लत इतनी खतरनाक कैसे हो गई? और एक साधारण दुकानदार इतनी बड़ी वारदात को अंजाम देने की हिम्मत कैसे जुटा पाया? आइए जानते हैं पूरा मामला...

कैसे हुआ चोरी का खुलासा?

इस घटना की गंभीरता को देखते हुए बोकारो पुलिस अधीक्षक (SP) मनोज स्वर्गियारी के आदेश पर एक विशेष जांच टीम (SIT) बनाई गई। इसमें सिटी डीएसपी आलोक रंजन, सिटी इंस्पेक्टर सुदामा दास और इंस्पेक्टर संजय कुमार शामिल थे। पुलिस ने तकनीकी जांच के जरिए आरोपी तक पहुंचने की पूरी योजना बनाई और आखिरकार चोरी के गहनों सहित आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया।

कैसे बनाई चोरी की पूरी रणनीति?

आरोपी सोनू कुमार सिंह, जो कि सेक्टर 1, विकास नगर का निवासी है, इस पूरी घटना में अकेला शामिल था। वह अपने पिता के बैंक अकाउंट से लगातार ऑनलाइन गेम खेल रहा था और इस दौरान 9 लाख रुपये हार चुका था

जब उसे इस नुकसान की भरपाई की चिंता हुई, तो उसने अपने पड़ोसी की ज्वेलरी शॉप में चोरी करने की साजिश रची। उसने पहले ज्वेलरी दुकान की स्थिति को समझा और फिर रात में दुकान के पीछे की दीवार में सेंधमारी कर करीब 22 लाख रुपये के सोने-चांदी के गहने उड़ा लिए

पर दिलचस्प बात यह है कि उसने चोरी के गहनों को तुरंत बेचने की बजाय एक फल दुकान में छुपा दिया, ताकि पुलिस का मामला ठंडा पड़ जाए और फिर वह उन्हें बेच सके। लेकिन पुलिस की तेज कार्रवाई के चलते उसकी चालाकी ज्यादा दिनों तक नहीं चल पाई।

पुलिस ने कैसे पकड़ा आरोपी को?

ज्वेलरी शॉप के मालिक संजय वर्मा ने चोरी की शिकायत दर्ज करवाई थी। पुलिस ने जब तकनीकी जांच की, तो आरोपी के मूवमेंट और उसकी गतिविधियों पर शक हुआ।

फिर पुलिस ने आरोपी की गतिविधियों की गहराई से जांच की और सबूतों के आधार पर उसे गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ के दौरान आरोपी ने सारा सच उगल दिया और पुलिस ने उसके बताए स्थान से चोरी के गहने भी बरामद कर लिए।

क्या-क्या बरामद हुआ?

पुलिस ने आरोपी के पास से सोने-चांदी के कई कीमती गहने और धार्मिक वस्तुएं बरामद कीं, जिनकी कुल कीमत 22 लाख रुपये आंकी गई है

बरामद सामानों की लिस्ट में शामिल हैं:

  • चांदी की थाली, ट्रे, प्लेट, कड़ा, लोटा, दीया, सिक्के
  • सोने के हार, मंगलसूत्र, मांगटिका, सोने की चेन, कानबाली
  • भगवान की फोटो फ्रेम, चांदी की नाव, मुकुट आदि

ऑनलाइन गेमिंग की लत - एक नई मुसीबत!

यह पहली बार नहीं है जब डिजिटल गेमिंग की लत किसी को अपराध की ओर धकेल रही है। देशभर में कई ऐसे मामले सामने आ रहे हैं जहां युवा गेमिंग में लाखों रुपये गंवा रहे हैं और फिर उनकी भरपाई के लिए चोरी, ठगी जैसे अपराधों में लिप्त हो जाते हैं

2019 में एक रिपोर्ट आई थी, जिसमें बताया गया था कि भारत में ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री तेजी से बढ़ रही है। लेकिन इसके साथ ही गेमिंग की लत भी युवाओं में खतरनाक स्तर तक बढ़ रही है।

क्या हो सकता था अगर आरोपी पकड़ा नहीं जाता?

अगर पुलिस इस मामले को इतनी तेजी से हल नहीं करती, तो आरोपी चोरी किए गहनों को बेचकर दोबारा गेमिंग में लगा देता। संभव था कि वह इस क्राइम साइकल में और गहराई तक फंस जाता और आगे भी ऐसे ही अपराध करता।

सबक - ऑनलाइन गेमिंग को करें नियंत्रित!

इस घटना से हम सभी को सीख लेनी चाहिए कि ऑनलाइन गेमिंग का नशा कितना घातक हो सकता है।

  • अगर आपके आसपास कोई ज्यादा गेमिंग कर रहा है, तो उस पर नजर रखें।
  • बच्चों और युवाओं को डिजिटल गेमिंग के प्रति सचेत करें और वित्तीय नुकसान से बचाएं।
  • अगर कोई ऑनलाइन गेमिंग में ज्यादा पैसे खर्च कर रहा है, तो समय रहते उसे रोकें।

बोकारो पुलिस की इस तेज कार्रवाई से एक बड़ा अपराध टल गया, लेकिन यह घटना एक चेतावनी भी है कि डिजिटल गेमिंग के नुकसान को हल्के में नहीं लेना चाहिए

बोकारो में हुई इस चौंकाने वाली चोरी ने एक बार फिर से ऑनलाइन गेमिंग की काली सच्चाई को सामने रखा है। सिर्फ 9 लाख की भरपाई के लिए 22 लाख की चोरी जैसी वारदात बताती है कि यह लत कितनी खतरनाक हो सकती है।

अगर समय रहते इसे रोका नहीं गया, तो ऐसी घटनाएं भविष्य में और बढ़ सकती हैं।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।