Sasaram Girl death: बिहार में 17 साल की लड़की की मौत के बाद बवाल, परिजनों ने किया सड़क जाम
बिहार के सासाराम में 17 साल की लड़की की मौत के बाद परिजनों ने आरोप लगाया कि बलात्कार और हत्या की गई। आरा-सासाराम मुख्य पथ पर सड़क जाम कर विरोध जताया गया। प्रशासन पर कार्रवाई का दबाव।
सासाराम, बिहार – 12 नवंबर 2024 को बिहार के रोहतास जिले के सासाराम(Sasaram) में एक दुखद घटना सामने आई। यहां एक 17 साल की लड़की की मौत हो गई, जिसके बाद उसके परिजनों ने आरोप लगाया कि लड़की के साथ बलात्कार किया गया और फिर उसे हत्या करके मार डाला गया। इस आरोप के बाद परिजनों ने आरा-सासाराम मुख्य पथ पर संझौली थाने के पास सड़क जाम कर दिया।
परिजनों का आरोप: लड़की के परिजनों का कहना है कि सोमवार और मंगलवार की दरमियानी रात को उनकी बेटी की मौत हुई। परिजनों का आरोप है कि उनकी बेटी के साथ पहले बलात्कार किया गया और फिर हत्या कर दी गई। इस आरोप के बाद नाराज परिजनों ने विरोध स्वरूप सड़क पर जाम लगा दिया। सड़क पर जाम करने के बाद वे लगातार प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे। उनका कहना था कि प्रशासन मामले को गंभीरता से नहीं ले रहा है।
प्रदर्शन और सड़क जाम: गुस्साए परिजनों ने अपनी बेटी का शव सड़क पर रख दिया और वहां डट गए। इसके साथ ही उन्होंने प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग की। इस दौरान सड़क पर कई प्रदर्शनकारी जमा हो गए और वाहनों की रफ्तार रुक गई। सड़क पर जाम लगने से यातायात में गंभीर असर पड़ा, जिससे यात्रियों को काफी परेशानी हुई।
प्रशासन की प्रतिक्रिया: सासाराम थाने के थानाध्यक्ष मुकेश कुमार ने इस मामले पर बयान देते हुए कहा कि लड़की की मौत रात में हुई थी। हालांकि, इस मामले में अब तक कोई औपचारिक आवेदन नहीं आया है। उन्होंने कहा कि पुलिस मामले की जांच कर रही है और जल्द ही निष्कर्ष पर पहुंचेगी। वहीं, प्रदर्शनकारियों ने प्रशासन से न्याय की मांग की और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की अपील की।
न्याय की मांग: इस घटना के बाद इलाके में तनाव बढ़ गया है। लोगों का कहना है कि प्रशासन को जल्दी से जल्दी इस मामले की जांच करनी चाहिए और दोषियों को सजा दिलानी चाहिए। लड़की के परिवार वाले न्याय की उम्मीद लगाए हुए हैं, और उनके प्रदर्शन में शामिल लोग प्रशासन के खिलाफ आक्रोश दिखा रहे हैं।
बिहार में इस घटना ने एक बार फिर सवाल उठाया है कि प्रशासन ऐसे मामलों में कितनी तत्परता दिखाता है और क्या पीड़ित परिवारों को न्याय मिलता है या नहीं।
What's Your Reaction?