Jamshedpur Announcement: Winter Session 2024 में क्या खास? संविधान दिवस पर भव्य आयोजन

संसद का शीतकालीन सत्र 25 नवंबर से 20 दिसंबर तक चलेगा। संविधान दिवस पर सेंट्रल हॉल में 75वीं वर्षगांठ पर विशेष कार्यक्रम होगा। वक्फ संशोधन विधेयक और "एक राष्ट्र, एक चुनाव" जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा।

Nov 19, 2024 - 15:31
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Jamshedpur Announcement: Winter Session 2024 में क्या खास? संविधान दिवस पर भव्य आयोजन
Jamshedpur Announcement: Winter Session 2024 में क्या खास? संविधान दिवस पर भव्य आयोजन

जमशेदपुर: संसद का शीतकालीन सत्र 2024 इस बार बेहद खास होने वाला है। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजु ने जानकारी दी कि यह सत्र 25 नवंबर से 20 दिसंबर तक चलेगा। इसके दौरान, भारत के संविधान को अपनाने की 75वीं वर्षगांठ पर पुराने संसद भवन के सेंट्रल हॉल में एक भव्य कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।

संविधान दिवस: लोकतंत्र का उत्सव

26 नवंबर को संविधान दिवस के अवसर पर संसद के सेंट्रल हॉल में विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। यह आयोजन भारतीय लोकतंत्र और संविधान के महत्व को उजागर करेगा।

संविधान दिवस 1949 में संविधान सभा द्वारा भारतीय संविधान को अपनाने की याद में मनाया जाता है। बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के नेतृत्व में तैयार हुआ यह संविधान भारत के लोकतंत्र की आधारशिला है।

सत्र से जुड़े मुख्य एजेंडे

शीतकालीन सत्र 2024 में सरकार कुछ अहम विधेयकों को पास कराने की योजना बना रही है, जिनमें मुख्य हैं:

  1. वक्फ संशोधन विधेयक:
    यह विधेयक वक्फ संपत्तियों से जुड़े विवादों को हल करने और उनके दुरुपयोग को रोकने के लिए लाया जा रहा है। वक्फ संपत्तियों की पारदर्शिता सुनिश्चित करना इसका उद्देश्य है।

  2. एक राष्ट्र, एक चुनाव:
    "वन नेशन, वन इलेक्शन" के तहत पूरे देश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने की दिशा में चर्चा की जाएगी। यह पहल प्रशासनिक खर्चों को कम करने और चुनाव प्रक्रिया को सरल बनाने का प्रयास है।

  3. अन्य विधायी मुद्दे:
    सरकार कुछ और विधेयकों पर चर्चा कर उन्हें पास कराने का प्रयास करेगी, जो देश के विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं।

सर्वदलीय बैठक: सत्र को सुचारु बनाने की तैयारी

शीतकालीन सत्र शुरू होने से पहले 24 नवंबर को सुबह 11 बजे सर्वदलीय बैठक बुलाई गई है। यह परंपरा हर सत्र से पहले निभाई जाती है।
इस बैठक में सरकार विपक्ष को अपने विधायी एजेंडे के बारे में बताएगी और विपक्ष के सवालों व चिंताओं पर चर्चा करेगी।

इतिहास में झांकें: संसद और संविधान

भारतीय संसद, जिसे देश की लोकतांत्रिक शक्ति का प्रतीक माना जाता है, ने कई ऐतिहासिक क्षण देखे हैं। सेंट्रल हॉल, जहां संविधान दिवस का कार्यक्रम होगा, वही स्थान है जहां संविधान सभा की बैठकें होती थीं।
1950 में जब भारतीय संविधान लागू हुआ, यह विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र की नींव बना। संविधान दिवस का आयोजन न केवल इस नींव को सम्मानित करेगा बल्कि इसे आगे मजबूत करने की प्रतिबद्धता भी प्रदर्शित करेगा।

क्या है "वन नेशन, वन इलेक्शन"?

"एक राष्ट्र, एक चुनाव" का उद्देश्य देशभर में लोकसभा और राज्य विधानसभा के चुनाव एक साथ कराना है।
इससे चुनाव प्रक्रिया में समन्वय बनेगा, प्रशासनिक खर्च घटेगा और जनता के लिए सुविधाजनक होगा। हालांकि, इस पहल पर राजनीतिक दलों के बीच सहमति बनाना एक बड़ी चुनौती है।

वक्फ संशोधन विधेयक: क्यों है जरूरी?

वक्फ संपत्तियां मुस्लिम समुदाय की धार्मिक और सामाजिक जरूरतों को पूरा करने के लिए होती हैं। लेकिन इनसे जुड़े विवादों और संपत्तियों के दुरुपयोग की खबरें अक्सर सामने आती हैं।
सरकार वक्फ बोर्डों के कामकाज में सुधार और पारदर्शिता लाने के लिए इस विधेयक को पास कराना चाहती है।

शीतकालीन सत्र 2024 से उम्मीदें

यह सत्र न केवल विधायी कामकाज के लिए बल्कि भारत के संविधान और लोकतांत्रिक मूल्यों को मजबूत करने का एक मौका होगा।
सरकार और विपक्ष के बीच बहस और चर्चा के माध्यम से जनता से जुड़े मुद्दों पर समाधान निकालने का प्रयास होगा।

शीतकालीन सत्र 2024 भारतीय संसद के इतिहास में एक महत्वपूर्ण अध्याय जोड़ने जा रहा है। संविधान दिवस और "एक राष्ट्र, एक चुनाव" जैसे बड़े मुद्दे इस सत्र को ऐतिहासिक बनाएंगे।
यह आयोजन भारत के लोकतांत्रिक ढांचे और संवैधानिक मूल्यों को सम्मानित करने का एक अनूठा प्रयास है।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।