Bank Strike:झारखंड में बैंक हड़ताल, लगातार चार दिन तक ठप रहेंगे बैंक!
झारखंड में बैंक हड़ताल के चलते चार दिन तक बैंकिंग सेवाएं ठप रहेंगी। जानें, कब-कब बैंक बंद रहेंगे और इसका आम जनता पर क्या असर पड़ेगा।

अगर आपको बैंक से जुड़ा कोई जरूरी काम है, तो जल्दी निपटा लें! झारखंड में 22 मार्च (शनिवार) से लेकर 25 मार्च (सोमवार) तक बैंक पूरी तरह बंद रहेंगे। यानी चार दिन तक बैंकिंग सेवाएं ठप रहेंगी, जिससे आम जनता को काफी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
कब-कब बंद रहेंगे बैंक?
- 22 मार्च (शनिवार) - तीसरे शनिवार की छुट्टी
- 23 मार्च (रविवार) - साप्ताहिक अवकाश
- 24 मार्च (सोमवार) - राष्ट्रव्यापी हड़ताल
- 25 मार्च (मंगलवार) - राष्ट्रव्यापी हड़ताल
इसका मतलब यह है कि 22 मार्च से लेकर 25 मार्च तक बैंकिंग सेवाएं ठप रहेंगी। इसके बाद 31 मार्च को ईद और 1 अप्रैल को सरहुल की छुट्टी है, जिससे महीने के अंत और नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत में भी बैंकिंग सेवाओं पर असर पड़ सकता है।
किन बैंकों पर पड़ेगा असर?
झारखंड में कार्यरत 12 सरकारी बैंक और ग्रामीण बैंक के सभी अधिकारी और कर्मचारी इस राष्ट्रव्यापी हड़ताल में शामिल होंगे। इससे झारखंड में मौजूद 3,319 बैंक शाखाओं में ताले लटके रहेंगे।
बैंक हड़ताल क्यों हो रही है?
बैंक कर्मचारियों की हड़ताल का मुख्य कारण है - बैंक निजीकरण का विरोध और कर्मचारियों के लिए 5-दिवसीय कार्य सप्ताह की मांग।
बैंक यूनियन के नेताओं के अनुसार, निजीकरण से बैंकिंग सेक्टर में नौकरियों की असुरक्षा बढ़ेगी और सरकारी बैंक धीरे-धीरे प्राइवेट हाथों में चले जाएंगे। इसके अलावा, कर्मचारियों की भर्ती में देरी, आउटसोर्सिंग का बढ़ता प्रभाव और अस्थायी कर्मचारियों को नियमित न करने जैसी समस्याओं पर भी बैंक यूनियन नाराज है।
ऑनलाइन ट्रांजैक्शन रहेंगे जारी!
अगर आपको डिजिटल पेमेंट करना है, तो राहत की बात यह है कि हड़ताल के दौरान ऑनलाइन बैंकिंग सेवाएं चालू रहेंगी। UPI, नेट बैंकिंग और मोबाइल बैंकिंग जैसी सेवाओं पर कोई असर नहीं पड़ेगा। हालांकि, बैंक बंद रहने से चेक क्लियरेंस, लोन प्रोसेसिंग और अन्य बैंकिंग कार्य ठप हो सकते हैं।
इतिहास में ऐसी हड़ताल पहले भी हो चुकी है!
बैंकिंग क्षेत्र में हड़ताल कोई नई बात नहीं है। 1990 और 2000 के दशक में भी बैंक यूनियनों ने कई बार हड़ताल करके अपनी मांगें मनवाई थीं। सबसे बड़ी हड़ताल 2019 में हुई थी, जब देशभर के 10 लाख से ज्यादा बैंक कर्मचारी दो दिन की हड़ताल पर चले गए थे। उस समय भी मुद्दा निजीकरण का विरोध और कर्मचारियों के वेतनमान में सुधार था।
जनता को क्या करना चाहिए?
- अगर आपको कैश की जरूरत है, तो पहले ही निकाल लें, क्योंकि एटीएम में कैश की किल्लत हो सकती है।
- चेक क्लियरेंस या अन्य बैंकिंग कार्य पहले ही निपटा लें।
- डिजिटल पेमेंट और ऑनलाइन बैंकिंग सेवाओं का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करें।
आगे क्या होगा?
सरकार और बैंक यूनियनों के बीच बातचीत जारी है। अगर सरकार कोई ठोस आश्वासन देती है, तो हड़ताल टल सकती है। लेकिन अगर बैंक यूनियन अपनी मांगों पर अड़ी रही, तो आने वाले दिनों में बैंकिंग क्षेत्र में और भी बड़े आंदोलन देखने को मिल सकते हैं।
इसलिए, अगर आपके पास बैंक से जुड़े कोई जरूरी काम हैं, तो बिना देर किए आज ही निपटा लें! ????????
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