Jamshedpur Saraswati Puja: श्री श्री 31 फीट सार्वजनिक सरस्वती पूजा की तैयारियों में जुटा विद्यापति नगर

विद्यापति नगर, जमशेदपुर में श्री श्री 31 फीट सार्वजनिक सरस्वती पूजा की तैयारी जोर-शोर से शुरू। जानें, कैसे यह आयोजन बन रहा है भक्ति और सामूहिक सहयोग का प्रतीक।

Dec 1, 2024 - 22:48
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Jamshedpur Saraswati Puja: श्री श्री 31 फीट सार्वजनिक सरस्वती पूजा की तैयारियों में जुटा विद्यापति नगर
Jamshedpur Saraswati Puja: श्री श्री 31 फीट सार्वजनिक सरस्वती पूजा की तैयारियों में जुटा विद्यापति नगर

Jamshedpur Saraswati Puja : श्री श्री 31 फीट सार्वजनिक सरस्वती पूजा: जमशेदपुर में भव्य आयोजन की तैयारी शुरू

जमशेदपुर के विद्यापति नगर, कुआं मैदान में इस बार श्री श्री 31 फीट सार्वजनिक सरस्वती पूजा का आयोजन भव्य रूप से किया जा रहा है। आयोजन की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं, और इसे शहर के सबसे बड़े सामूहिक उत्सवों में से एक बनाने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है।

 

बैठक में हुआ विचार-विमर्श और संकल्प

पूजा की तैयारी के लिए एक बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें सैकड़ों मेंबर्स ने हिस्सा लिया। बैठक में पूजा को सफल और ऐतिहासिक बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई।

  • बैठक का नेतृत्व मुख्य संरक्षक प्रह्लाद लोहरा और अध्यक्ष अभिलाष गौर ने किया।
  • उपस्थित सदस्यों ने अपने विचार और सुझाव प्रस्तुत किए, जिसमें सभी ने मिलकर सामूहिक सहयोग और प्रतिबद्धता का संकल्प लिया।

आयोजन का प्रमुख उद्देश्य और विशेषताएं

इस पूजा का उद्देश्य न केवल विद्या और कला की देवी सरस्वती की आराधना करना है, बल्कि यह सामाजिक एकता और सामूहिक सहयोग का संदेश भी देता है।

  • 31 फीट की प्रतिमा: पूजा की मुख्य आकर्षण 31 फीट ऊंची सरस्वती प्रतिमा होगी, जिसे शहर में सबसे बड़ी प्रतिमाओं में से एक माना जा रहा है।
  • सार्वजनिक आयोजन: यह पूजा पूरी तरह से सार्वजनिक होगी, जहां शहर के हर नागरिक को आमंत्रित किया गया है।

विद्यापति नगर की परंपरा और इतिहास

विद्यापति नगर, जमशेदपुर, भक्ति और सांस्कृतिक आयोजनों के लिए प्रसिद्ध है।

  • पिछले वर्षों की उपलब्धियां: यहां हर साल सरस्वती पूजा भव्यता से आयोजित होती है।
  • परंपरा और समुदाय: यह आयोजन स्थानीय समुदाय की सांस्कृतिक विरासत और उनकी एकजुटता का प्रतीक है।

कमेटी और मेंबर्स का सहयोग

इस बार की पूजा को सफल बनाने के लिए आयोजन समिति ने विशेष भूमिका निभाई है। प्रमुख सदस्यों में शामिल हैं:

  • प्रह्लाद लोहरा, अभिलाष गौर, सुबोध कुमार, पिंटू सिंह, अनूपम सिंह, बादल गौर, सुजीत लोहार, और सैकड़ों अन्य।
  • इन सभी ने अपने समय और संसाधनों को लगाकर आयोजन को सफल बनाने का संकल्प लिया।

सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व

सरस्वती पूजा न केवल धार्मिक उत्सव है, बल्कि यह शिक्षा, कला, और संस्कृति को बढ़ावा देने का प्रतीक भी है।

  • युवाओं की भागीदारी: इस आयोजन में बड़ी संख्या में युवाओं ने अपनी जिम्मेदारियां निभाईं, जो सामुदायिक एकता को मजबूत करता है।
  • सामूहिक सहयोग: समाज के विभिन्न वर्गों से लोगों ने मिलकर इसे संभव बनाने में योगदान दिया।

भविष्य की योजना और आयोजन के आकर्षण

आयोजन समिति ने पूजा को और भी खास बनाने के लिए कुछ अनोखी पहल की हैं:

  1. विशेष सांस्कृतिक कार्यक्रम: पूजा के दौरान स्थानीय कलाकारों द्वारा संगीत और नृत्य की प्रस्तुतियां होंगी।
  2. सुरक्षा और सुविधा: कार्यक्रम स्थल पर सुरक्षा और ट्रैफिक प्रबंधन का विशेष ध्यान रखा गया है।
  3. सामूहिक भोग: आयोजन के अंतिम दिन सभी भक्तों के लिए सामूहिक भोग की व्यवस्था की जाएगी।

आयोजन समिति का संदेश

मुख्य संरक्षक प्रह्लाद लोहरा ने कहा:

"यह पूजा विद्यापति नगर की परंपरा को आगे बढ़ाने का प्रयास है। हम सभी मेंबर्स ने मिलकर इसे ऐतिहासिक बनाने का संकल्प लिया है।"

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Team India मैंने कई कविताएँ और लघु कथाएँ लिखी हैं। मैं पेशे से कंप्यूटर साइंस इंजीनियर हूं और अब संपादक की भूमिका सफलतापूर्वक निभा रहा हूं।