Abhishek Kumar ने गुरु नानक देव जी की 555वीं जयंती पर सेवा कैंप लगाकर श्रद्धालुओं को दी राहत
गुरु नानक देव जी की 555वीं जयंती पर अभिषेक कुमार और उनकी टीम ने नगर कीर्तन में शामिल श्रद्धालुओं को सेवा कैंप लगाकर चाय, नाश्ता और पानी वितरित किया। जानिए इस नेक कार्य के बारे में।
आज, 15 नवंबर 2024, को गुरु नानक देव जी की 555वीं जयंती के उपलक्ष्य में, आप नेता अभिषेक कुमार के नेतृत्व में एक विशेष सेवा कैंप का आयोजन किया गया। यह सेवा कैंप नगर कीर्तन में शामिल सभी श्रद्धालुओं के लिए था, जिसमें उन्हें चाय, नाश्ता और पानी वितरित किया गया। इस दिन का महत्व केवल धार्मिक रूप से नहीं, बल्कि समाज सेवा के दृष्टिकोण से भी बहुत खास था।
गुरु नानक देव जी की जयंती पर इस सेवा कैंप का आयोजन एक संस्कारिक परंपरा का हिस्सा बन चुका है, जो हर वर्ष की तरह इस बार भी श्रद्धालुओं के बीच आप नेता अभिषेक कुमार और उनकी टीम ने बांटा। यह कार्य एक तरह से समाज के लिए समर्पित और निःस्वार्थ सेवा का प्रतीक बन गया है।
गुरु नानक देव जी का इतिहास और उनके योगदान की झलक
गुरु नानक देव जी सिख धर्म के पहले गुरु थे, और उनका संदेश आज भी पूरी दुनिया में फैल रहा है। उन्होंने हमेशा मानवता, समानता और भाईचारे का संदेश दिया। उनकी शिक्षाओं में सेवा, सादगी, और ईश्वर के प्रति भक्ति की अत्यधिक महत्ता है। उनकी जयंती पर ऐसे आयोजनों का महत्व और बढ़ जाता है, क्योंकि यह उनके शिक्षाओं को आगे बढ़ाने का एक तरीका होता है।
सेवा कैंप में किसने किया सहयोग?
इस अवसर पर अभिषेक कुमार और उनकी टीम ने सेवा कार्य में भाग लिया, जिसमें संतोष भगत, रमेश प्रसाद, चरणजीत सिंह, के के देशमुख, देवेंद्र सिंह, अमरजीत सिंह, मनीष सिंह, आशीष कुमार घोष, संजय सिंह, मनजीत सिंह, संजिव शर्मा, पीयूष गुप्ता, जय किशन और कई अन्य लोग मौजूद थे। इन सभी ने मिलकर न केवल सेवा की बल्कि सिख धर्म के सिद्धांतों को प्रकट करते हुए एकता और सहयोग की भावना को आगे बढ़ाया।
सेवा कार्य का उद्देश्य और महत्व
इस सेवा कार्य का उद्देश्य केवल श्रद्धालुओं को भोजन और पानी मुहैया कराना नहीं था, बल्कि यह एक सामाजिक संदेश भी था। नगर कीर्तन जैसे धार्मिक आयोजनों में भाग लेने वाले लोगों की सेवा करना और उन्हें राहत देना, एक सकारात्मक समाज की ओर कदम बढ़ाना है। यह एक ऐसा कार्य है, जो समाज में समानता और भाईचारे को बढ़ावा देता है, और यह भी दर्शाता है कि धर्म केवल पूजा और उपासना तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समाज के लिए कार्य करने का भी एक माध्यम है।
निःस्वार्थ सेवा का एक उदाहरण
यह आयोजन केवल एक धार्मिक उत्सव नहीं था, बल्कि यह एक निःस्वार्थ सेवा का उदाहरण भी था। जब लोग अपने व्यस्त जीवन में अपने परिवार और काम के बीच समय नहीं निकाल पाते, तब अभिषेक कुमार और उनकी टीम जैसे लोग समाज के लिए अपना समय और ऊर्जा समर्पित करते हैं। इस आयोजन ने यह भी सिद्ध किया कि समानता और मानवता का संदेश जीवन के हर पहलु में फैलाना जरूरी है।
समाज सेवा की दिशा में एक और कदम
गुरु नानक देव जी की जयंती पर की गई इस सेवा को देखकर यह महसूस होता है कि यदि हर व्यक्ति अपनी क्षमता अनुसार समाज के लिए कुछ योगदान दे, तो न केवल समाज में खुशहाली आएगी, बल्कि धर्म और सेवा के सिद्धांतों का भी प्रचार-प्रसार होगा। यह आयोजन एक प्रेरणा बन सकता है, जो और भी लोगों को समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाने के लिए प्रेरित करेगा।
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