सरायकेला में पारिवारिक विवाद के बाद व्यक्ति ने कीटनाशक खाकर की आत्महत्या की कोशिश, अस्पताल में भर्ती
सरायकेला के भंडारी साइन गांव के लाल बाबू मोदी ने पत्नी से झगड़े के बाद कीटनाशक खाकर आत्महत्या का प्रयास किया। उन्हें गंभीर हालत में एमजीएम अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस मामले की जांच में जुटी है।
सरायकेला, झारखंड - सरायकेला खरसावां जिले के सरायकेला थाना क्षेत्र के भंडारी साइन गांव में शनिवार की रात एक दुखद घटना सामने आई। गांव निवासी लाल बाबू मोदी ने शनिवार की रात अपने घर में कीटनाशक खाकर आत्महत्या करने का प्रयास किया। घटना के बाद परिवार के सदस्यों ने उन्हें तुरंत सरायकेला सदर अस्पताल में भर्ती कराया। उनकी हालत गंभीर होने के कारण रविवार को उन्हें एमजीएम अस्पताल, जमशेदपुर में रेफर कर दिया गया।
लाल बाबू मोदी पेशे से ड्राइवर हैं। जानकारी के अनुसार, शनिवार की रात उनका अपनी पत्नी के साथ किसी बात को लेकर झगड़ा हुआ था। झगड़े के बाद लाल बाबू ने निराश होकर कीटनाशक खा लिया। जब परिवार को इस घटना की जानकारी मिली तो उन्होंने तुरंत एंबुलेंस बुलाई और उन्हें सरायकेला सदर अस्पताल ले गए।
अस्पताल पहुंचते ही डॉक्टरों ने उनकी स्थिति को गंभीर बताया और बेहतर इलाज के लिए उन्हें एमजीएम अस्पताल रेफर कर दिया। फिलहाल लाल बाबू मोदी का इलाज चल रहा है और उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है।
पुलिस को घटना की सूचना मिलते ही सरायकेला थाना की टीम ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी। पुलिस ने लाल बाबू की पत्नी और परिवार के अन्य सदस्यों से पूछताछ की है। पुलिस इस घटना के पीछे के कारणों का पता लगाने की कोशिश कर रही है।
सरायकेला थाना प्रभारी ने बताया कि प्रारंभिक जांच में यह मामला पारिवारिक विवाद का प्रतीत होता है। उन्होंने कहा, "हम घटना के सभी पहलुओं की जांच कर रहे हैं। परिवार के सदस्यों से बातचीत कर स्थिति को समझने की कोशिश कर रहे हैं।"
पुलिस ने बताया कि परिवार के सदस्यों के बयान के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। पुलिस ने यह भी कहा कि फिलहाल प्राथमिकता मरीज की हालत में सुधार लाने की है।
लाल बाबू मोदी के आत्महत्या के प्रयास ने गांव में सनसनी फैला दी है। गांव के लोग इस घटना से दुखी हैं और परिवार के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त कर रहे हैं। गांववालों ने बताया कि लाल बाबू एक अच्छे इंसान हैं और कभी किसी से झगड़ा नहीं करते थे। उनके इस कदम से सभी स्तब्ध हैं।
एमजीएम अस्पताल के डॉक्टरों ने बताया कि लाल बाबू की हालत अभी स्थिर है, लेकिन उन्हें अभी भी निगरानी में रखा गया है। डॉक्टरों ने यह भी कहा कि समय पर इलाज मिलने के कारण उनकी जान बच गई है।
घटना के बाद से लाल बाबू की पत्नी भी बेहद सदमे में है। परिवार के अन्य सदस्य उन्हें सांत्वना देने की कोशिश कर रहे हैं।
इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि मानसिक तनाव और पारिवारिक विवाद कितने घातक हो सकते हैं। आत्महत्या किसी भी समस्या का समाधान नहीं है। हमें इस तरह की घटनाओं से सबक लेना चाहिए और मानसिक स्वास्थ्य के प्रति सजग रहना चाहिए।
समाज के सभी लोगों को ऐसे समय में एक-दूसरे का साथ देना चाहिए और मानसिक रूप से परेशान व्यक्ति की मदद करनी चाहिए। अगर आप या आपका कोई प्रिय व्यक्ति मानसिक तनाव से जूझ रहा है, तो उसे समय रहते सही मदद दिलाना आवश्यक है।
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