Buxar Tragedy: मिट्टी के ढेर में दबकर चार बच्चियों की मौत, एक घायल
बक्सर में दर्दनाक हादसा: मिट्टी के ढेर में दबकर चार बच्चियों की मौत, एक बच्ची गंभीर रूप से घायल। जानें घटना की पूरी जानकारी और प्रशासन के कदम।
1 दिसंबर 2024: बिहार के बक्सर जिले से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसने पूरे इलाके को शोक में डाल दिया है। रविवार को राजपुर थाना क्षेत्र के सरेंजा राजकीय बुनियादी विद्यालय के पास एक पुराना मिट्टी का टीला गिरने से चार बच्चियों की मौत हो गई, जबकि एक बच्ची गंभीर रूप से घायल हो गई।
घटना का विवरण
रविवार की दोपहर को, पांच बच्चियां सरेंजा बुनियादी विद्यालय के पास स्थित एक पुराने मिट्टी के टीले से मिट्टी खोदने गई थीं। ये बच्चियां घर में पीढ़ी पर्व की तैयारी के लिए सफाई और लिपाई-पुताई के लिए मिट्टी इकट्ठा कर रही थीं। अचानक, मिट्टी का टीला भरभरा कर गिर पड़ा और सभी बच्चियां इसकी चपेट में आ गईं। हादसे के बाद आस-पास खेल रहे अन्य बच्चों ने शोर मचाया, जिससे स्थानीय लोग तुरंत मौके पर पहुंचे। ग्रामीणों ने मिलकर मलबे को हटाया और बच्चियों को बाहर निकाला।
अस्पताल में मौत की पुष्टि
ग्रामीणों की मदद से बच्चियों को नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने चार बच्चियों की मौत की पुष्टि कर दी। मृतक बच्चियों में नयनतारा कुमारी (11 वर्ष), शालिनी कुमारी (8 वर्ष), शिवानी कुमारी (6 वर्ष), और संजू कुमारी (11 वर्ष) शामिल हैं। जबकि घायल बच्ची की पहचान करिश्मा कुमारी (10 वर्ष) के रूप में हुई है। करिश्मा को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती किया गया है और उसका इलाज जारी है।
मातम का माहौल
इस हादसे के बाद मृतक बच्चियों के परिवारों में मातम का माहौल है। उनके परिजन सदमे में हैं और बार-बार रोकर अपनी पीड़ा का इज़हार कर रहे हैं। यह घटना न केवल उनके परिवारों बल्कि पूरे इलाके के लिए एक गहरी चोट है।
प्रशासन का कदम
घटना की सूचना मिलते ही राजपुर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और मामले की जांच शुरू कर दी। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, मिट्टी का टीला काफी पुराना था और उसमें गहरी खुदाई से वह खतरनाक हो गया था। प्रशासन ने इस मामले की जांच के आदेश दिए हैं और सुरक्षा उपायों पर भी ध्यान देने की बात की है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।
गांव में चर्चा और सुरक्षा पर सवाल
यह घटना गांव में चर्चा का विषय बन गई है। स्थानीय लोग और परिवार के सदस्य इस बात को लेकर चिंतित हैं कि प्रशासन और स्कूल प्रशासन ने ऐसे खतरे को रोकने के लिए पर्याप्त कदम क्यों नहीं उठाए। स्थानीय लोगों का कहना है कि सुरक्षा मानकों की अनदेखी के कारण ही ऐसी घटनाएं हो रही हैं, जो हर बार एक अनहोनी का रूप ले लेती हैं।
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