राष्ट्रीय बालिका दिवस पर महिलाओं की ग्राम पंचायत में भूमिका: जानें विशेषज्ञों के विचार”
राष्ट्रीय बालिका दिवस पर ‘महिला ग्राम पंचायत’ पुस्तक पर संगोष्ठी: महिला सशक्तिकरण का नया अध्याय : राष्ट्रीय बालिका दिवस पर ‘महिला ग्राम पंचायत’ पुस्तक पर संगोष्ठी आयोजित की गई। जानें कैसे यह पुस्तक महिला सशक्तिकरण और ग्राम पंचायत में महिलाओं की भूमिका को नया आयाम देती है।
प्रेरणा बुड़ाकोटी/ नई दिल्ली: राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर डॉ. मधुकांत द्वारा लिखित पुस्तक ‘महिला ग्राम पंचायत’ पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। यह संगोष्ठी स्वच्छ हिंदी वैश्विक हिंदी अभियान मंच (स्त्री संगठन रोहतक इकाई) और अखिल भारतीय प्रेरणा साहित्य एवं शोध संस्थान कुरुक्षेत्र के संयुक्त तत्वावधान में संपन्न हुई।
संगोष्ठी की अध्यक्षता यूएई से सम्मिलित डॉ. आरती लोकेश ने की। उन्होंने कहा, “यह पुस्तक हरियाणवी आंचलिकता से भरपूर है और महिलाओं को ग्राम पंचायत में प्रेरणा और जागरूकता प्रदान करेगी।"
पुस्तक की चर्चा और महिलाओं के लिए संदेश
अखिल भारतीय प्रेरणा साहित्य एवं शोध संस्थान के संस्थापक डॉ. जय भगवान सिंगला ने कहा कि इस पुस्तक को राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत सरकार द्वारा प्रकाशित किया गया है। यह प्रत्येक महिला ग्राम पंचायत तक पहुंचनी चाहिए ताकि महिलाएं अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हो सकें।
संगोष्ठी में श्रीमती आशा खत्री लता ने पुस्तक की विवेचना की। उन्होंने बताया कि पुस्तक की नायिका ममता अपने गाँव में महिला सशक्तिकरण की मिसाल पेश करती है।
उन्होंने कहा, “ममता सबसे पहले अपनी टीम को संगठित करती है और उनके लिए स्पष्ट उद्देश्यों को तय करती है। वह सुनिश्चित करती है कि महिलाओं के अधिकारों का हनन न हो।"
पुस्तक में शामिल मुख्य मुद्दे:
- आधुनिकतम खेती: महिलाओं को नई कृषि पद्धतियों से परिचित कराना।
- गोबर गैस प्लांट और सौर ऊर्जा: ऊर्जा संरक्षण और आत्मनिर्भरता।
- स्त्री शिक्षा और नशा मुक्ति अभियान।
- जीवन रक्षक रक्तदान और सुरक्षित वातावरण।
- जल संशोधन और महिला स्वावलंबन।
ममता की दूरदर्शी सोच उसे एक आदर्श ग्राम पंचायत सरपंच बनाती है। यह पुस्तक सिर्फ एक कहानी नहीं, बल्कि महिला सशक्तिकरण का एक उदाहरण है।
साहित्यकारों के विचार
संगोष्ठी में कई वरिष्ठ साहित्यकारों ने भाग लिया और ‘महिला ग्राम पंचायत’ पर अपने विचार व्यक्त किए।
प्रोफेसर शाम लाल कौशल, डॉ. ममता सूद, श्रीमती राधा अग्रवाल, उत्तरा जी, और शुभांगी चौहान (लातूर) ने ग्राम पंचायत में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी को सराहा।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. अंजना गर्ग ने किया। शुरुआत सरस्वती वंदना से हुई और समापन महिला सशक्तिकरण का सामूहिक गीत गाकर कंचन मुखीजा ने किया।
छात्रों के लिए प्रेरणादायक संदेश
इस संगोष्ठी से छात्रों के लिए यह प्रेरणा मिलती है कि कैसे समाज में योगदान देकर बदलाव लाया जा सकता है।
प्रश्न:
- क्या महिलाएं ग्राम पंचायत में नेतृत्व कर सकती हैं?
- महिला सशक्तिकरण में आपकी भूमिका क्या हो सकती है?
- एक सरपंच के रूप में आपके कदम क्या होंगे?
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