Adityapur Protest: मानगो के कचरे पर बवाल, झारखंड चेतना मंच ने किया जोरदार विरोध
आदित्यपुर में मानगो नगर निगम का कचरा डंप करने के फैसले पर झारखंड चेतना मंच ने कड़ा विरोध जताया। उप नगर आयुक्त को ज्ञापन सौंपते हुए इसे अविवेकपूर्ण निर्णय बताया।
Adityapur: Protest News में झारखंड चेतना मंच के सदस्यों ने मानगो नगर निगम का कचरा आदित्यपुर में डंप करने के प्रस्ताव पर तीखी आपत्ति जताई है। मंच के प्रतिनिधियों ने मंगलवार को आदित्यपुर नगर निगम की उप नगर आयुक्त पारुल सिंह से मुलाकात कर अपना विरोध दर्ज कराया।
कचरा डंपिंग का फैसला: आदित्यपुर में क्यों बढ़ा विरोध?
झारखंड चेतना मंच के अध्यक्ष सुरेश धारी ने बताया कि स्थानीय समाचार पत्रों में प्रकाशित खबर से पता चला कि मानगो नगर निगम के क्षेत्र में जमा कचरे को आदित्यपुर नगर निगम के क्षेत्र में डंप करने का फैसला किया गया है। इस निर्णय को मंच ने पूरी तरह अविवेकपूर्ण बताते हुए इसे खारिज करने की मांग की है।
ज्ञापन सौंपा, प्रशासन से कार्रवाई की मांग
मंच ने आदित्यपुर नगर निगम के प्रशासक के नाम ज्ञापन सौंपा है। इसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि यह कदम न केवल आदित्यपुर के पर्यावरण को प्रभावित करेगा, बल्कि स्थानीय निवासियों के स्वास्थ्य पर भी बुरा असर डालेगा। मंच ने प्रशासन से अपील की है कि मानगो का कचरा आदित्यपुर में डंप करने का फैसला तुरंत रद्द किया जाए।
आदित्यपुर का ऐतिहासिक संदर्भ और पर्यावरणीय प्रभाव
आदित्यपुर, जो झारखंड के औद्योगिक क्षेत्रों में प्रमुख स्थान रखता है, पहले ही प्रदूषण से जूझ रहा है। ऐसे में मानगो का कचरा डंप करने का फैसला यहां की समस्याओं को और बढ़ा सकता है।
- पर्यावरणीय चुनौतियां: यह क्षेत्र औद्योगिक कचरे और अन्य प्रदूषणकारी तत्वों से पहले ही प्रभावित है।
- स्वास्थ्य जोखिम: डंपिंग के कारण हवा और पानी की गुणवत्ता में गिरावट आने से बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है।
मानगो में कचरा प्रबंधन की समस्या
मानगो नगर निगम क्षेत्र में पिछले कुछ दिनों से कचरा प्रबंधन एक बड़ी समस्या बनी हुई है। लगातार जमा हो रहे कचरे के कारण स्थानीय निवासियों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि, आदित्यपुर में कचरा डंप करने का प्रस्ताव इससे बचने का एक अस्थायी उपाय है, लेकिन इससे आदित्यपुर के लोगों के लिए नई परेशानियां खड़ी हो सकती हैं।
झारखंड चेतना मंच का रुख
झारखंड चेतना मंच ने स्पष्ट किया है कि वे आदित्यपुर के पर्यावरण और निवासियों के स्वास्थ्य के साथ कोई समझौता नहीं होने देंगे। सुरेश धारी ने कहा, "यह निर्णय बिना स्थानीय निवासियों की सहमति के लिया गया है। यह प्रशासनिक अव्यवस्था का उदाहरण है।"
स्थानीय निवासियों में बढ़ रहा गुस्सा
आदित्यपुर के लोग पहले से ही इस प्रस्ताव को लेकर नाराज हैं। कई लोगों का कहना है कि प्रशासन को इस मुद्दे पर सार्वजनिक राय लेनी चाहिए थी। अगर यह निर्णय लागू होता है, तो इसके खिलाफ बड़े स्तर पर आंदोलन की संभावना है।
क्या है समाधान?
विशेषज्ञों का मानना है कि मानगो और आदित्यपुर दोनों क्षेत्रों में ठोस कचरा प्रबंधन के लिए दीर्घकालिक योजनाओं की जरूरत है।
- कचरा रीसाइक्लिंग: दोनों क्षेत्रों में रीसाइक्लिंग प्लांट स्थापित करना।
- सामुदायिक सहभागिता: स्थानीय निवासियों और संगठनों को शामिल करना।
- नए डंपिंग क्षेत्र: आबादी से दूर सुरक्षित स्थानों की पहचान करना।
आदित्यपुर में मानगो नगर निगम का कचरा डंप करने का निर्णय सिर्फ एक प्रशासनिक फैसला नहीं, बल्कि पर्यावरण और स्वास्थ्य से जुड़ा गंभीर मुद्दा है। झारखंड चेतना मंच का यह विरोध प्रशासन को जिम्मेदारी से काम करने के लिए चेतावनी है। अब देखना यह है कि प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है।
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