क्या अहिवारा में शांतिपूर्ण बंद से कवर्धा कांड पर न्याय की उम्मीद जागी?
अहिवारा में कवर्धा कांड के विरोध में शांतिपूर्ण बंद का आयोजन किया गया। क्या इस बंद से न्याय की उम्मीद जगी है? जानें कैसे व्यापारियों और कांग्रेस कमेटी ने इसमें अहम भूमिका निभाई।
अहिवारा में शांतिपूर्ण बंद: क्या कवर्धा कांड पर न्याय की मांग पूरी होगी?
छत्तीसगढ़ के कवर्धा के लोहारीडीह गांव में हाल ही में हुई हिंसा और हत्या के विरोध में आज अहिवारा नगर में एक शांतिपूर्ण बंद का आयोजन किया गया। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के निर्देशानुसार इस बंद का मुख्य उद्देश्य राज्य की बिगड़ती कानून व्यवस्था और पुलिस द्वारा कथित बेरहम पिटाई से हुई मौत के विरोध में आवाज उठाना था। इस बंद को अहिवारा के व्यापारियों का भी समर्थन मिला, जिससे इस आयोजन को और अधिक महत्व मिला।
बंद के कारण और पृष्ठभूमि
कवर्धा कांड ने पूरे छत्तीसगढ़ में गुस्से की लहर पैदा कर दी है। लोहारीडीह गांव में हुए इस हिंसक कांड में हत्या, आगजनी और पुलिस की कथित पिटाई के कारण एक व्यक्ति की मौत हो गई। इस घटना ने न केवल वहां के निवासियों को आक्रोशित किया बल्कि पूरे प्रदेश में इसकी गूंज सुनाई दी। कांग्रेस ने इसे राज्य सरकार की नाकामी और कानून व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति का प्रमाण बताया है।
इस घटनाक्रम के विरोध में प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने कई जिलों में बंद का आह्वान किया, जिसमें अहिवारा नगर भी शामिल था। अहिवारा नगर कांग्रेस कमेटी के नेतृत्व में इस बंद को सफल बनाने के लिए कई नेताओं और कार्यकर्ताओं ने सहयोग किया।
व्यापारी संघ का समर्थन
अहिवारा के समस्त व्यापारी संघ ने इस बंद को अपना पूर्ण समर्थन दिया। स्थानीय व्यापारियों ने दुकानें बंद कर, बंद का समर्थन किया और इस घटना के प्रति अपना गहरा दुख व्यक्त किया। इस सहयोग के लिए नगर कांग्रेस कमेटी ने व्यापारियों का आभार व्यक्त किया और इसे जनता की एकता और न्याय की मांग का प्रतीक बताया।
बंद में कांग्रेस नेताओं की भागीदारी
बंद कार्यक्रम में कई प्रमुख कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता शामिल हुए। श्री कैलाश नाहटा, ओनी महिलांग, हेमंत साहू, विजय साहू, नागमणि साहू, स्टालिन सामुवेल, राजू यादव, और भुवन साहू जैसे नेता बंद के प्रमुख चेहरे थे। इनके साथ बड़ी संख्या में कांग्रेस के स्थानीय कार्यकर्ता भी बंद में शामिल हुए और पूरे आयोजन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
शांतिपूर्ण बंद की सफलता
अहिवारा में बंद पूरी तरह से शांतिपूर्ण रहा और इसमें किसी भी तरह की हिंसा या उपद्रव की कोई खबर नहीं आई। इससे यह स्पष्ट होता है कि जनता न्याय की मांग के लिए एकजुट है, लेकिन वह इसे शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक तरीके से व्यक्त करना चाहती है। बंद में शामिल सभी कार्यकर्ताओं ने यह स्पष्ट कर दिया कि उनका उद्देश्य न्याय की मांग करना है, न कि किसी प्रकार की अशांति फैलाना।
क्या होगा अगला कदम?
अब सवाल यह उठता है कि क्या इस बंद से सरकार पर दबाव बढ़ेगा और क्या कवर्धा कांड में न्याय मिलेगा? कांग्रेस का कहना है कि अगर सरकार ने इस मामले में उचित कार्रवाई नहीं की तो आंदोलन और तेज किया जाएगा। जनता की उम्मीदें अब इस बंद से जुड़ी हैं, और सभी की निगाहें अब राज्य सरकार के अगले कदम पर टिकी हुई हैं।
What's Your Reaction?