Adityapur Principal Controversy : Adityapur में Principal Controversy,छात्रों के बंधक बनाए जाने का आरोप
आदित्यपुर पॉलिटेक्निक कॉलेज में फ्रेशर पार्टी को लेकर छात्रों को बंधक बनाए जाने का मामला सामने आया। छात्रों ने प्रिंसिपल पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसमें सीनियर्स द्वारा पिटाई कराना और हॉस्टल में ताला लगाना शामिल है।
सरायकेला-खरसावां जिले के आदित्यपुर पॉलिटेक्निक कॉलेज से हैरान करने वाली खबर सामने आई है। 90 से अधिक छात्रों ने आरोप लगाया है कि कॉलेज के प्रिंसिपल ने उन्हें हॉस्टल में बंधक बना दिया। यह मामला तब शुरू हुआ, जब छात्रों ने फ्रेशर पार्टी के लिए मांगी गई रकम देने से इनकार कर दिया।
क्या है पूरा मामला?
आदित्यपुर पॉलिटेक्निक कॉलेज, जो सरकारी तकनीकी शिक्षा का प्रमुख केंद्र है, में यह विवाद तब उभरा जब छात्रों ने आरोप लगाया कि प्रिंसिपल ने फ्रेशर पार्टी के लिए प्रति छात्र ₹130 की मांग की। छात्रों ने आर्थिक तंगी का हवाला देते हुए इस रकम को देने में असमर्थता जताई। इसके बाद कथित रूप से प्रिंसिपल ने 90 छात्रों को हॉस्टल के अंदर बंद कर दिया और ताला लगा दिया।
छात्रों ने आरोप लगाया कि यह मामला केवल पैसे तक सीमित नहीं रहा।
- सीनियर्स से पिटाई करवाने का आरोप: कुछ छात्रों का दावा है कि प्रिंसिपल ने सीनियर छात्रों को उनके साथ दुर्व्यवहार और पिटाई के लिए उकसाया।
- आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को निशाना: बंधक बनाए गए अधिकांश छात्र आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों से आते हैं। इनमें से कई के माता-पिता किसान, गार्ड, या मजदूर हैं।
प्रिंसिपल पर लगे गंभीर आरोप
छात्रों का कहना है कि प्रिंसिपल का रवैया बेहद सख्त और डराने वाला है।
- हॉस्टल में ताला लगाकर छात्रों को बाहर निकलने से रोकना।
- पुलिस की मौजूदगी में ताला खुलवाने के बाद दोबारा ताला लगाना।
- छात्रों की शिकायतों को नजरअंदाज करना और किसी भी सवाल का जवाब देने से बचना।
प्रशासन को भेजा गया पत्र
घटनाक्रम से घबराए छात्रों ने जिला प्रशासन को पत्र लिखकर मदद मांगी है। इसमें उन्होंने अपनी स्थिति और आर्थिक परेशानियों का हवाला देते हुए तत्काल सहायता की गुहार लगाई है।
स्थानीय पुलिस की कार्रवाई
मामले की सूचना मिलने पर स्थानीय पुलिस हॉस्टल पहुंची और ताला खुलवाया। हालांकि, पुलिस के जाते ही हॉस्टल में दोबारा ताला लगा दिया गया। यह स्थिति छात्रों में और अधिक भय का कारण बनी।
गौरवशाली इतिहास पर सवाल
आदित्यपुर पॉलिटेक्निक कॉलेज का इतिहास गौरवशाली रहा है। इस संस्थान ने तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में कई उपलब्धियां हासिल की हैं। लेकिन हालिया घटनाओं ने इसकी साख पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
छात्रों की परेशानी और डर का माहौल
छात्रों का कहना है कि इस घटना ने उनके मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा असर डाला है। कई छात्र कॉलेज छोड़ने और अन्य संस्थानों में प्रवेश लेने पर विचार कर रहे हैं।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की घटनाएं विद्या के मंदिर की गरिमा को ठेस पहुंचाती हैं।
- शिक्षा संस्थानों को छात्रों के लिए सुरक्षित और प्रेरणादायक माहौल प्रदान करना चाहिए।
- इस तरह के विवादों से छात्रों की शिक्षा और भविष्य दोनों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
आगे की कार्रवाई क्या हो सकती है?
इस मामले में जिला प्रशासन और राज्य शिक्षा विभाग की भूमिका महत्वपूर्ण होगी। छात्रों की शिकायतों की निष्पक्ष जांच के बाद दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की आवश्यकता है।
आदित्यपुर पॉलिटेक्निक कॉलेज का यह विवाद केवल एक संस्थान का मामला नहीं है, बल्कि यह सवाल उठाता है कि शिक्षा संस्थानों में प्रबंधन और छात्रों के बीच विश्वास कैसे कायम किया जाए। इस घटना ने शिक्षा जगत को झकझोर कर रख दिया है और उम्मीद है कि संबंधित अधिकारी इस पर गंभीरता से ध्यान देंगे।
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